FIFA WC 2018 : अफ्रीकी देश सेनेगल ने इस विश्व कप में पहली बार यूरोपीय टीम पोलैंड को 2-1 से हराया
मॉस्को। विश्व कप फुटबॉल में आज ग्रुप 'एच' में सेनेगल की टीम ने फीफा रैंकिंग में आठवें नंबर की टीम पोलैंड को 2-1 से हराकर सबको हैरत में डाल दिया। इस वर्ल्ड कप में सेनेगल ऐसी पहली अफ्रीकी देश की टीम बन गई है, जिसने किसी यूरोपियन टीम को शिकस्त दी हो। यह कमाल उसने अपना दूसरा विश्व कप खेलते हुए दिखाया।
स्पार्टक स्टेडियम में खेले गए इस मैच में सेनेगल ने पूरे मैच में अपना दबदबा कायम रखा। खेल के 38वें मिनट पर सेनेगल साने के पास पर इद्रिसा गुएई ने पौलैंड के गोल मुहाने पर शॉट लगाया, तभी वहां मौजूद पोलिश खिलाड़ी चिओनेक के पैर से लगकर गेंद गोल गोलपोस्ट में समा गई।
एक तरह से आत्मघाती गोल था। रैफरी ने एवीआर प्रणाली का सहारा लिया और गोल पर इद्रिसा गुएई का नाम चस्पा किया। 2014 के विश्व कप में कुल 4 आत्मघाती गोल हुए थे लेकिन इस विश्व कप के ग्रुप स्टेज मैचों में ही ये चौथा आत्मघाती गोल था।
हाफ टाइम तक फीफा रैंकिंग में 27वें नंबर की अफ्रीकी टीम सेनेगल 1-0 से आगे थी और खेल के दूसरे हाफ में भी उसने लगातार हमले जारी रखे। इन हमलों का प्रतिफल उसे 60वें मिनट में मिला, जब पोलैंड के गोलकीपर डिफेंडरों के साथ आगे निकल आए और मोबाय नियांग ने उन्हें छकाते हुए आसानी से गोल करके अपनी टीम को 2-0 से निर्णायक बढ़त दिला दी।
जैसे जैसे खेल आगे बढ़ता गया, वैसे वैसे सेनेगल का पलड़ा भी भारी होते चला गया। हालांकि पोलैंड भी गोल करने की गरज से आक्रमण करता रहा। 86वें मिनट में उसे कामयाबी मिली और करोचोवियाक ने हैडर से गोल करके स्कोर 1-2 किया। पोलैंड के लिए तब तक काफी देर हो चुकी थी और आखिरकार सेनेगल ने यह मुकाबला
2-1 से जीतकर 3 अंक हासिल किए।
1974 के बाद यह पहला मौका है जब यूरोपियन टीम पौलैंड अपना शुरुआती मुकाबला नहीं जीत सकी है। 1974 में उसे अर्जेन्टीना ने 3-2 से शिकस्त दी थी। पोलैंड ने शुरुआत के बाद सेनेगल के तेज हमलों के बीच 4-4-1-1 की रणनीति अपनाई थी। सेनेगल के फुटबॉल इतिहास में यह दूसरा विश्व कप है। इससे पहले वह 2002 में विश्व में खेलने का हक प्राप्त कर चुका है।