G20 Summit : इकोनॉमी से लेकर टेक्नोलॉजी तक, कैसे जी-20 में बजा भारत का डंका
G20 Summit : सोमवार को जी20 समिट खत्म हो चुका है। पीएम नरेंद्र मोदी ने इसकी सफलता को लेकर सभी को धन्यवाद दिया है। यह दुनिया का सबसे बडा इवेंट था। टेक्नोलॉजी से लेकर इकोनॉमिक्स तक और रूस से लेकर यूक्रेन और खालिस्तान तक जैसे मुद्दों पर इस आयोजन में चर्चा हुई। अब ऐसे में बात है कि आखिर इतने बडे आयोजन से भारत को क्या फायदा हुआ है या आगे चलकर होगा। इस पर कई तरह की रिपोर्ट आ रही हैं। आइए जानते हैं कितना फायदेमंद रहा जी20 भारत के लिए।
टेक्नोलॉजी से लेकर इकोनॉमिक्स तक भारत का डंका : भारत ने टेक्नोलॉजी से लेकर इकोनॉमिक्स और न्यू एनर्जी तक में जी20 में पूरी दुनिया में छाप छोड़ दी है। भारत ने यूक्रेन इश्यू पर आम सहमति बनवाई वो भी रूस का नाम लिए बिना, जिसका फायदा भारत को भविष्य में होगा। भारत ने क्रिप्टोकरेंसी पर नियम बनाने को लेकर भी आम सहमति बना दी है। साथ घरेलू टेक्नोलॉजी खासकर यूपीआई जैसी तकनीक को दूसरे सदस्य देशों तक पहुंचाने के लिए दरवाजें खोलने का भी काम किया।
रूस-यूक्रेन वॉर पर आम सहमति : जी 20 समिट का यह काफी अहम मुद्दा था। पूरी दुनिया की नजर इस पर टिकी हुई थी और यह भी देखना चाहती थी कि इस पर भारत का रुख और बाकी सदस्यों का कैसा रुख रहता है। इसका एक कारण यह भी दुनिया इस इश्यू पर दो भागों में बंटी हुई है। रूस और चीन जहां यूक्रेन पर चर्चा से बचना चाहते थे, वहीं पश्चिमी देश रूस की निंदा कर रहे हैं। ऐसे में इस इश्यू को घोषणा पत्र में शामिल करना और रूस का नाम ना लेते सभी बातों का रखना और सदस्यों देशों की आम सहमति बनाना बड़ी बात थी। इस मुद्दे पर आम सहमति नहीं बनती तो भारत की मेजबानी में हुए जी20 समिट को पूरी तरह से फेल माना जाता। रूस का नाम लेते पूरे युद्ध को देखना, उस पर बात करना भारत की कूटनीतिक प्रतिष्ठा के लिए फायदेमंद साबित होगा।
वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ जैसी संस्थाओं में सुधार : गरीब देशों के लोन को माफ करना और वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ जैसी संस्थाओं में सुधार करने जैसी सिफारिशों को आगे बढ़ाना। अफ्रीकी यूनियन को सदस्य के रूप में जी20 में शामिल कराने में भारत ने पूरी दुनिया को दिखा दिया कि उसके बिना ग्लोबल इकोनॉमी का महत्व नहीं है। विश्व बैंक और आईएमएफ जैसी संस्थाओं में सुधार करने की भी बातें हुईं। जलवायु परिवर्तन के लिए और गरीब देशों की मदद के लिए अधिक धन उधार देने का आह्वान किया गया। जी20 समिट में देश वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ के सुधार के लिए प्रमुख सिफारिशों पर विचार करने पर सहमत हुए। इससे उन्हें अगले दशक में ग्लोबल प्रायोरिटीज पर अरबों डॉलर खर्च करने की अनुमति मिलेगी।
अफ्रीकी संघ G20 का मेंबर बना : 55 देशों वाला अफ्रीकन यूनियन जी20 का मेंबर बन गया। इसमें भारत का अहम योगदान है। भारत ने इस समिट में खुद को ग्लोबल साउथ की आवाज के रूप में पेश करने की कोशिश की है। भारत अब अब विकासशील देशों की चिंताओं को आगे बढ़ाने के अपने रिकॉर्ड को ठोस रूप से बता सकती है। साथ ही मौजूदा समय में जी20 देशों की फेहरिस्त में इकोनॉमिकली और पर कैपिटा इनकम के हिसाब कमजोर है। भारत को पूरी दुनिया के सामने यह दिखा दिया है कि हम इकोनॉमीकली कितने संपन्न हैं।
इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशंस : इस मीटिंग में इकोनॉमी के मोर्चे पर दो बातें निकलकर सामने आई। पहली लोन में राहत और दूसरा इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशंस में सुधार। गरीब देश ज्यादा लोन के साथ कोविड-19 महामारी के बाद से संघर्ष कर रहे हैं। साथ मिलकर काम करने और उन्हें बचाने के प्रयास धीमे रहे हैं। भारत घाना, जाम्बिया और इथियोपिया जैसे नए देशों की मदद के लिए आम सहमति बनाकर इस प्रोसेस को तेज करने में कामयाब रहा।
क्रिप्टोकरेंसी पर सहमति : फाइनेंशियल सिस्टम की स्टेबिलिटी के लिए खतरे को देखते हुए सभी देश क्रिप्टोकरेंसी पर नियमों पर विचार करने के लिए सहमत हुए। वहीं भारत ने वित्तीय समावेशन के साधन के रूप में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (मूल रूप से आधार, यूपीआई) को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने का भी काम किया. इससे भारत को दुनिया के बाकी विकासशील देशों में अपनी डॉमेस्टिक टेक सॉल्यूशंस को एक्सपोर्ट करने में मदद मिलने की उम्मीद है. इससे ग्लोबल सॉल्यूशन प्रोवाइडर के रूप में भारत की प्रतिष्ठा में इजाफा होगा।
क्लाइमेट चेंज : इस समिट में बायोफ्यूल अलायंस की भी घोषणा की गई। जिसका लीडर भारत को बनाया गया है। इस अलायंस का मेल टारगेट पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण को 20 फीसदी तक ले जाने के लिए ग्लोबल लेवल पर पहल करना है। यह भारत के बड़े क्लीन एनर्जी प्रयास का हिस्सा है। जो विदेशों में भारत की छवि को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
खालिस्तान पर ट्रूडो पर सख्ती : कनाडा से और कनाडा में संचालित हो रही खालिस्तानी गतिविधियों और हिंदुओं के धार्मिक स्थलों पर हमले को लेकर भारत ने कनाडा को सख्त मैसेज दिया। इन गतिविधियों को चिंता वाली बताया और कनाडा सरकार से सहयोग की अपील की।
यूक्रेन पर रूस की तारीफ : रूस ने कहा कि इसकी उम्मीद नहीं थी कि भारत में जी20 में यूक्रेन वाला मुद्दा उठेगा। यह बहुत अच्छी बात है कि इस सबसे बडे आयोजन में यूक्रेन को लेकर चर्चा हुई।
Edited by navin rangiyal