Abdominal Bloating : पेट के फूलने के कई कारण हो सकते हैं। कई लोगों का खाना खाने के कुछ ही देर बाद पेट फूलना प्रारंभ हो जाता है और कई लोग जब खाना खाने में देर कर देते हैं तो पेट फूलना प्रारंभ हो जाता है। यानी खाली पेट रहते हैं तो उनका पेट फूलता है। गैस के कारण भी पेट फूलने के कारण को बड़ी वजन माना जाता है। यही समस्या जब पशुओं में होती है तो उसे अफरा कहते हैं।
इसका मुख्य कारण गैस है और गैस का कारण अनियमित भोजन शैली, जंकफूड, फास्ट फूड, चाय, काफी, मैदा, बेसन आदि ऐसे खाद्य पदार्थ खाते रहना है जो पेट में कब्ज, एसिडिटी, अपच और गैस को जन्म देते हैं। इससे पेट में संक्रमण फैल जाता है और सूजन भी हो जाती है। यह समस्या तब आती है जब छोटी आंत के अन्दर गैस भर जाता है। इस समस्या का समाधान डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए। यहां प्रस्तुत है सामान्य जानकारी।
1. दांतों का करें उपयोग ज्याद करें : कई लोग जिस खाने को दांतों से अच्छे से चबाकर खाना चाहिए उसे भी थोड़ा बहुत चबाकर निगल जाते हैं। यानी जो काम दांतों को करना चाहिए था अब वह काम आंतों को करना होगा। इससे आंतों पर अतिरिक्त भार पड़ता है तब आंतों में पड़ा वह भोजन देर से पचने लगता है। ऐसे में वह भोजन सड़कर कई रोगों को जन्म देता है। यही भोजन कब्ज और गैस पैदा करता है।
2. खाने के साथ पानी पीना करें बंद : कई लोग खाते समय बहुत पानी पीते हैं और खाने के बाद भी जबकि नियम यह कहता है कि खाने के आधे घंटे पहले पानी पी सकते हैं और खाने के एक घंटे पश्चात ही पानी पीना चाहिए। खाते वक्त लगे तो आचमन जितना ही पानी ले सकते हैं। भोजन के बाद दांतों को अच्छे से साफ करना चाहिए। अगर आपको पेट फूलने की समस्या है तो आपको खूब पानी पीना चाहिए लेकिन भोजन के एक घंटे बाद।
3. बेमेल भोजन करना बंद करें : जैसे दाल के साथ चावल या रोटी खाना, दूध के साथ दही, दही के साथ पनीर, फलों के साथ सब्जियां, दूध के साथ मूली, बैंगन के साथ दही, शहद के साथ गर्म पानी, खिचड़ी के साथ खीर आदि ऐसे कई बेमेल भोजन हैं जो पेट में पहुंचकर विषयोग बनाते हैं। इसलिए खाने के सामंजस्य को जरूर देखें।
4. फाइबर का सेवन : भोजन में अधिक से अधिक फाइबर का सेवन करें। हालांकि यह भी ध्यान जरूर रखें कि जरूरत से ज्याद फाइबर न लें। ज्यादा फाइबर खाने से भी पेट फूलने लगता है। थोड़ी कम मात्रा में फाइबर लें। एक दिन छोड़कर भी यह कार्य कर सकते हैं। गेंहू की रोटी कम खाएं और फल और सब्जियों का सेवन अधिक करें। रोटी में मक्का, ज्वार, जौ या फिर बाजरे की रोटी का उपयोग करें।
5. जीरा और नमक : एक शीशी में जीरा पीसकर और उसमें उचित माथा में काला नमक मिलाकर रख लें। भोजन के पश्चात इस चूरण को दो चूटकी लेकर खा लें या एक घूंट पानी के साथ निगल लेंगे तो ज्यादा बेहतर होगा। यह नहीं कर सकते हैं तो भोजन के बाद सौंफ जरूर खाएं। दिन के भोजन के बाद अजवाइन का सेवन भी कर सकते हैं।
Disclaimer : उपरोक्त घरेलू नुस्खे किसी डॉक्टर की सलाह से ही आजमाएं क्योंकि पेट किस कारण से फूल रहा है यह डॉक्टर ही बता सकता है। यह एक सामान्य जानकारी है।