बाल दिवस 2021 - जानिए इन 5 बहादुर बच्चों की कहानी जिन पर देश को है गर्व
बच्चे जो हमेशा से उत्सुकता से भरे नजर आते हैं..हर चीज को लेकर हजारों सवाल रहते हैं...कितनी मर्ताबा वह बड़ों -बड़ों को सोच में डाल देते हैं उनके छोटे-छोटे सवाल। ये बहुत चंचल मन के होते हैं..लेकिन दिल के साफ होते है..जो मन में आता है कह देते हैं...फिर वह कोई भी हो। लेकिन कुछ बच्चे इतने सक्षम होते हैं कि बचपन में ही अपनी कला को पहचान लेते हैं हालांकि जिनके पीछे माता-पिता की बहुत बड़ी भूमिका होती है। जो उन्हें आगे बढ़ाते हैं...बाल दिवस हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है। यह सभी जानते हैं कि उस दिन देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म हुआ था और उन्हें बच्चों से बहुत लगाव था। वे हमेशा यह कहते थे बच्चे ही देश का भविष्य हैं। बच्चों के लिए उनमें अलग ही सॉफ्ट कॉर्नर था। लेकिन कुछ बच्चों ने अपने खेलने कूदने की उम्र में ही देश को गर्व की अनुभूति कराई आइए जानते हैं उनके बारे में -
1. प्रज्ञानानंद रमेशबाबु - प्रज्ञानानंद ने शतरंज की दुनिया में हलचल मचा रखी है। प्रज्ञानानंद दुनिया के दूसरे सबसे छोटे ग्रैंडमास्टर का खिताब पाने वाले शख्स हैं। और वर्तमान में भी वे ही सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर हैं। विश्व ग्रैंड मास्टर का खिताब जितना चाहते हैं। वर्तमान में यह खिताब नार्वे के मैगनस र्कालसन के पास हैं। जिन्होंने 13 वर्ष 4 माह की उम्र में यह खिताब जीत लिया था। प्रज्ञानानंद ने सिर्फ 7 वर्ष की आयु में वर्ल्ड यूथ चेस चैम्पियन का अंडर-8 का खिताब जीत लिया था। 2015 में उन्होंने वर्ल्ड यूथ चेस चैम्पियनशिप का अंडर-10 खिताब जीता। 2016 में प्रज्ञानानन्द 10 वर्ष, 10 माह और 19 दिन की उम्र में शतंरज के इतिहास के सबसे कम उम्र के ग्रैंड मास्टर बने। 23 जून 2018 को प्रज्ञानान्द रमेशबाबू ने ग्रेडिने ओपन में लुका मोरोनी को हराकर तीसरा और अंतिम जीएम नॉर्म प्राप्त किया और ग्रैंडमास्टर बनने वाले विश्व के दूसरे सबसे कम उम्र के शख्स बन गए। अप्रैल 2021 में ऑनलाइन चैस में जीतकर पोलगर चैलेंज अपने नाम किया।
2.लीकप्रिया कंगुजाम - भारत की ग्रेटा थनबर्ग के नाम से लोकप्रिय कंगुजाम क्लाइमेट चेंज (जलवायु परिवर्तन), ग्लोबल वॉर्मिंग और बढ़ते प्रदूषण को लेकर आवाज बुलंद की। 2019 में यूनाइटेड नेशंस क्लाइमेट चेंज कॉन्फ्रेंस मेडि्रड और स्पेन में संबोधित किया था। संबोधन करने वाली कंगुजाम सबसे कम उम्र जलवायु कार्यकर्ता रहीं। कंगुजाम दिल्ली में संसद भवन के बाहर भी प्रोटेस्ट कर चुकी है। कई सारी रिपोर्ट भी आ चुकी है वर्तमान में कई देश में युवाओं में जलवायु परिवर्तन को लेकर अधिक चिंता देखी जा रही है। कंगुजाम को 2021 में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर दिल्ली सरकार द्वारा सम्मानित किया गया था।
3.कौटिल्य पंडित - जिन्हें असल नाम से कम और गूगल बॉय के नाम से अधिक जाना जाता है। कौटिल्स पंडित का आईक्यू आइंस्टइान से भी तेज माना जाता है। जानकर आश्चर्य होगा कि कौटिल्य केबीसी शो में एक्सपर्ट के तौर पर आ चुके हैं, और ऐसा करने वाले वह सबसे छोटे एक्सपर्ट है। जनवरी 2021 में उन्हें ग्लोबल चाइल्ड प्रोडिगी अवार्ड मिला है।
4.अभिजीत गुप्ता - दुनिया की सबसे छोटी लेखिका है अभिजीत गुप्ता। International Book of Record ने अभिजीत को दुनिया की सबसे छोटी लेखिका का खिताब दिया। एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड की तरफ से भी 'ग्रैंडमास्टर ऑफ राइटिंग' का खिताब दिया जा चुका है। यह जानकर आश्चर्य होगा कि अभिजीत मैथिलीशरण गुप्त की पोती हैं। अभिजीत ने 7 साल की उम्र में 'हैप्पीनेस ऑल अराउंड' के नाम से के नाम से किताब लिखी। जिसमें छोटी-छोटी कहानियां और कविताएं है।
5. वैंकट रमन पटनायक - 7 साल की उम्र में ही वैंकट रमन ने MTA की परीक्षा पास कर विश्व रिकॉर्ड दर्ज कर रखा है। MTA परीक्षा जावा, जावा स्क्रिप्ट, पायथन, एचटीएमएल, और सीएसएस जैसे प्रोग्राम के लिए की जाती है। वैंकट रमन ने जब यह परीक्षा पास तब वह तीसरी कक्षा में थे।