इंदौर। मध्यप्रदेश के पश्चिमी हिस्से के 15 जिलों के बाशिंदों को बहुप्रतीक्षित सुविधा प्रदान करते हुए विदेश मंत्रालय ने सूबे की आर्थिक राजधानी इंदौर में पासपोर्ट सेवा लघु केंद्र की आज औपचारिक शुरुआत की। इसके साथ ही, घोषणा की कि राज्य के चार शहरों के डाकघरों में पासपोर्ट सेवा के दफ्तर खोले जाएंगे।
विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने यहां स्कीम नम्बर 140 क्षेत्र की नवनिर्मित बहुमंजिला इमारत ‘आनंद वन’ में करीब 11,000 वर्ग फुट में फैले पासपोर्ट सेवा लघु केंद्र का उद्घाटन किया। इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष व स्थानीय सांसद सुमित्रा महाजन और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद थे।
सिंह ने उद्घाटन समारोह में कहा कि सूबे में पासपोर्ट बनवाने की सुविधा का विस्तार करते हुए विदिशा, सतना, जबलपुर और ग्वालियर के डाकघरों में पायलट परियोजना के तहत पासपोर्ट सेवा के दफ्तर खोले जाएंगे। विदिशा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का लोकसभा क्षेत्र है।
विदेश राज्य मंत्री ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि वह मध्यप्रदेश सर्कल के चीफ पोस्टमास्टर जनरल के बातचीत कर इस बात की संभावनाएं तलाशें कि राज्य के किन महत्वपूर्ण जिला मुख्यालयों के मुख्य डाकघरों में पासपोर्ट सेवा के दफ्तर खोले जा सकते हैं।
सिंह ने कहा, ‘सरकार ने ऑनलाइन प्रणाली के जरिए पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया को त्वरित और पारदर्शी बनाया है। इसके साथ ही, पासपोर्ट बनवाने में दलालों की भूमिका को समाप्त कर दिया है। हम पासपोर्ट सेवा केंद्रों का विक्रेंद्रीकरण कर इन दफ्तरों को जनता के नजदीक पहुंचाना चाहते हैं।’
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर में पासपोर्ट सेवा केंद्र खोलने के लिए विदेश मंत्रालय का आभार जताते हुए याद दिलाया कि सूबे में पासपोर्ट सेवा का पहला दफ्तर वर्ष 1978 में तत्कालीन विदेश मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में खुला था। इसके करीब 39 साल बाद मौजूदा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के कार्यकाल में राज्य में दूसरा ऐसा दफ्तर इंदौर में खुला है।
उन्होंने कहा कि इंदौर में इस नए केंद्र के शुरू होने से सूबे के पश्चिमी हिस्से के इंदौर-उज्जैन संभाग के 15 जिलों के लोगों को पासपोर्ट बनवाने के लिए भोपाल के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। यहां शुरुआती दौर में करीब सौ पासपोर्ट प्रतिदिन बन सकेंगे। धीरे-धीरे संख्या बढ़ाई जाएगी।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कार्यक्रम में विदेश राज्यमंत्र्री से मुखातिब होते हुए कहा कि इंदौर के हवाई अड्डे से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस हवाई अड्डे पर एयर कार्गो की सुविधा भी आरंभ होनी चाहिए ताकि पश्चिमी मध्यप्रदेश से फल-सब्जियों, दवाइयों और नमकीन के निर्यात की राह आसान हो सके।
इस बीच, मुख्यमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के बारामूला में वर्ष 2015 में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद फौजी जवान जोगेश्वर नागर की पत्नी उषा नागर को इंदौर विकास प्राधिकरण की स्कीम नम्बर 134 स्थित आवास की चाबियां सौंपीं। नजदीकी देवास जिले के निवासी नागर की शहादत को सलाम करते हुए प्रदेश सरकार ने शहीद फौजी के परिवार को आवास देने की घोषणा की थी।