94 साल की उम्र में एक गोल्ड और 2 कांस्य जीत कर फिनलैंड में लहराया भारत का परचम
कहते हैं कि 'जब हौसले मजबूत हो तो उम्र आड़े नहीं आती', ऐसा ही कुछ फिट बैठता है भगवानी देवी डागर के साथ जिन्होंने 94 वर्ष की उम्र में फिनलैंड में चल रही वर्ल्ड मास्टर एथेलेट चैम्पियनशिप 2022 में एक गोल्ड और 2 ब्रोंज मैडल जीते।
आपको शूटर दादी के नाम से चर्चित चंद्रो तोमर और प्रकाशी तोमर तो याद होंगी ही। इन्हीं की लिस्ट में एक और नाम जुड़ गया है जो है भगवानी देवी डागर। उन्होंने टैम्परे में आयोजित वर्ल्ड मास्टर्स एथेलेट चैम्पियनशीप में 100 मीटर स्प्रिंट में हासिल किया। उन्होंने अपनी दौड़ 24.74 सेकंड्स में पूरी की थी। इसी के साथ शॉटपुट (गोला फेंक) खेल में उन्हें कांस्य भी मिला।
उन्हें इस सराहनीय प्रयास के कारण पूरे विश्व से शुभकामनाएं मिल रही है। भारत के उन्हें शुभकामनाएं दी तो केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने उन्हें "inspirational" बताया। कपडा मंत्री पीयूष गोयल ने लिखा "दुनिया आपके चरणों में है, हम आप पर गर्व करते हैं...."। इससे पहले चेन्नई में आयोजित नेशनल मास्टर्स एथेलेट चैम्पियनशिप में इन्होने 3 गोल्ड मैडल जीते थे, जिसके कारण उन्हें टैम्परे में भारत का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला।
भगवानी देवी के साथ ही इस चैम्पियनशिप में केरल के पूर्व विधायक एम. जे. जेकब ने 82 वर्ष की उम्र में एम 80 केटेगरी (80 से 84 की उम्र) में 200 मीटर और 800 मीटर हर्डल रेस में 2 कांस्य पदक जीते हैं। इन्होने इसी उम्र में एशियन मास्टर एथेलेट चैम्पियनशिप में गोल्ड मैडल जीता था।
'World Masters Athletic Championship' भी दूसरे खेलों के कार्यक्रमों की तरह ही है। बस फर्क इतना है कि इसमें 35 वर्ष की उम्र से अधिक लोग ही भाग ले। यह हर 5 वर्ष के अंतराल के बाद होती है।
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