चीन में 'अच्छे मच्छर', खत्म करते हैं 'बुरे मच्छरों' को
पेइचिंग। चीन ने मच्छरों को मारने की एकदम नायाब तकनीक निकाली है। यहां की एक फैक्ट्री में बड़े पैमाने पर उनका उत्पादन होता है। विदित हो कि चीन की इस फैक्ट्री में 'अच्छे मच्छर', बनते हैं जोकि 'बुरे मच्छरों' का काम तमाम करते हैं।
विदित हो कि चीन ने मच्छरों के आतंक पर काफी हद तक काबू पा लिया है। ऐसा उसने दुनिया की उस सबसे बड़ी फैक्ट्री की मदद से किया, जहां बड़े पैमाने पर दुश्मन मच्छर यानी एंटी मोस्किटोज का उत्पादन होता है, ये दुश्मन मच्छर मच्छरों से लड़कर उन्हें खत्म कर देते हैं।
इस फैक्ट्री में हर हफ्ते 50 लाख मच्छरों का उत्पादन किया जाता है और फिर उन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों में छोड़ा जाता है। फैक्ट्री में पैदा हुए ये सभी नर मच्छर होते हैं और मादा एनाफिलीज मच्छरों को मारते हैं।
इस फैक्ट्री में पैदा होने वाले मच्छरों को अच्छे मच्छर कहा जाता है, जो बुरे मच्छरों को खत्म कर देते हैं। मच्छर पैदा करने वाली ये फैक्ट्री चीन के गुआंगझांग में है। यह फैक्ट्री 3500 फीट में फैली हुई है, यहां हर हफ्ते 50 लाख मच्छर पैदा किए जाते हैं, जो डेंगू और जीका के साथ उन सभी बीमारियों से रक्षा करने में कामयाब होते हैं जो बुरे मच्छरों के काटने से होती हैं।
फैक्ट्री का कहना है कि उसके अच्छे मच्छरों ने 96 फीसदी तक बुरे मच्छर खत्म हुए हैं। लैब में इन मच्छरों के जीन में बदलाव कर दिया जाता है। फिर इन्हें उन जगहों पर छोड़ दिया जाता है जहां मच्छर पाए जाते हैं। इन जेनेटिकली मॉडिफाइड नर मच्छर जब मादा से मिलते हैं तो इनसे पैदा होने वाले लार्वे अपने आप मर जाते हैं यानी ना लार्वा होगा और ना ही मच्छर पैदा होंगे।
चीन के इस तरीके ने अपने पहले ही ट्रायल में इसने जबरदस्त कामयाबी पाई। जिस इलाके में इन मच्छरों को छोड़ा गया, वहां कुछ ही समय में 96 फीसदी मच्छर कम हो गए जिसके बाद चीन ने इसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर करना शुरू कर दिया।
चीन ने मच्छरों को मारने के लिए एक पावरफुल रडार भी बनाया है। यह कई किलोमीटर दूर से ही मच्छरों की सेना को खोजकर मार देगा। चीन का ये रडार बिल्कुल उसी तरह से मच्छरों को खोजकर मारता है, जैसे कि सेना का कोई रडार छिपे हुए विदेशी दुश्मनों पर मिसाइल या गोलियां बरसाकर उनका काम तमाम करता है।
भारत में भी जेनेटिकली मॉडिफाइड मच्छर बनाए जा रहे हैं और मुंबई की एक कंपनी GBIT को ऐसे मच्छरों के ट्रायल की मंजूरी मिल चुकी है।