करवा चौथ का दिन महिलाओं के लिए बहुत महत्व रखता है। इस दिन महिलाएं 16 श्रृंगार कर अपने पति की लंबी आयु के लिए कामना करती है। 16 श्रृंगार महिलाओं की खूबसूरती में चार चांद तो लगाता ही है इसके साथ ही इसके सेहत फायदे भी होते है। जी हां खूबसूरती को बढ़ाने के लिए किए गए ये श्रृंगार स्वास्थ्य के लिहाज से भी बहुत फायदेमंद होते है। आइए जानते हैं करवा चौथ पर जानिए 16 श्रंगार के स्वास्थ्य लाभ के बारे में.....
16 श्रृंगार और उनके फायदे
1. बिंदी - माथे पर बिंदी लगाने से व्यक्तित्व प्रभावशाली होता है। मस्तक के बीच के स्थान पर बिंदी लगाने से तीसरा नेत्र जाग्रत होता है। बिंदी लगाने का मनोवैज्ञानिक असर होता है और इससे महिलाओं के आत्मविश्वास और आत्मबल में वृद्धि होती है। साथ ही मस्तिष्क भी शांत रहता है और सुकून का अनुभव होता है।
2. मांग टीका- माना जाता है कि यह शरीर की गर्मी को नियंत्रित करता है। सिर के बीचोबीच पहना जाने वाला मांग टिका महिलाओं की सुंदरता बढ़ाने के अलावा मस्तिष्क संबंधी क्रियाएं संतुलित और नियमित रखता है।
3. बालों में गजरा/फूल - बालों को महिलाओं का गहना कहा जाता है, बालों को गजरे व फूलों से सजाने पर उनकी खुशबू से मन की सेहत पर अच्छा असर होता है और सुगंध से मन तरंगित व खुश रहता है।
4. सिंदूर - शरीर-रचना विज्ञान के अनुसार जिस स्थान पर सिंदूर सजाया जाता है, वह ब्रह्मरंध्र और अहिम नामक मर्मस्थल के ठीक ऊपर होता है, जो अत्यंत कोमल होता है। यहां सिंदूर लगाने से इस स्थान की सुरक्षा होती है। इसके अलावा सिंदूर में कुछ ऐसे धातु होती है जो चेहरे पर झुर्रियों के असर को कम करती हैं और महिलाओं के शरीर में विद्युतीय उत्तेजना नियंत्रित करती हैं।
5. गले में हार या मंगल सूत्र - मंगल सूत्र व इनके मोतियों से होकर निकलने वाली वायु महिलाओं के इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है। आयुर्वेद के अनुसार, गले में स्वर्ण धातु धारण करने से छाती और ह्रदय स्वस्थ रहते हैं। इसके अलावा इसमें मौजूद काले मोती महिलाओं को बुरी नजर से बचाते हैं।
6. चूड़ियां व ब्रेसलेट - महिलाओं की चूड़ियां जब हाथों की कलाई पर टकराती हैं तो उससे शरीर में रक्त प्रवाह बेहतर होता है। साथ ही ये महिलाओं के शरीर में हार्मोंस संतुलित रखने में सहायक होती हैं।
7. बाजूबंद - इसे बाजुओं में पहनने से बांह स्थित केंद्रों पर दवाब पड़ता है जो महिलाओं को लंबे समय तक सुंदर और जवां बनाए रखता है।
8. कमरबंद - इसे पहनने से महिलाओं में हर्निया की आशंका कम होती है।
9. पायल - पायल पैरों से निकलने वाली शारीरिक विद्युत ऊर्जा को शरीर में सुंरक्षित रखती है। महिलाओं के पेट और निचले अंगों में वसा (फैट) बढ़ने की गति को रोकती है। साथ ही चांदी की पायल पैरों से घर्षण करके पैरों की हड्डियां मजबूत बनाती हैं।
10. नथनी - जिस जगह नथ पहनी जाती है, उस जगह एक तरह का एक्यूप्रेशर प्वाइंट होता है जो प्रसव पीड़ा के दौरान होने वाले दर्द को कम करता है।
11. अंगूठी - अंगुलियों में अंगूठी पहनने से आलस्य और सुस्ती में कमी आती है।
12. मेहंदी - मेहंदी हथेलियों को सुंदर बनाने के साथ-साथ शरीर को ठंडा रखती है और चर्म रोग को दूर करने में मदद करती है।
13. कान में झुमके व बाली - कान छिदवाने से आंखों की रोशनी तेज होती है। दरअसल, कान के निचले हिस्से में एक प्वॉइंट होता है जिसके पास से आंखों की नसें गुजरती हैं। जब कान के इस प्वॉइंट को छिदवाकर इसमें बाली पहनते हैं तो इससे आंखों की रोशनी तेज होने में मदद मिलती है।
14.काजल - काजल लगाने से आंखों को ठंडक मिलती है और इससे आंखों से जुड़ी कई समस्याएं दूर होती हैं।
15. मेकअप - चेहरे पर हल्का मेकअप व नेल पेंट लगाने से महिलाओं के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। और वे एक्टिव भी महसूस करती है।
16. बिछिया - बिछिया एक्यूप्रेशर उपचार पद्धति पर कार्य करती है जिससे शरीर के निचले अंगों के तंत्रिका तंत्र और मांसपेशियां सबल रहती हैं। यह एक खास नस पर प्रेशर बनाती है जो कि गर्भाशय में समुचित रक्त संचार प्रवहित करती है, जिससे गर्भधारण क्षमता बेहतर होने में मदद मिलती है।