Indore : कलेक्टर मनीष सिंह के व्यवहार से दुखी होकर स्वास्थ्य विभाग की महिला अधिकारी ने दिया इस्तीफा
इंदौर। मध्यप्रदेश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित इंदौर जिले में प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी पर बदतमीजी का आरोप लगाते हुए स्वास्थ्य विभाग की महिला अफसर ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) कार्यालय से सम्बद्ध जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पूर्णिमा गाडरिया ने सोशल मीडिया पर अपना इस्तीफा खुद जारी किया।
प्रदेश के स्वास्थ्य आयुक्त के नाम भेजे गए इस्तीफे में गाडरिया ने हालांकि इस कदम के पीछे किसी भी कारण का उल्लेख नहीं किया है, लेकिन मीडिया से बातचीत में उन्होंने आरोप लगाया कि कलेक्टर मनीष सिंह की बदतमीजी का लगातार शिकार होने कारण उन्हें शासकीय सेवा से त्याग-पत्र देने पर मजबूर होना पड़ा।
इस्तीफा देने के बाद गाडरिया ने कहा कि मैं पिछले कुछ दिनों से देख रही हूं कि कलेक्टर मुझसे लगातार बदतमीजी से बात कर रहे हैं। वे अपनी हर नाकामी का ठीकरा हम पर फोड़ते हैं और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को निकम्मा कहते हैं।
उन्होंने कहा कि कलेक्टर ने दो-तीन दिन पहले हुई एक बैठक में भी मुझसे बदतमीजी की थी। जिले के एक अस्पताल में किसी व्यक्ति को चिकित्सा किट नहीं मिलने पर उन्होंने आज फिर मुझसे फोन पर बदतमीजी से बात की और मुझे धमकाया कि मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूं, वरना वे मुझे निलंबित कर देंगे। अधिकारी ने कहा कि मुझे लगा कि निलंबित होने से अच्छा है कि मैं इस्तीफा ही दे देती हूं।
उधर गाडरिया के आरोपों को खारिज करते हुए कलेक्टर सिंह ने दावा किया कि वह स्वास्थ्य विभाग के अपने प्रशासनिक दायित्वों का निर्वहन ठीक से नहीं कर रही हैं जिससे महामारी के दौर में आम लोग परेशान हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि खुड़ैल क्षेत्र के ग्रामीणों ने आज मुझसे शिकायत की कि वे जब कोविड-19 की जांच कराने फीवर क्लीनिक जा रहे हैं, तो उन्हें चिकित्सा किट नहीं मिल रही है। इस बारे में मैंने गाडरिया से बात की थी।
फटकार से बीमार हो गए थे डॉ. जड़िया : पिछले वर्ष दिसंबर में कलेक्टोरेट में प्रसूति सहायता सहित अन्य कामों में देरी को लेकर कलेक्टर मनीष सिंह ने सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जड़िया को मीटिंग में ही फटकार लगा दी थी। कलेक्टर ने उन्हें यूजलेस सीएमएचओ तक कह दिया था। इसके बाद मीटिंग से बाहर आए जड़िया को सीने में दर्द हुआ और वे बाहर चेयर पर बैठ गए थे। इस दौरान उनके आंखों से आंसू भी छलक उठे। अन्य साथी उन्हें पकड़कर बाहर ले आए और यहां से निजी अस्पताल में जांच करवाने पहुंचे। जांच के बाद वे पांच दिन के अवकाश पर चले गए थे।
महू मेडिकल ऑफिसर ने दिया इस्तीफा : महू में एसडीएम अभिलाष मिश्रा से प्रताड़ित मेडिकल ऑफिसर डॉ आरएस तोमर ने भी कार्य करने में असमर्थता जताते हुए सीएमएचओ इंदौर को पत्र लिखा तोमर ने बताया कि मिश्रा अभद्रता अशिष्टा और अमर्यादित व्यवहार करते हैं जिससे मैं व्यथित हूं और कार्य करने में असमर्थ हूं। (इनपुट भाषा)