त्वचा और प्लास्टिक पर लंबे वक्त तक रहता है ओमिक्रॉन, 15 सेकेंड में ऐसे करें खात्मा
कोरोना वायरस का नया वैरिएंट तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। सर्दी-खांसी के जद से लोग बीमार हो रहे हैं। वैक्सीन के दोनों डोज लगने के बाद भी नए संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। हालांकि वैक्सीन के दोनों डोज लगने वाले जल्द ही रिकवर भी हो रहे हैं। लेकिन इससे बचाव का सबसे अधिक कारगर तरीका कोविड अप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करें। विशेषज्ञ और कोविड स्पेशलिस्ट डॉक्टर की यही सलाह है।
ओमिक्रॉन से तीसरी लहर की संभावना जताई जा रही है। जनवरी के आखिरी सप्ताह से फरवरी या मार्च तक कभी भी आ सकती है। कोविड पर जारी शोध में हर दिन नए खुलासे होते हैं। एक शोध में सामने आया कि कोविड का ओमिक्रॉन वैरिएंट स्किन पर 21 घंटे और प्लास्टिक पर 8 दिन से अधिक तक जीवित रह सकता है।शोध के अनुसार वायरस का ये रूप अन्य स्ट्रेन की तुलना में स्किन और प्लास्टिक पर लंबे वक्त तक रहता है।
जापान के क्योटो स्थित परफेक्चुरल यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन के वैज्ञानिकों ने कई स्तर पर प्रयोग कर परिणाम प्राप्त किए। शोध में सामने आया कि शव के त्वचा पर वायरस 8.6 घंटे अल्फा 19.6, बीटा 19.1, गामा 11 घंटे, डेल्टा 16.8 घंटे जबकि ओमीक्रोन 21.1 घंटे तक जीवित पाया गया है। यह परीक्षण शव पर किया गया था।
सैनिटइाजर से वायरस का अंत
वैज्ञानिकों द्वारों इथेनॉल से वायरस को खत्म किया जा सकता है। वायरस के किसी भी को रूप एल्कोहल युक्त सैनिटाइजर से 15 सेकेंड में खत्म किया जा सकता है। इस वजह से भी वैज्ञानिकों द्वारा हैंड सैनिटाइजर को इस्तेमाल करने की अपील की जा रही है। ओमिक्रॉन डेल्टा से कम खतरनाक है लेकिन जिस तरह से यह फैल रहा है आने वाले वक्त में घातक साबित हो सकता है। हालांकि अब ओमिक्रॉन के अभी तक 20 लक्षण समाने आ चुके हैं। वहीं नए वैरिएंट BA.2 ने भी दस्तक दे दी है। और वह सीधे फेफड़ों को प्रभावित कर रहा है।