इंदौर। श्री जीएस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस में इंडक्शन प्रोग्राम के तहत 'युवा और साइबर अपराध के खिलाफ सुरक्षा' पर एक विशेषज्ञ सत्र का आयोजन किया गया और सत्र को राष्ट्रीय स्तर के साइबर अपराध विशेषज्ञ प्रो. गौरव रावल ने संबोधित किया।
उन्होंने मौजूदा दौर में ऑनलाइन दुनिया में युवा जिन खतरों का सामना करना कर रहे है, उन पर प्रकाश डाला। रावल ने बताया कि जहां एक और कोविड-19 महामारी के बढ़ने के बाद साइबर स्पेस में हमारी ऑनलाइन उपस्थिति 70% से भी ज्यादा बढ़ गई हैं, वहीं दूसरी ओर, साइबर अपराध (वैश्विक स्तर पर) में 630% तक बड़ गए हैं। आजकल नए तरह से अपराध हो रहे हैं, जिनमें वित्तीय धोखाधड़ी, फ़िशिंग, ऑनलाइन जुआ, ईमेल स्पूफिंग, मैलवेयर और पोर्नोग्राफी आदि साइबर अपराध शामिल हैं।
रावल ने कहा कि यह एक अलग प्रकार के अपराध है, जो व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और किसी अन्य प्रकार के सोशल या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से साइबर वारफेयर, कॉर्पोरेट वारफेयर/हमले या नागरिक साइबर अपराध के रूप में हो सकता है।
उन्होंने बताया कि साइबर जगत में एक गलती कई समस्याओं का कारण बन सकती है और आईटी एक्ट लागू किया जा सकता है। उन्होंने केंद्रीय आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (CERT) की भूमिका और जिम्मेदारियों के बारे में भी बताया। उन्होंने साइबर अपराध से प्रभावी ढंग से निपटने में भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया।
प्रो. गौरव ने बताया कि आजकल छात्र व छात्राएं ऑनलाइन रिलेशनशिप में आसान शिकार बनते जा रहे हैं और उनके साथ भावनात्मक उत्पीड़न के मामले अक्सर आ रहे हैं। इसके बाद उन्होंने छात्रों से साइबर स्पेस में बातचीत करते समय सतर्क रहने का अनुरोध किया और निम्नलिखित चार पहलुओं के बारे में भी सुनिश्चित किया।
1. सुरक्षा : जहां आपको स्ट्रॉंग पासवर्ड डालना है। two-factor-authentication ऑप्शन को हमेशा ऑन रखिए।
2. गोपनीयता : आप क्या पोस्ट साझा करना हैं, किसके साथ साझा करना है और किसके साथ यह सावधानी से चयन करें।
3. सावधानी : पहुंच को सीमित करें या उस व्यक्ति को ब्लॉक करें जिसके साथ आप बातचीत नहीं करना चाहते हैं और अशोभनीय सामग्री की रिपोर्ट करें।
4. सर्वकल्याण : हमेशा उद्देश्यपूर्ण सामाजिक गतिविधियों के लिए अच्छी, सच्ची व सार्थक पोस्ट या कमेंट करिए।
प्रो. रावल ने साइबर अपराध की रिपोर्टिंग के (ऑनलाइन व ऑफलाइन) विभिन्न तरीकों से अवगत कराया।
इस ऑनलाइन सत्र के माध्यम से सभी छात्रों, अभिभावकों और प्रोफेसरों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और साइबर दुनिया के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की। प्रो. रावल का प्रजेंटेशन बहुत सार्थक व प्रभावी था। इंडक्शन कार्यक्रम का डिज़ाइन डॉ. राकेश खरे (डीन एकेडमिक्स) ने किया और सत्र की मेजबानी प्रो. अश्विन श्रीवास्तव (सह-समन्वयक) ने की। प्रोग्राम के समन्वयक डॉ. शेखर शर्मा (विभागाध्यक्ष इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार इंजीनियरिंग विभाग) थे।