Pok kya hai : हाल ही में एलन मस्क ने कहा कि मैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फैन हूं। इसके बाद जैसे ही पाकिस्तान के लोगों ने अपना ट्विटर अकाउंट खोला तो उन्होंने पाया कि पाक अधिकृत कश्मीर (POK) अब ट्वीटर के अनुसार भारत का हिस्सा न चुका है। असल में ट्विटर ने पहले तो गिलगित बाल्टिस्तान में पाकिस्तान सरकार के ऑफिशियल अकाउंट को ब्लाक कर दिया और फिर उसके बाद ट्विटर ने पीओके के कुछ इलाकों को भारत के क्षेत्र में भी दिखा दिया। अब जब यहां का कोई व्यक्ति ट्वीट करता है तो भारत के जम्मू कश्मीर से भेजा गया ट्वीट नजर आता है। चलो इसी संदर्भ में जानते हैं POK की खास बातें।
1. पीओके को प्रशासनिक तौर पर 2 हिस्सों- आजाद कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान में बांटा गया है। संपूर्ण क्षेत्र की सीमा पश्चिम में पाकिस्तान के पंजाब और खैबर पख्तून वाला से, उत्तर-पश्चिम में अफगानिस्तान के वखन कॉरिडोर, उत्तर में चीन के जिनजियांग ऑटोनॉमस रीजन और पूर्व में जम्मू-कश्मीर और चीन से मिलती है। भारत सरकार ने पाक अधिकृत कश्मीर का नाम बदलकर पाक अधिकृत जम्मू और कश्मीर कर दिया है। भारत ने जम्मू-कश्मीर राज्य विधानसभा में पीओके के लिए 24 सीटें और संसद में 7 सीटें रिजर्व रखी हैं। लद्दाख और गिलगित बाल्टिस्तान इसमें अलग है।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में विधानसभा 45 सदस्यों को निर्वाचित करने के लिए 32 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करते हैं लेकिन जीतता वही है जिसे पाकिस्तान चाहता है। इसमें गिलगित-बाल्टिस्तान के हिस्से नहीं आते हैं जो कि भारत के लद्दाख के हिस्से हैं।
2. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में अक्साई चिन शामिल नहीं है। यह इलाका महाराजा हरिसिंह के समय में कश्मीर का हिस्सा था। 1962 में भारत और चीन के बीच युद्ध के बाद कश्मीर के उत्तर-पूर्व में चीन से सटे इलाके अक्साई चिन पर चीन का कब्जा है। पाकिस्तान ने चीन के इस कब्जे को मान्यता दी है। जम्मू-कश्मीर और अक्साई चिन को अलग करने वाली रेखा को लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा कहा जाता है।
3. मार्च 1963 में पाकिस्तान ने गिलगित-बाल्टिस्तान वाले हिस्से में से एक इलाका चाइना को गिफ्ट कर दिया। ये करीब 1,900 वर्ग मील से कुछ ज्यादा था। गिफ्टेड चाइना, अक्साई चिन, गिलगित-बाल्टिस्तान और भारत प्रशासित कश्मीर के बीच एक हिस्सा है, जिसे सियाचिन ग्लेशियर कहते हैं, उस पर भारत का ही अधिकार है। वह भी कश्मीर का ही एक हिस्सा है।
4. पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के पास अनुमानित 5,134 वर्ग मील यानी करीब 13 हजार 296 वर्ग किलोमीटर इलाका है। मुजफ्फराबाद इसकी राजधानी है और इसमें 10 जिले हैं, वहीं गिलगित बाल्टिस्तान में 28 हजार 174 वर्ग मील यानी करीब 72 हजार 970 वर्ग किलोमीटर इलाका है। गिलगित-बाल्टिस्तान में भी 10 जिले हैं। इसकी राजधानी गिलगित है। इन दोनों इलाकों की कुल आबादी 60 लाख के करीब बताई जाती है। मतलब यह कि गिलगित-बाल्टिस्तान पाक अधिकृत जम्मू और कश्मीर का 85 प्रतिशत इलाका है।
5. पाकिस्तान ने गिलगित-बाल्टिस्तान से कश्मीरियों को लगभग बाहर खदेड़ दिया है। गिलगित बाल्टिस्तान में 1947-48 में बहुसंख्यक आबादी कश्मीरी शिया थी। लेकिन धीरे-धीरे वहां पर उन्हें अल्पसंख्यक कर दिया गया। खासकर सूफी और शियाओं के लिए यह जगह अब नर्क बन गई है। ऐसा करके पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे को हल करने के सारे रास्ते खुद ही बंद कर लिए हैं।
कब होगा यह भारत का हिस्सा?
भारत के पास इसके लिए दो विकल्प हैं। पहला यह कि अंतरराष्ट्रीय वर्ग को विश्वास में लेकर और यहां के स्थानीय लोगों का विश्वास जीतकर यह कार्य सभी की सहमति से कानूनी रूप से किया जाना चाहिए और दूसरा तरीका है सैन्य बल के माध्यम से इस हिस्से को भारत में मिला लेना चाहिए।
यह भारत के राजनीतिक नेतृत्व की मंशा और इच्छा शक्ति पर निर्भर करता है कि वह इसे कब भारत में मिलाना चाहते हैं। यह कहने में कोई दम नहीं है कि 'पीओके भारत का हिस्सा है, था और रहेगा।'. हकीकत है कि इसके लिए भारत को बड़ी जंग लड़नी होगी। हालांकि वर्तमान भारत सरकार के एजेंडे में पीओके को भारत में मिलाने का प्लान है। धारा 370 को हटाना इसी प्लान का एक हिस्सा है।