रूसी युवा के आश्चर्यजनक दावे, पूर्व जन्म मंगल पर
मॉस्को। रूस के वोल्गोग्राड में रहने वाले युवक बोरिसका किपरियानोविच (20 वर्षीय) ने चौंकाने वाले दावे किए हैं लेकिन उसके दावों की हकीकत जांचने का पृथ्वी पर कोई तरीका मौजूद नहीं है। उसका दावा है कि पृथ्वी पर दोबारा जन्म लेने से पहले वह मंगल ग्रह पर रहता था और वह एक पायलट था।
मेलऑनलाइन के लिए अलेक्जेंडर रॉबर्टसन का कहना है कि बोरिस्का किपिरियोनोविच ने अंतरिक्ष के अपने ज्ञान से विशेषज्ञों को भी चकित कर दिया है।
उसके माता-पिता का कहना है कि जन्म के कुछेक महीनों के बाद ही वह बोलने लगा था और दो वर्ष की उम्र में उसने पढ़ने, लिखने और चित्र बनाने में कुशलता हासिल कर ली थी। बोरिस्का का कहना है कि पूर्व जन्म में वह युद्ध से बर्बाद मंगल ग्रह पर रहता था। उसका कहना है कि पूर्व जन्म के समाप्त होने के बाद उसने पृथ्वी पर जन्म लिया है।
रूस में रहने वाले एक युवा बोरिसका किपरियानोविच ने कुछ चौंकाने वाले राज बताए हैं जो बेहद चर्चा में हैं। बोरिसका ने बताया कि वह मंगलग्रह का रहने वाला एक पायलट था जब धरती की यात्रा के दौरान उसकी मृत्यु हुई और उसने मनुष्य के तौर पर पुर्नजन्म लिया। उन्होंने बताया कि लेमूरियन सभ्यता के दौरान उन्होंने मंगलग्रह से कई बार पृथ्वी की यात्रा की थी और वहां का ज्ञान यहां से काफी विकसित था। मंगलवासी कई आकाशगंगाओं के बचकर यात्रा करने में सक्षम हैं।
लेमूरियन 70,000 वर्ष पहले पृथ्वी पर रहते थे। बोरिसका का दावा है कि उस सभ्यता में उनके कई दोस्त थे और उन्होंने उसे नष्ट होते हुए देखा था। बोरिसका का कहना है कि पृथ्वी पर रहने वालों की जिंदगी में बदलाव तब आएगा जब मिस्र के गीजा में स्फिंक्स का रहस्य खुलेगा। मानव को कई रहस्यों को जानने और विकास करने के लिए उनमें छिपे ज्ञान को अनलॉक करना पड़ेगा।
इन रहस्यों के ताले का कोड स्फिंक्स के कानों के पीछे कहीं छुपा है। पर वह दरसल क्या है और कैसे अनलॉक होगा, यह बात उसे याद नहीं आ रही है। किपरियानोविच के माता पिता की मानें तो वह सामान्य बच्चों की तुलना में कहीं ज्यादा होशियार था। 1996 में पैदा हुए बोरिसका ने महज 4 महीने में शब्दों को बोलना और 8 महीने में पूरे वाक्य बोलना शुरू कर दिए थे।
एक साल का होते-होते वह समाचार पत्र को पूरा पढ़ने लगा था। 3 साल की उम्र में उसने ब्रह्मांड के रहस्यों पर बातें करनी शुरू कर दी थीं। उसका यह भी कहना है कि मंगल ग्रह के वासी सात फीट तक लंबे होते हैं और वे पृथ्वी के नीचे रहते हैं और कार्बन डाई ऑक्साइड अपनी सांस में ग्रहण करते हैं। उसका यह भी दावा है कि मंगलवासी अमर होते हैं और 35 वर्ष की आयु के बाद उनकी उम्र बढ़नी बंद हो जाती है।