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जरूर जानिए मीठा नीम और कड़वा नीम खाने के बेहतरीन लाभ के बारे में

जरूर जानिए मीठा नीम और कड़वा नीम खाने के बेहतरीन लाभ के बारे में - Benefits Of Sweet And Bitter Neem
मीठा नीम जिसकी ताजा-ताजा पत्तियों में एक अलग ही खुशबू होती है। जो खाने के स्वाद को तो बढ़ाती ही है। वहीं कई सेहत लाभ भी देती है। इसी के साथ एंटीबायोटिक तत्वों से भरपूर नीम को सर्वोच्च औषधि के रूप में जाना जाता है। यह स्वाद में भले ही कड़वा हो, लेकिन इससे होने वाले लाभ अमृत के समान होते हैं।वैसे तो नीम के पास आपकी हर समस्या का इलाज है।
 
तो आइए जानते है इस लेख में मीठा नीम और कड़वे नीम के बेहतरीन लाभ।
 
मीठा नीम के फायदे
कुछ लोग करी पत्ता सब्जी से बाहर निकालकर रख देते हैं, जबकि इसे खा लेना चाहिए। करी पत्ता बहुत पौष्टिक होता है। इसमें मैग्नेशियम, कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन, कॉपर और विटामिन भी होता है।
 
लीवर शरीर का बहुत महत्‍वपूर्ण हिस्सा है और इसका निरंतर बिना रुके सही तरीके से काम करना जरुरी होता है। करी पत्ता लीवर को सशक्त बनाता है। यह लीवर को बैक्‍टीरिया तथा वायरल इंफेक्शन से बचाता है। इसके अलावा यह फ्री रेडिकल्स, हेपेटाइटिस, सिरोसिस जैसी कई बीमारियों से भी बचाता है।
 
करी पत्ता में पर्याप्त मात्रा में विटामिन A होता है। विटामिन A आंखों के स्वास्थ्‍य के लिए बहुत जरूरी होता है। इसकी कमी से आंखों की रोशनी कम होना जैसी कई समस्या हो सकती है। तो विटामिन A की कमी को पूरा करने के लिए भी आपको करी पत्ते का सेवन करना चाहिए।
 
करी पत्ते में बालों को मॉइश्‍चराइजिंग करने वाले कई गुण मौजूद होते हैं। जो बालों को गहराई से साफ करते हैं और इन्‍हें बढ़ाने के साथ-साथ मजबूत भी बनाते हैं। करी पत्ते की सूखी पत्तियों का पाउडर बनाकर तिल या नारियल के तेल में मिला लें, फिर इस तेल को थोड़ा गर्म करके सिर में मसाज करें। इसे रातभर रखें और फिर सुबह शेंपू कर लें। इस प्रकार मालिश करने से बाल गिरना बंद हो जाएंगे और वह मजबूत भी होंगे।
 
करी पत्ते में आयरन तथा फोलिक एसिड दोनों पाए जाते हैं। इसलिए यह शरीर में खून की कमी को भी दूर करता है।
 
आइए अब जानते है नीम के फायदे-
 
1  बिच्छू ततैया जैसे विषैले कीटों द्वारा काट लेने पर, नीम के पत्तों को महीन पीस कर काटे गए स्थान पर उसका लेप करने से राहत मिलती है, और जहर भी नहीं फैलता।
 
2  किसी प्रकार का घाव हो जाने पर भी नीम के पत्तों का लेप लगाने से काफी लाभ मिलता है। इसके अलावा जैतून के तेल के साथ नीम की पत्त‍ियों का पेस्ट बनाकर लगाने से नासूर भी ठीक हो जाता है।
 
3  दाद या खुजली की समस्याएं होने पर, नीम की पत्त‍ियों को दही के साथ पीसकर लगाने पर काफी जल्दी लाभ होता है। और दाद की समस्या समाप्त हो जाती है। 
 
4  गुर्दे में पथरी होने की स्थिति में नीम के पत्तों की राख को 2 ग्राम मात्रा में लेकर, प्रतिदिन पानी के साथ लेने पर पथरी गलने लगती है, और मूत्रमार्ग से बाहर निकल जाती है।
 
5  मलेरिया बुखार होने की स्थिति में नीम की छाल को पानी में उबालकर, उसका काढ़ा बना लें। अब इस काढ़े को दिन में तीन बार, दो बड़े चम्मच भरकर पीने से बुखार ठीक होता है और कमजोरी भी ठीक होती है।