दृष्टिहीन धावक न्यू यॉर्क मैराथन में दौड़ेगा
न्यू यॉर्क। अत्याधुनिक और असाधारण तकनीक के बल पर यहां होने वाली मैराथन दौड़ में एक पूरी तरह से दृष्टिहीन धावक भी भाग लेगा। आईटीवी न्यूज के संवाददाता नील कनेरी ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि इस धावक ने जिस अत्याधुनिक तकनीक को विकसित करने में मदद की है, वह शहर में होने वाली मैराथन में पहले दृष्टिहीन धावक बनना चाहते हैं।
यह प्रतिभाषी हैं साइमन व्हीटक्रॉफ्ट जिनकी आंखों में एक अपकर्षक (डिजनरेटिव) बीमारी के कारण मात्र 17 वर्षीय की उम्र में पूरी तरह से दृष्टिहीन हो गए थे। वे अब एक नई तकनीक के सहारे धावकों के साथ भाग लेंगे, इस उपकरण के बल पर उन्हें यह पता लग जाएगा अगर वे दौड़ते-दौड़ते किसी अन्य धावक के बहुत करीब आ गए हैं और साथ ही, इससे उन्हें पता लग जाएगा कि उनके रास्ते में कोई अवरोध है।
वेबैंड नाम की इस तकनीक के अंतर्गत एक बांह में बांधने का पट्टा होता है जोकि जीपीएस की मदद व्हीटकॉफ्ट की मदद के लिए हलका कम्पन पैदा करते हैं जोकि दायीं और बायीं ओर पैदा होते हैं और उनका सही मार्ग सुनिश्चित करते हैं।
व्हीटक्रॉफ्ट का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि यह तकनीक लोगों के जीवन बदलने में सक्षम होगी। वे अपनी छाती पर एक और उपकरण पहनेंगे जोकि उन्हें सचेत करेगा कि उनके सामने बाधाएं आने वाली हैं।
उनका कहना है कि इस तकनीक को पूरी तरह से पूर्ण बनाने के दौरान उन्हें बहुत सारी बुरी दुर्घटनाओं से गुजरना पड़ा था जबकि वे बाहर अकेले में दौड़ रहे थे। वे कहते हैं कि ' जब आप दौड़ रहे हों और आप देख नहीं सकते हों तो आप यह मान लेते हैं कि बाहर का वातावरण स्थिर है। इस कारण से मुझे जली हुई कारों के बीच दौड़ना पड़ा और यह सब रास्ते के फर्श के बीचोंबीच था और मैं बुरी तरह से घायल हो गया था।'
उनका कहना है कि वे अन्य दृष्टिहीनों और आंशिक रूप से दृष्टिहीनों की मदद करना चाहते हैं और उन्हें उम्मीद है कि इस तकनीक से लोगों का जीवन बदलेगा। मैं यह इसलिए नहीं कर रहा हूं क्योंकि मैं इसका सबसे पहले ऐसा पहले करना चाहता हूं वरन मैं इस बात को सुनिश्चित करना चाहता हूं कि इस तकनीक से प्रत्येक जरूरतमंद को मदद मिलेगी।
उनका कहना है कि आगामी पांच नवंबर को आयोजित होने वाली मैराथन में भाग लेने को लेकर मैं 'बहुत उत्तेजित, नर्वस और थोड़ा सा डरा हुआ हूं।' उनका कहना है कि जब वह फिनिश लाइन को पार करेगा तो उम्मीद है कि वह भाव विभोर होगा।