• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. किसान आंदोलन
  4. shiromani akali dal president sukhbir singh badal met rakesh tikait said our party with farmers
Written By
Last Modified: रविवार, 31 जनवरी 2021 (22:45 IST)

सुखबीर सिंह बादल ने राकेश टिकैत से की मुलाकात, कहा- हमारी पार्टी किसानों के साथ

सुखबीर सिंह बादल ने राकेश टिकैत से की मुलाकात, कहा- हमारी पार्टी किसानों के साथ - shiromani akali dal president sukhbir singh badal met rakesh tikait said our party with farmers
दिल्ली/ चंडीगढ़/ मुजफ्फरनगर। शिरोमणी अकाली दल (शिअद) प्रमुख सुखबीरसिंह बादल ने रविवार को गाजीपुर बॉर्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत से मुलाकात की और उन्हें ‘सरोपा’ भेंट किया। बादल ने टिकैत को भरोसा दिलाया कि उनकी पार्टी किसान आंदोलन का समर्थन करती है। बादल ने कहा कि टिकैत ने अपने पिता और दिग्गज किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के पदचिन्हों पर चलकर कृषक समुदाय को गौरवान्वित किया है।
 
इसमें कहा गया कि उन्होंने महेंद्र सिंह टिकैत और शिअद के वयोवृद्ध नेता प्रकाश सिंह बादल की किसानों के हक के लिये लड़ी गई साझा लड़ाई को याद किया।
 
बयान के मुताबिक शिअद अध्यक्ष ने उन किसानों के परिजनों से भी मुलाकात की जिनके रिश्तेदार 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद से लापता हैं। बादल ने उन लोगों से भी मुलाकात की जिनके परिजन किसान आंदोलन के 'समर्थन' की वजह से जेल में हैं। बादल ने आश्वासन दिया कि उनकी पार्टी ऐसे लोगों का मुद्दा उठाएगी और उन्हें कानूनी सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी।
 
उन्होंने अपनी पार्टी की दिल्ली इकाई के प्रमुख हरमीत सिंह कालका से राष्ट्रीय राजधानी में एक नियंत्रण-कक्ष बनाने का भी अनुरोध किया जहां पीड़ित परिवारों को जैसी और जब जरूरत हो सहायता उपलब्ध कराई जा के। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपने विरोधों को दरकिनार कर किसानों के मुद्दे पर साथ आने की भी अपील की। कृषि कानूनों को लेकर शिअद ने केन्द्र की राजग सरकार का साथ छोड़ा और बादल की पत्नी हरसिमरत कौर बादल ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।
बढ़ रहा है किसानों का जमावड़ा : भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के आंसुओं का असर बरकरार है और तमाम पुराने और नए अवरोधकों के बावजूद दिल्ली-उत्तर प्रदेश की सीमा गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के तंबू लगातार बढ़ रहे हैं।
 
केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ नवंबर के अंत से जारी किसान आंदोलन की गति गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के बाद थम ही गई थी और ऐसा लगने लगा था कि यह शांतिपूर्ण आंदोलन अपने अंत की ओर बढ़ चला है।
 
लेकिन आंदोलन का यह हश्र देखकर किसान नेता टिकैत पत्रकारों से बातचीत के दौरान अपने आंसू नहीं रोक सके और रो पड़े, यहां तक कि उन्होंने आंदोलन के लिए अपनी जान तक देने की बात कही दी। उनके आंसू देखने के बाद आंदोलन फिर अपनी राह पर लौट रहा है और तेजी से किसानों की संख्या और उनके तंबू बढ़ रहे हैं।
 
प्रदर्शन में शामिल होने आए लोग रविवार को अपने नेता के साथ तस्वीरें खिंचवाने के लिए घंटों इंतजार करते रहे। वहीं भाकियू नेता टिकैत अपने समर्थकों और मीडिया से मिलने में व्यस्त रहे।
 
भाकियू के एक सदस्य ने कहा कि पिछले तीन दिनों से टिकैत दिन में मुश्किल से तीन घंटे की नींद ले पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें उच्च रक्तचाप की समस्या हुई थी, लेकिन अब वह ठीक हैं।’’
 
भाजपा को शक्ति प्रदर्शन की चुनौती : भारतीय किसान यूनियन के वरिष्ठ नेता नरेश टिकैत ने केन्द्र सरकार को नए कृषि कानूनों पर अपनी जिद छोड़कर किसानों की बात मानने की सलाह देते हुए सत्तारूढ़ भाजपा को शक्ति प्रदर्शन की चुनौती दी है।
टिकैत ने शनिवार को मुजफ्फरनगर में आयोजित किसान पंचायत से इतर संवाददाताओं से बातचीत में कटाक्ष किया कि किसानों के आंदोलन को लेकर भाजपा एक तीर से कई निशाने साध रही है। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी जिद छोड़कर किसानों की बात मान ले। उन्होंने एक तरह से चुनौती देते हुए कहा कि सरकार ने गलत जगह हाथ डाल दिया है। यहां पर उसकी बात का कोई असर नहीं पड़ेगा।
 
टिकैत ने कहा कि सरकार हमें कमजोर न माने। हम किसी भी सूरत में (कानूनों को वापस लिए जाने से कम पर) नहीं मानेंगे। सरकार गोली चलाएगी तो वह हमारे सीने में ही लगेगी, पीठ पर नहीं।
 
उन्होंने कहा कि जहां तक शक्ति प्रदर्शन की बात है तो एक मैदान में भाजपा अपनी रैली कर ले। अगले दिन उसी मैदान में हम अपना कार्यक्रम करेंगे। जहां पर भाजपा की पूरी ताकत हो, उत्तर प्रदेश में रख लो या हरियाणा में रख लो, वहां भाजपा अपना शक्ति प्रदर्शन करे, तब सरकार को अपनी ताकत का अंदाजा लग जाएगा। हम उसे हर जगह फेल कर देंगे।
 
भाजपा और उत्तरप्रदेश सरकार पर कटाक्ष करते हुए टिकैत ने कहा कि भाजपा सरकार के उत्तरप्रदेश में चार साल हो गए लेकिन उसने 10 रुपए ही गन्ना मूल्य बढ़ाया है। हमें तो अब ऐसा लगता है कि हाथी के दांत खाने के कुछ और हैं, दिखाने के कुछ और। प्रदेश सरकार हो या केंद्र सरकार हो, हमें कोई फायदा होने वाला नहीं है। किसानों ने मन बना लिया है। हम अपने तरीके से देखेंगे। हमें सरकार से मुकदमों के सिवा और कुछ नहीं मिलने वाला है।
 
उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि ऐसा गर्माहट का माहौल है कि कुछ भी हो सकता है। सारे भारत में आज चिंगारी है। बंगाल का चुनाव है, उस चुनाव का ध्यान करेंगे। हर साल एक-दो राज्यों में चुनाव है... यह क्या करेंगे। (भाषा)
ये भी पढ़ें
बजट से पहले मोदी सरकार के लिए खुशखबरी, रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा GST कलेक्शन