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Last Modified: बुधवार, 30 दिसंबर 2020 (18:35 IST)

कांग्रेस और शिअद की किसानों से अपील, बोले- समाधान के लिए PM मोदी के साथ करें बातचीत

कांग्रेस और शिअद की किसानों से अपील, बोले- समाधान के लिए PM मोदी के साथ करें बातचीत - hold direct talks with pm for successful outcome says congress sad to farmers
चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस ने केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्ता करने का आग्रह किया है और कहा है कि इसके सिवा बातचीत का कोई परिणाम नहीं निकल पाएगा।

कृषि कानूनों पर केंद्र के साथ किसान नेताओं की बुधवार को हो रही बातचीत को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री और शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) की बठिंडा की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि किसानों को बातचीत के ‘जाल’ में नहीं उलझना चाहिए क्योंकि इससे कोई परिणाम नहीं निकलने वाला।
पंजाब कांगेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने भी प्रधानमंत्री के साथ सीधी वार्ता की हिमायत करते हुए कहा कि वार्ता को सफल बनाने के लिए प्रधानमंत्री या केंद्रीय गृह मंत्री को इसमें शामिल होना होगा।

बादल ने एक ट्वीट में कहा कि हमारे किसान जीत की कगार पर पहुंच चुके हैं। मैं इन कृषि कानूनों को निरस्त करवाने के लिए उनसे (किसानों से) सीधे प्रधानमंत्री के साथ बातचीत करने की अपील करती हूं। 
बठिंडा की सांसद ने कहा कि कई बैठकों के बावजूद कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। 

बादल की पार्टी कृषि कानूनों पर मतभेद के बाद इस साल भाजपा नीत राजग से अलग हो गई थी। बादल ने कहा कि अगर केंद्र ने कानूनों को लेकर उनकी चेतावनी पर ध्यान दिया होता तो आज यह गतिरोध नहीं होता।

बादल ने अपने ट्विटर हैंडल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए ट्वीट कर कहा कि ‘लोकतंत्र में जनता की इच्छा सर्वोच्च होती है।’ बहरहाल, पंजाब कांग्रेस प्रमुख सनील जाखड़ ने कहा कि वार्ता को सफल बनाने के लिए प्रधानमंत्री या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इसमें शामिल होना चाहिए।

जाखड़ ने ट्वीट किया कि मुद्दे के समाधान के लिए अमित शाह की वार्ता के बाद अब अगले स्तर पर प्रधानमंत्री के साथ बातचीत होनी चाहिए। वार्ता को सफल बनाने के लिए प्रधानमंत्री या गृह मंत्री को इसमें शामिल होना होगा। अन्यथा कोई नतीजा नहीं निकलने वाला। 
कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से हजारों किसान राष्ट्रीय राजधानी की अलग-अलग सीमा पर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन में ज्यादातर पंजाब और हरियाणा के किसान हैं।

सरकार ने कहा है कि इन कानूनों से कृषि क्षेत्र में सुधार होगा और किसानों की आमदनी बढ़ेगी लेकिन प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों को आशंका है कि नए कानूनों से एमएसपी और मंडी की व्यवस्था ‘कमजोर’ होगी और किसान बड़े कारोबारी घरानों पर आश्रित हो जाएंगे। (भाषा)
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