लालकिला हिंसा : अदालत ने दीप सिद्धू को 7 दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेजा
नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लालकिला हिंसा की घटना के सिलसिले में अभिनेता-कार्यकर्ता दीप सिद्धू को 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रज्ञा गुप्ता ने यह आदेश जारी किया। इससे पहले पुलिस ने आरोप लगाया कि सिद्धू लालकिले पर हुई हिंसा की घटनाओं को भड़काने वाला मुख्य आरोपी है। पुलिस ने यह कहते हुए 10 दिन की हिरासत मांगी थी कि ऐसे वीडियो में हैं जिनमें सिद्धू कथित रूप से घटनास्थल पर देखा जा सकता है। पुलिस ने कहा कि ऐसे में अन्य आरोपियों की शिनाख्त एवं गिरफ्तारी के लिए उससे पूछताछ करना जरूरी है।
जांच अधिकारी ने आरोप लगाया कि वह भीड़ को उकसा रहा था। वह मुख्य दंगाइयों में भी एक था। सह साजिशकर्ताओं की पहचान करने के लिए कई सोशल मीडिया अकाउंटों को खंगालने की जरूरत है। यह भी उसका स्थायी पता नागपुर दिया गया लेकिन और ब्योरा सामने लाने के लिए पंजाब और हरियाणा में कई स्थानों पर जाना पड़ेगा।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सिद्धू वीडियो में लालकिले में अपने साथियों के साथ प्रवेश करते हुए नजर आता है और जब झंडा लहराया गया तब वह वहीं मौजूद था। पुलिस ने आरोप लगाया कि वह उस व्यक्ति के साथ बाहर आते हुए दिखता है जिसने झंडा फहराया। वह उसे बधाई देता नजर आ रहा है। वह बाहर आया और वहां भीड़ को उकसाया। वह मुख्य साजिशकर्ता है। उसने भीड़ को उकसाया जिसकी वजह से हिंसा हुई। कई पुलिसकर्मी हिंसा में घायल हुए।
हालांकि सिद्धू के वकील ने कहा कि चूंकि पुलिस के पास पहले से ही वीडियो और सीसीटीवी फुटेज है ऐसे में आरोपी से कुछ हासिल करने को है ही नहीं, इसलिए 10 दिनों की हिरासत जरूरी नहीं है। इस पर न्यायाधीश ने जांच अधिकारी से अदालतकक्ष में पूछने और यह तय करने को कहा कि कितने दिनों की हिरासत की जरूरत है और क्यों।
आधे घंटे बाद जांच अधिकारी ने अदालत से कहा कि पुलिस दस दिन की हिरासत मांग रही है क्योंकि जिस मोबाइल फोन और लैपटॉप का कथित रूप से सोशल मीडिया पर वीडियो डालने के लिए इस्तेमाल किया गया, उन्हें बरामद करना है।
उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस को मुम्बई और अन्य स्थानों पर जाने और आरोपी को वीडियो के साथ आमना-सामना कराने की जरूरत है ताकि अन्य दंगाइयों की पहचान की जा सके। सिद्धू के वकील ने दावा किया कि उसका हिंसा की घटना से कोई लेना-देना नहीं है और वह गलत समय पर गलत जगह पर था।
पुलिस ने सिद्धू की गिरफ्तारी में मदद करने वाली कोई भी सूचना देने पर एक लाख रुपए के नकद इनाम की घोषणा कर रखी थी। गौरतलब है कि 26 जनवरी को हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी किसान अवरोधकों को तोड़कर राष्ट्रीय राजधानी में दाखिल हो गए थे और आईटीओ सहित अन्य स्थानों पर उनकी पुलिसकर्मियों से झड़पें हुई थीं।
कई प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर चलाते हुए लालकिला पहुंच गए और ऐतिहासिक स्मारक में प्रवेश कर गए तथा उसकी प्राचीर पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया। गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा की घटना में 500 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए थे, जबकि एक प्रदर्शनकारी मारा गया था।
लालकिला हिंसा के सिलसिले में दर्ज प्राथमिकी में पुलिस ने कहा है कि प्रदर्शनकारियों ने दो कांस्टेबलों से 20 कारतूस वाली दो मैग्जीन छीन लीं। प्रदर्शनकारियों ने वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था।(भाषा)