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Side Effects of ketchup : टोमेटो कैचप खाने से होते हैं हैरत करने वाले 5 नुकसान

Side Effects of ketchup : टोमेटो कैचप खाने से होते हैं हैरत करने वाले 5 नुकसान - 5 drawbacks of tomato ketchup
टोमेटो  कैचअप खाने के स्वाद में चार चांद लगा देते हैं। कभी पकौड़ें, सेंडविच, पिज्जा, बर्गर, पास्ता सभी में भरपेट कैचअप का प्रयोग किया जाता है। इतना ही नहीं जब कोई सब्जी अच्छी नहीं लगती है तो कैचअप के साथ रोटी खाना पसंद करते हैं। लेकिन खाने में स्वाद बढ़ाने वाला यह कैचअप सेहत के लिए हानिकारक है। दरअसल, इसमें मौजूद इंग्रीडिऐंट्स आपकी बॉडी को अंदरूनी तौर पर नुकसान पहुंचाते हैं। क्योंकि इसमें मौजूद ष्षुगर, नमक, पेस्टिसाइडस और अन्य तरह के इंग्रिडिऐंट्स मिक्स होते हैं जिसका हार्ट, किडनी, पाचन पर भी असर पड़ता है। आइए जानते हैं कैचअप सेहत के लिए क्यों बुरा है -

1. हार्ट: टमाटर में मौजूद फ्रूक्टोज जो ट्राईग्लिसिराइड नाम का एक केमिकल बनाता है। और यह केमिकल का असर सीधे आपके दिल पर पड़ता है। इसलिए हार्ट से संबंधित मरीजों को टमाटर कैचअप का सेवन करना ही नहीं चाहिए। साथ ही गलत लाइफस्टाइल से भी कम उम्र में ही हार्ट के शिकार हो बहुत जल्दी हो जाते हैं। 

2. मोटापा: दरअसल, कैचअप में फ्रुक्टोज की मात्रा बहुत अधिक होती है। इसका लगातार सेवन करने से आप चाहकर भी अपना वजन कम नहीं कर सकेंगे। आपको बता दें कि कुछ फलों में  फ्रुक्टोज  की मात्रा अधिक होती है।  फ्रुक्टोज  फलों से मिलने वाले शर्करा को ग्लूकोज में बदलने की प्रणाली है। फ्रुक्टोज के अधिक सेवन से इम्यून सिस्टम कमजोर होता है।

3. एसिडिटी: कैचअप में मौजूद इंग्रिडीऐंट से हाई एसिडिटी, हार्टबर्न और पेट से संबंधित समस्या बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कैचअप में एसिडिक नेचर होता है। जिससे पाचन क्रिया भी बिगड़ जाती है। अगर आप घर पर ताजा टमाटर की चटनी बनाते हैं तो उससे आपकी सेहत को नुकसान नहीं होगा।

4. किडनी की समस्या: जी हां, कैचअप का सेवन करने से किडनी की समस्या हो जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यूरिन में कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाती है। जिसका असर किडनी पर पड़ता है और स्टोन की समस्या उत्पन्न हो जाती है।

5.  शरीर में एलर्जी: कैचअप खाने का स्वाद तो बढ़ाता है लेकिन आपको बीमारियों के चपेट में भी ले लेता है। दरअसल, इसमें हिस्टामाइन्स केमिकल पाया जाता है। जिससे किसी भी प्रकार की एलर्जी हो सकती है। साथ नॉन स्टॉप छींक और सांस लेने में भी दिक्कत होने लगती है।