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Written By WD Feature Desk
Last Modified: शनिवार, 19 अक्टूबर 2024 (16:06 IST)

गोवर्धन पूजा और अन्नकूट उत्सव का त्योहार कब है, जाने पूजन का शुभ मुहूर्त और विधि

गोवर्धन पूजा और अन्नकूट उत्सव का त्योहार कब है, जाने पूजन का शुभ मुहूर्त और विधि - Govardhan Puja Annakoot Mahotsav Date time and Muhurat 2024
Govardhan Puja and annakoot mahotsav 2024: कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन गोवर्धन पूजा के साथ ही अन्नकूट महोत्सव भी मनाया जाता है। महाराष्ट्र में यह दिन बालि प्रतिपदा या बालि पड़वा के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन द्यूत क्रीड़ा का खेल भी खेला जाता है। इस बार 02 नवंबर 2024 शनिवार को यह त्योहार रहेगा। गोवर्धन पूजा सुबह 06:34 से 08:46 के बीच के बाद अपराह्न 03:23 से 05:35 के बीच होगी।
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ- 01 नवम्बर 2024 को शाम 06:16 बजे से।
प्रतिपदा तिथि समाप्त- 02 नवम्बर 2024 को रात्रि 08:21 बजे तक।
उदयातिथि के अनुसार 02 नवंबर 2024 को यह पर्व मनाया जाएगा।

गोवर्धन पूजा  के शुभ मुहूर्त 2024:-
गोवर्धन पूजा प्रातः काल मुहूर्त- सुबह 06:34 से 08:46 के बीच।
गोवर्धन पूजा सायाह्नकाल मुहूर्त- अपराह्न 03:23 से 05:35 के बीच।
अभिजीत मुहूर्त. दोपहर 11:42 से 12:26 के बीच।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 05:35 से 06:01 के बीच। 
अमृत काल: रात्रि 08:16 से 10:02 के बीच।
त्रिपुष्कर योग: रात्रि 08:21 से अगले दिन सुबह 05:58 तक।
Annakoot govardhan
गोवर्धन पूजा विधि | Govardhan Puja vidhi
  • दीपावली के बाद यह दिन परस्पर भेंट का दिन भी होता है। 
  • एक-दूसरे के गले लगकर दीपावली की शुभकामनाएं दी जाती हैं।
  • गृहिणियां मेहमानों का स्वागत करती हैं।
  • लोग छोटे-बड़े, अमीर-गरीब का भेद भूलकर आपस में मिल-जुलकर यह त्योहार मनाते हैं।
  • इस दिन परिवार, कुल खानदान के सभी लोग एक जगह इकट्ठे होकर गोवर्धन और श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं। 
  • पूजा के बाद में भोजन करते हैं और शगुन स्वरूप जुआ भी खेलते हैं। 
  • इस दिन विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाकर गोवर्धन की पूजा करते हैं।
  • प्रात:काल भगवान कृष्ण का ऐसा चित्र जिसमें वे गोवर्धन पर्वत हाथ में धारण किए खड़े हों अपने पूजाघर में लगाकर उसकी पूजा की जाती हैं। 
  • इस दिन प्रात:काल स्नान करने के उपरान्त घर की दहलिज के बाहर गोबर से गोवर्धन की आकृति बनाकर उसके समीप विराजमान कृष्ण के सम्मुख गाय तथा ग्वाल-बालों की रोली, चावल, फूल, जल, मौली, दही तथा तेल का दीपक जलाकर पूजा और परिक्रमा की जाती है।
  • पूजा के बाद कई तरह के पकवान बनाकर भोग स्वरूप रखते हैं।
  • सायंकाल गोवर्धन विग्रह का पंचोपचार विधि से पूजन करें और 56 प्रकार के पकवान बनाकर भोग अर्पित करें।
  • ग्रामीण क्षेत्र में अन्नकूट महोत्सव इसलिए मनाया जाता है, क्योंकि इस दिन नए अनाज की शुरुआत भगवान को भोग लगाकर की जाती है। 
  • इस दिन गाय-बैल आदि पशुओं को स्नान कराके धूप-चंदन तथा फूल माला पहनाकर उनका पूजन किया जाता है और गौमाता को मिठाई खिलाकर उसकी आरती उतारते हैं तथा प्रदक्षिणा भी करते हैं।
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