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Last Modified: बुधवार, 9 अक्टूबर 2024 (10:14 IST)

हरियाणा में कांग्रेस को भारी पड़ा अकेले चुनाव लड़ना, AAP ने कर दिया खेला

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Haryana election results : हरियाणा विधानसभा चुनावों में भाजपा 48 सीटें जीतकर राज्य में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। कांग्रेस ने 2019 के चुनावों से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया। हालांकि वह बहुमत के आंकड़ों से काफी दूर रह गए। कांग्रेस को इस चुनाव में अकेले लड़ना खासा महंगा पड़ गया। उसे 5 सीटों पर तो इसका सीधे खामियाजा भुगतना पड़ा। ALSO READ: हरियाणा विधानसभा चुनाव में इन 5 दिग्गजों को मिली सबसे बड़ी जीत, कांग्रेस के मामन खान नंबर वन
 
हरियाणा में उचाना कलां, डबवाली, असंध और दादरी में भाजपा की जीत का मार्जिन आप को मिले वोटों से कम रहा। अगर दोनों दलों में चुनाव पूर्व गठबंधन कर लेते ते खेल बदल सकता था। भाजपा अगर यह 5 सीटें हार जाती तो बहुमत से पीछे रह जाती और कांग्रेस का आंकड़ा भी 42 पर पहुंच जाता। दोनों मिलकर इनके अलावा भी कई सीटों पर ज्यादा बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे। 
 
उचाना कलां में कांग्रेस को मात्र 32 वोटों से हार का सामना करना पड़ा जबकि आप उम्मीदवार को लगभग 2500 वोट मिले। इसी तरह डबवाली में कांग्रेस 610 वोटों से चुनाव हारी जबकि आप को 6600 वोट मिले। 
 
असंध सीट पर कांग्रेस नेता शेमशेर सिंह गोगी 2306 वोटों से हार गए जबकि आप के अमनदीप सिंह 4290 वोट ले गए। दादरी में आप के धनराज सिंह 1339 वोट ले गए जबकि कांग्रेस की मनीषा सांगवान मात्र 1957 वोटों से चुनाव हारीं। 
 
कांग्रेस ने राव धन सिंह को महेंद्रगढ़ में आप की मनीष सिंह की उपस्थिति भारी पड़ गई, यहां भी भाजपा प्रत्याशी जीत का अंतर 2648 था जबकि आप उम्मीदवार को 1740 वोट मिले। ALSO READ: हरियाणा चुनाव 2024 : क्या कांग्रेस की आंतरिक लड़ाई ने भाजपा को दी बढ़त?
 
आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी कहा कि चुनाव परिणामों का सबसे बड़ा सबक यह है कि चुनाव में कभी भी अति आत्मविश्वासी नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी चुनाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए। हर चुनाव और हर सीट मुश्किल होती है।
 
हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस को इंडिया गठबंधन के अपने सहयोगी दलों से महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली में अगले दौर के विधानसभा चुनाव से पहले अपनी चुनावी रणनीति पर पुनर्विचार करने के लिए कुछ सलाह मिली।
 
कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार के बाद महाराष्ट्र में अपने सहयोगियों को गठबंधन धर्म की याद दिलाई और कहा कि लोकसभा चुनाव में प्रदेश में वह सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी। कांग्रेस महाराष्ट्र में सीट बंटवारे के लिए शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (शरदचंद्र पवार) के साथ बातचीत कर रही है।
Edited by : Nrapendra Gupta 
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