गुरुवार, 28 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. अन्य खेल
  3. फीफा विश्व कप 2018
  4. How many times have been stolen Football World Cup trophy
Written By
Last Modified: गुरुवार, 7 जून 2018 (17:05 IST)

FIFA WC 2018 : जानिए कितनी बार चोरी हुई है फुटबॉल विश्व कप ट्रॉफी

FIFA WC 2018 : जानिए कितनी बार चोरी हुई है फुटबॉल विश्व कप ट्रॉफी - How many times have been stolen Football World Cup trophy
दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेल फुटबॉल के महाकुंभ को जीतने वाली टीम को मिलने वाली ट्रॉफी न सिर्फ खिलाडियों को पसंद है बल्कि चोरों के बीच भी बेहद लो‍कप्रिय है। फीफा विश्व कप के अब तक के 88 साल के इतिहास में 2 बार यह ट्रॉफी चोरी हो चुकी है। दुनिया की सबसे चहेती ट्रॉफियों में शुमार यह फीफा विश्व कप ट्रॉफी अपनी पूर्ववर्ती जूल्स रिमेट ट्रॉफी की तरह चोरों का निशाना बनकर सुर्खियों में नहीं रही है।
 
 
फीफा विश्व कप की मौजूदा ट्रॉफी का डिजाइन इटली के विख्यात शिल्पकार सिल्वियो गाजानिगा ने तैयार किया है। 18 कैरेट सोने की 14.2 इंच लंबी ट्रॉफी का कुल वजन 6.175 किग्रा है। फीफा विश्व कप ट्रॉफी को 1970 तक फीफा के पूर्व अध्यक्ष के नाम पर 'जूल्स रिमे ट्रॉफी' कहा जाता था जिन्होंने 1930 में पहले विश्व कप के आयोजन में अहम भूमिका निभाई।

इस ट्रॉफी को पहले विश्व कप या कोप डु मोंडे के नाम से जाना जाता था लेकिन फीफा ने रिमेट के योगदान को देखते हुए 1946 में इस ट्रॉफी को उनका नाम दिया। किसी भी विजेता टीम को असली ट्रॉफी नहीं दी जाती थी लेकिन ब्राजील ने जब 1970 में तीसरी बार खिताब जीता तो उसे असली ट्रॉफी सौंप दी गई।
 
फुटबॉल विश्व कप 1966 इंग्लैंड में खेला जाना था और टूर्नामेंट के शुरू होने से करीब 3 माह पहले ट्रॉफी चोरी हो गई थी। ट्रॉफी को सेंट्रल लंदन के वेस्टमिंस्टर हॉल में रखा गया था। वहां से यह ट्रॉफी चोरी हो गई थी। चोरी होने के 7 दिन बाद ही ट्रॉफी एक गार्डन में अखबार में पड़ी मिली थी।
 
ब्राजील के 1970 में विश्व कप जीतने के बाद इस ट्रॉफी को लेकर ब्राजीली खिलाड़ी मैदान में घूमे और इसी दौरान ट्रॉफी का सोने का ऊपरी हिस्सा गायब हो गया, जो बाद में ब्राजील के खिलाड़ी  डवियो को स्टेडियम के निकास के पास एक दर्शक के पास मिला। इस घटना के बाद नई ट्रॉफी को केवल एक हिस्से में बनाया गया।
 
ब्राजील 1983 में इतना भाग्यशाली नहीं रहा, जब ब्राजीली फुटबॉल परिसंघ के रियो डि जिनेरियो में एक बुलेटप्रूफ कांच की अलमारी में अपने मुख्यालय पर रखी ट्रॉफी को 19 दिसंबर 1983 को कोई हथौड़े से अलमारी का पिछला हिस्सा तोड़कर चुरा ले गया। इसके बाद यह ट्रॉफी दोबारा कभी नहीं मिली। ऐसी भी अफवाहें थीं कि ट्रॉफी पिघला दी गई और चोरों ने उसका सोना बेच दिया। उसका सिर्फ नीचे का हिस्सा मिल सका, जो फीफा ने ज्यूरिख स्थित अपने मुख्यालय पर रखा था।
 
द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान इस ट्रॉफी को नाजियों से बचाने के लिए फीफा के तत्कालीन उपाध्यक्ष ओटोरिनो बारासी ने विश्व कप ट्रॉफी को एक जूता रखने वाले डिब्बे में छुपाया था। उन्होंने इस डिब्बे को अपने घर में एक बेड के नीचे रखा ताकि किसी को संदेह न हो। यह ट्रॉफी 1950 विश्व कप के लिए दोबारा लौटी।
ये भी पढ़ें
संघ के कार्यक्रम पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का भाषण (लाइव)