Bypoll Counting 2022: मैनपुरी के साथ ही 5 राज्यों की 6 सीटों के विधानसभा उपचुनावों के आएंगे नतीजे
नई दिल्ली/लखनऊ। 5 राज्यों में 6 सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव और हाईप्रोफाइल मैनपुरी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव की मतगणना गुरुवार को होगी। मैनपुरी संसदीय सीट पर मुख्य मुकाबला समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच है। इसी दिन गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए हुए चुनावों के परिणाम भी आएंगे।
उत्तरप्रदेश की रामपुर और खतौली, ओडिशा की पदमपुर, राजस्थान की सरदार शहर, बिहार की कुढ़नी और छत्तीसगढ़ की भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट के नतीजों की घोषणा 8 दिसंबर को होगी। इसी दिन गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए हुए चुनावों के परिणाम भी आएंगे।
मैनपुरी सीट पर उपचुनाव समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के अक्टूबर में निधन के कारण हो रहा है। रामपुर सदर सीट सपा नेता आजम खान को अयोग्य ठहराए जाने के कारण खाली हुई थी। मुलायम सिंह यादव की बड़ी बहू और पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव मैनपुरी से उम्मीदवार हैं जबकि मुलायम के भाई शिवपाल सिंह यादव के पूर्व विश्वस्त रघुराज सिंह शाक्य इस सीट से भाजपा प्रत्याशी हैं।
इस साल की शुरुआत में उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में हार और जून के उपचुनावों में आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट पर भाजपा से मिली शिकस्त के बाद मैनपुरी में जीत अखिलेश यादव को कुछ सांत्वना प्रदान कर सकती है। कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने उपचुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं, ऐसे में तीनों स्थानों पर सीधा मुकाबला भाजपा और समाजवादी पार्टी तथा उसकी सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के बीच है।
नफरत फैलाने वाले भाषण को लेकर अप्रैल 2019 में दर्ज एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद रामपुर से विधायक आजम खान को 3 साल कैद की सजा दी गई थी जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें अयोग्य ठहरा दिया था। विभिन्न मामलों में 2 साल से ज्यादा समय तक जेल में रहने के बाद समाजवादी पार्टी का 'मुस्लिम चेहरा' माने जाने वाले खान ने असीम राजा के लिए वोट मांगे और कहा कि उनके (खान के) साथ भाजपा सरकार ने अन्याय किया है।
सोमवार को इस सीट पर हुए मतदान का प्रतिशत कम रहा। सरदार शहर और भानुप्रतापपुर सीट जहां कांग्रेस के पास है, वहीं भाजपा ने खतौली सीट जीती थी और रामपुर सीट सपा के पास थी। पदमपुर सीट बीजू जनता दल के पास थी जबकि कुढ़नी सीट पर राजद का कब्जा था।
उपचुनावों के नतीजों से केंद्र या राज्य सरकारों पर कोई असर नहीं होगा, क्योंकि सत्तारूढ़ दलों के पास पर्याप्त बहुमत है। खतौली में भाजपा राजकुमारी सैनी को मैदान में उतारकर इस सीट को बरकरार रखने की कोशिश कर रही है। खतौली पश्चिमी उत्तरप्रदेश में 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों का केंद्र था।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta