गुरुवार, 28 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. सेहत
  3. यूँ रहें स्वस्थ
  4. how to grow methi seeds at home
Written By Author शुचि

गुणकारी और औषधीय मेथी घर पर कैसे उगाएं, पढ़ें सरल विधि

गुणकारी और औषधीय मेथी घर पर कैसे उगाएं, पढ़ें सरल विधि। how to grow methi seeds at home - how to grow methi seeds at home
प्रिय पाठकों, 
 
मेथी का पौधा वार्षिक होता है। मेथी बहुत गुणकारी और औषधीय मानी जाती है और इसका उपयोग पेट की बीमारियों से लेकर मधुमेह तक के बचाव में होता। जहां ताजी मेथी की पत्तियों का प्रयोग पराठा, सब्जी, करी, नाश्ते इत्यादि में होता है वही मेथी के दानों का प्रयोग मसाले के रूप में होता है।

 
सूखी मेथी की पत्तियों को कसूरी मेथी कहते हैं। कसूरी मेथी का प्रयोग रिच करी जैसे कि पनीर बटर मसाला, कड़ाही पनीर, कोफ्ते इत्यादि में होता है। आप कसूरी मेथी पंसारी की दुकान से खरीद सकते हैं या फिर घर पर ताजी मेथी की प‍त्तियों के डंठल हटा कर उन्हें सुखा कर भी बना सकते हैं।
 
घर की बगिया में मेथी उगाने की विधि :- मेथी को आसानी से घर की बगिया में भी उगाया जा सकता है। बल्कि मेरा अनुभव है ‍‍कि मेथी किसी भी और सब्जी के मुकाबले ज्यादा आसानी से बढ़ती है। मेथी को आप रसोई में इस्तेमाल होने वाले मेथीदाने यानी कि मसाले वाले सूखे मेथी के बीज को आप बगीचे में या फिर गमले में किसी भी चीज में उगाए यह बहुत जल्दी अंकुरित होती है।

 
मेथी को घर पर गमले में उगाने के लिए आप गमले में मिट्‍टी लें, अब इसके ऊपर अच्छे से मेथीदाना डालें। हर मेथीदाने के बीच में आप लगभग चौथाई इंच की जगह छोड़ें। अब मेथी के दानों (बीज) को आप एक हल्की मिटटी की परत से ढंक दें। हल्का-सा पानी छिडकें जिससे मिट्‍टी पूरी तरह से गीली हो जाए। 
 
लीजिए हो गया काम। हर दिन इस पर पानी का छिड़काव करें जिससे बीज सूखने न पाएं और इन्हें नमी मिले। आप देखेंगे कि तीसरे दिन ही मेथी के अंकुर फूट गए हैं। बस हर दिन पानी दीजिए और गमले हो धूप में रखिए। 15 दिन में ही मेथी की पत्तियां काटने लायक बड़ी हो जाती हैं। अगर थोड़ी बड़ी पत्ती चाहिए तो कुछ दिन और इंतजार करें। लगभग 25 दिन में मेथी अच्छी-खासी बड़ी हो जाती है।


नोट :- यहां दी गई फोटो 15 दिन की मेथी की हैं। मेथी बहुत गर्मी (40 डिग्री सेल्सियस) और बहुत सर्दी (बरफ जमाने वाली ठंड) को छोड़कर बाकि मजे में उगाई जा सकती है।

शुभकामनाओं के साथ,
शुचि
 
ये भी पढ़ें
विवेक शानभाग के उपन्यास ‘घाचर-घोचर’का लोकार्पण