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Health Tips : 5 तरह का होता है मलेरिया बुखार, जानिए लक्षण और बचाव के उपाय

Health Tips : 5 तरह का होता है मलेरिया बुखार, जानिए लक्षण और बचाव के उपाय - 5 types of malaria fever symptoms and treatment
बारिश के मौसम में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ठंडक होते ही बच्‍चे मलेरिया और डेंगू की चपेट में आ जाते हैं। इस मौसम में खान -पान से लेकर हर तरह की सावधानी बरतना जरूरी होता है। दूषित पानी या भोजन करने से बहुत जल्‍दी पाचन तंत्र बिगड़ जाता है। जिस वजह से कमजोरी आ जाती है, उल्‍टी दस्‍त हो जाती है। वहीं अधिकतर लोग यही जानते हैं मच्‍छरों के काटने से मलेरिया हो जाता है। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कौन से प्रकार का मलेरिया आपको हुआ है। अगर आप सोच में पड़ गए है तो बता दें कि मलेरिया एक नहीं 5 प्रकार के होते हैं। आइए जानते हैं कैसे पहचाने हैं और क्‍या है लक्षण - 
 
मलेरिया के लक्षण 
 
-बदन दर्द करना
-ठंड लगकर बुखार आना
-उल्‍टी होना
- सिर दर्द होना
 
5 प्रकार के होते हैं मलेरिया 
 
1.प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम - मच्‍छर काटने पर जब इस टाइप के मलेरिया बुखार की चपेट में आते हैं तो इंसान को लगातार उल्टियां होती रहती है। वह बेसुध हो जाता है। लगातार उल्टियां होने से इंसान को बहुत अधिक कमजोरी आ जाती है। ऐसे में इंसान की जान भी जा सकती है। हालांकि इस तरह के मलेरिया से ग्रसित होने पर ठंड बहुत अधिक लगती है।    
 
2.सोडियम विवैक्‍स - विवैक्‍स परजीवी नामक मच्‍छर दिन में काटता है। लेकिन इसका असर 48 घंटे बाद होता है। अधिकतम लोग इस बीमारी से पीडि़त होते हैं। इस मच्‍छर के काटने से बिनाइन टर्शियन मलेरिया पैदा करता है। इस तरह के मलेरिया से ग्रसित होने के बाद हाथ-पैर में दर्द, भूख नहीं लगना, सिर दर्द, कमर दर्द प्रभाव रहते हैं।    
 
3.प्‍लास्‍मोडियम मलेरिया - यह मलेरिया बेनाइन म‍लेरिया के लिए जिम्‍मेदार होता है। अन्‍य मलेरिया के मुकाबले यह बहुत अधिक खतरनाक नहीं है। हालांकि इसमें इंसान को हर चौथे दिन बुखार आ जाता है। यूरिन के साथ प्रोटीन भी निकलता है। इस वजह से शरीर में प्रोटीन की कमी हो जाती है और सूजन आने लगती है। इस टाइप के मलेरिया क्‍वाटर्न मलेरिया उत्‍पन्‍न करता है।   
 
4. प्लाज्मोडियम नॉलेसी - इस प्रकार के मलेरिया मुख्‍य रूप से दक्षिण पूर्व एशिया में पाएं जाते हैं। यह प्राइमेट मलेरिया परजीवी है। इनके काटने से इंसान को ठंड लगती है, बुखार आता है, सिरदर्द होता है साथ ही भुख नहीं लगने की समस्‍या पैदा हो जाती है।  
 
5. प्लास्मोडियम ओवेल - यह एक परजीवी प्रोटोजोआ की प्रजाति का है। इसके काटने के बाद टरसियन मलेरिया होता है। यह मलेरिया प्‍लास्‍मोडियम फैल्‍सीपैरम से अधिक खतरनाक नहीं होता है।  
 
मलेरिया से बचने के उपाय
 
- कोशिश करें घर में मच्‍छर नहीं हो साफ-सफाई का पूरा ध्‍यान रखें।  
- घर बाहर खुली नालियों की सफाई करवाते रहे।  
-कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करवाते रहे। 
-घर में कहीं भी नमी या पानी जमा नहीं हो।   
-घर में अधिक मच्‍छर होने पर कंडे का धुआं करें उससे भी मच्‍छर भाग जाते हैं।   
  
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