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Last Updated : सोमवार, 15 मार्च 2021 (18:14 IST)

हरिद्वार कुंभ के नियमों में बदलाव, त्रिवेंद्र ने कहा- जोखिम लेना ठीक नहीं...

हरिद्वार कुंभ के नियमों में बदलाव, त्रिवेंद्र ने कहा- जोखिम लेना ठीक नहीं... - Changes in the rules of Haridwar Kumbh
हरिद्वार। उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत सोमवार को अचानक तीर्थ नगरी हरिद्वार पहुंचे। त्रिवेंद्र ने तीरथ सरकार के कुंभ को लेकर नियमों में ढील देने की घोषणा पर भी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त की। सोमवार के दिन भगवान शिव की कृपा पाने के लिए  उन्होंने हरिहर आश्रम में पारद शिवलिंग महामृत्युंजय मंदिर में पूजा-अर्चना की। त्रिवेंद्र सिंह रावत के सत्ताच्युत होकर  हरिद्वार आकर पूजा करने को उनकी फिर से सक्रियता के रूप में भी देखा जा रहा है।

वर्तमान मुख्यमंत्री के हरिद्वार कुंभ में त्रिवेंद्र सरकार द्वारा लगाए प्रतिबंधों को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि कुंभ मेले में कोरोनावायरस (Coronavirus) को लेकर कोई भी जोखिम लेना ठीक नहीं है। जिस तरह से देश में कोरोनावायरस के मामले फिर से बड़े हैं उस स्थिति में हम सभी की जिम्मेदारी है कि मेले में सभी व्यवस्थाएं सावधानीपूर्वक की जाएं।

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि 7 राज्यों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। कल की रिपोर्ट में ही देश में 25000 मामले सामने आए। इसलिए कुंभ मेले में सभी व्यवस्थाएं सावधानीपूर्वक करनी होंगी। इतनी बड़ी मात्रा में कोरोना का वैक्सीनेशन करना संभव नहीं है। इसलिए हम सबकी जिम्मेदारी है कि वैक्सीन लगवाए और कोरोना गाइडलाइंस का पालन करें। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि कुंभ मेला एक राज्य नहीं पूरे देश और दुनिया का मेला है इसलिए कोई जोखिम नहीं लेना चाहिए। अपने राज्य को बचाना सबकी जिम्मेदारी है इसलिए कुंभ मेले में ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए जिससे ये बीमारी न फैले।

त्रिवेंद्र ने कहा कि हालांकि अब वैक्सीन आ गई तथापि इसको लगाने के बाद इसका असर 42 दिन बाद होने से भी इसको मात्र इसका समाधान नहीं माना जा सकता। वैसे भी वैक्सीन अभी पर्याप्त मात्रा में सब जगह उपलब्ध नहीं है, जो उपलब्ध भी है उसको जागरूकता के आभाव में लोग नहीं लगा रहे हैं। अगर हम उत्तराखंड का ही उदाहरण लें तो हर अस्पताल को 200 वैक्सीन डोज उपलब्ध होने के बाद भी 150 या 100 के करीब लोग ही इसे लगवाने आ रहे हैं।इससे सरकार को इस संबंध में फूंक-फूक कर कदम रखना जरूरी है।

चारधाम यात्रा के लिए 30 अप्रैल तक सभी व्यवस्थाएं पूर्ण करने के निर्देश : चारधाम यात्रा की तैयारियों की बैठक लेते हुए सचिवालय में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आगामी चारधाम यात्रा के लिए 30 अप्रैल तक सभी व्यवस्थाएं पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करेंगे। कार्यों के प्रति किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कार्यों में तेजी के साथ गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए।

उन्होंने सभी सचिवों को निर्देश दिए कि समय-समय पर अपने विभागों की कार्य प्रगति का स्थलीय निरीक्षण करें। किसी भी प्रकार की समस्या आने पर शीघ्र अवगत कराएं। उत्तराखण्ड के चारधाम देश एवं दुनिया की आस्था का प्रमुख केन्द्र हैं। तीरथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रा शुरू होने से पूर्व सड़कों के सुधारीकरण का कार्य हर हाल में पूर्ण किया जाए। 31 मार्च तक तोताघाटी में सड़क सुधारीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया जाए। यात्रा मार्गों और उसके आसपास के क्षेत्रों में भी सड़क से संबंधित कार्य समय से पूर्ण कर लिया जाए।

यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए यात्रा मार्गों पर पेयजल, स्वच्छता एवं अन्य आधारभूत सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था हो। यात्रा मार्गों पर वॉटर एटीएम की व्यवस्था के लिए जल्द कार्ययोजना बनाई जाए। यात्रा मार्गों पर पानी के टैंकर की भी पर्याप्त व्यवस्था हो। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जोशीमठ, गौरीकुण्ड से सोनप्रयाग एवं यात्रा की दृष्टि से अन्य प्रभावित स्थानों पर सड़क से संबंधित कार्यों में तेजी लाई जाए। यात्रियों को हेलीकॉप्टर सेवा सुचारू रूप से मिले, इसके लिए ऑनलाइन व्यवस्था सुचारू रखी जाए। टिकट वितरण में पारदर्शिता का विशेष ध्यान रखा जाए।

मुख्यमंत्री तीरथ ने कहा कि यात्रा सीजन के दृष्टिगत यात्रा मार्गों एवं धामों में स्वास्थ्य सुविधाओं के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं समय पर पूर्ण कर ली जाएं। यात्रा के दौरान हेली एंबुलेंस सेवा एवं 108 एंबुलेंस की समुचित व्यवस्था हो। केदारनाथ एवं यमुनोत्री में ईसीजी एवं कार्डियोलॉजिस्ट की समय पर तैनाती की व्यवस्था की जाए। ऑक्सीजन, आईसीयू एवं वेंटिलेटर की भी पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए। हेमकुंड में भी स्ट्रीट लाइट की उचित व्यवस्था हो, इसके लिए जल्द तैयारी की जाए।

यात्रा सीजन में पर्याप्त वाहनों की व्यवस्था की जाए। यात्रा मार्गों पर जो भी वाहन भेजे जाएंगे, उनका फिटनेस टेस्ट जरूर किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि यात्रा के दौरान वाहनों एवं यात्रा मार्गों पर होटल में रेट लिस्ट जरूर लगी हो। ओवर रेटिंग करने वालों पर सख्त कारवाई की जाए। आपदा से संबंधित संवेदनशील स्थानों पर संसाधनों की पूर्ण व्यवस्था हो। यात्रा मार्गों पर पार्किंग की उचित व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने सभी सचिवों को निर्देश दिए हैं कि विभागीय कार्य प्रगति की प्रत्येक दूसरे सप्ताह में समीक्षा की जाए।

पुरानी परंपरा से खुलेंगे चारधामों के कपाट : चारधामों में देवस्थानम बोर्ड का दखल नहीं होगा।इस बार आगामी यात्रा सीजन में चारधामों के कपाट पुरानी परंपरा से खुलेंगे। ये आश्वासन आज मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने तीर्थ पुरोहितों को उनसे मिलने आए उनके निवास पहुंचे एक तीर्थ पुरोहितों के शिष्टमंडल को दिया। तीर्थ पुरोहितों के शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री को गंगाजल भेंट किया।

चारधाम देवस्थानम बोर्ड का उत्तराखंड के तीर्थ पुरोहित, पंडा समाज विरोध कर रहा है। चारों धामों में इसके खिलाफ आंदोलन भी चलता रहा है। ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। वहीं गंगोत्री में तो देवस्थानम बोर्ड का कार्यालय तक विरोध के चलते नहीं खुल पाया था। प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन के बाद उत्तरकाशी में तीर्थ पुरोहितों ने आतिशबाजी भी की थी।

चारधाम महापंचायत के पदाधिकारियों ने आज मुख्यमंत्री से मुलाक़ात कर उनके इस बाबद पुनर्विचार करने के बयान पर उनका आभार जताया। साथ ही मुख्यमंत्री से अपेक्षा की कि देवस्थानम बोर्ड के पुनर्विचार के लिए सभी धामों के तीर्थपुरोहितों, हक-हकूकधारियों के साथ बैठकर जनभावनाओं और आस्था के अनुरूप ही आगामी कार्यवाही की जाए। तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि चारधाम में जो सरकार की ओर से देवस्थानम बोर्ड की व्यवस्था की गई है, उसे पूर्ण रूप से समाप्त किया जाए।

इस पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार और चारधाम के तीर्थ पुरोहित इस मुद्दे पर बैठकर विचार करेंगे। सरकार किसी के हक-हकूक पर छेड़खानी नहीं करेगी। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि चारधाम के कपाट पुरानी परंपरा के अनुरूप ही खोले जाएंगे। इसमें देवस्थानम बोर्ड की कोई दखलअंदाजी नहीं होगी।
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