इंदौर पुलिस ने दिखाई 'जनसेवा' वाली छवि, साइकिल से पहुंचाता था घर-घर खाना, टीआई ने दिलवा दी बाइक
इंदौर, मध्यप्रदेश के सबसे बडे शहर इंदौर से पुलिस की जनसेवा वाली छवि दिखाने वाली खबर सामने आ रही है। एक गरीब और लाचार ऑनलाइन फूड डिलीवरी ब्वॉय को संघर्ष करते देख पसीज गया पुलिस का दिल।
दरअसल ऑनलाइन फूड डिलेवरी कंपनी में काम करने वाले 22 वर्षीय कर्मचारी को साइकिल से घर-घर खाना पहुंचाते देख पुलिस ने उसकी आर्थिक मदद करते हुए उसे मोटरसाइकिल दिलवाई है।
मामला इंदौर के विजयनगर पुलिस थाने का है। थाना प्रभारी तहजीब काजी वेबदुनिया को खासतौर से बताया कि सुखलिया के बापट चौराहे पर रात में पेट्रोलिंग कर रहे थे, उसी दौरान उन्होंने दौरान देखा कि पसीने से लथ-पथ एक लडका साइकिल चलाते हुए भोजन के पार्सल लेकर जा रहा था। हमने उसे बुलाया और जानकारी ली तो पता चला कि उसका नाम जय हल्दे (22) हैं और वो बेहद गरीब है। परिवार बेहद परेशानी में है। पैसों की तंगी की वजह से वो स्कूल कॉलेज भी नहीं जा सका।
थाना प्रभारी श्री काजी ने बताया कि हालात इतने खराब थे कि बाइक के लिए लोन लेने की स्थिति भी नहीं थी। इसलिए हमने जनसेवा को ध्यान में रखते हुए उसकी मदद की। श्री काजी ने बताया कि विजय नगर पुलिस थाने के कर्मचारियों ने आपस में चंदा करके शहर के एक वाहन डीलर को शुरुआती भुगतान (डाउन पेमेंट) किया और हल्दे को मोटरसाइकिल दिलवा दी।
थाना प्रभारी ने बताया कि स्वाभिमानी युवक ने पुलिस से कहा है कि वह अपने दम पर मोटरसाइकिल की बाकी किश्तें जमा कराएगा।
मोटरसाइकिल के लिए पुलिस का आभार जताते हुए हल्दे ने कहा, पहले मैं साइकिल से हर रात भोजन के महज छह से आठ पार्सल घरों तक पहुंचा पाता था लेकिन अब मैं मोटरसाइकिल से हर रात 15 से 20 भोजन पार्सल पहुंचा रहा हूं
हमने कोविड में भी किया काम
दरअसल यह पहला मामला नहीं है जब पुलिस ने इस तरह से मदद की है। थाना प्रभारी काजी ने वेबदुनिया को बताया कि कोविड के दिनों में भी हमें ऐसे कई लोग मिलते रहे हैं, जो मुख्यधारा से अलग बिल्कुल वंचित जीवन जी रहे थे।
जब पेट्रोलिंग के दौरान ऐसा कोई मामला सामने आता है तो हम मदद की पूरी कोशिश करते हैं। कभी हम ही पैसे एकत्र करते हैं तो कभी जनभागीदारी से सहयोग लेते हैं। जब भी जिस तरह से होता है हम मदद करते हैं। इससे पुलिस की छवि भी सुधरती है और लोगों की मदद भी हो जाती है।