करो या मरो की स्थिति में फ्लॉप हो जाते हैं कोहली, आंकड़े दे रहे हैं गवाही
साउथम्प्टन के रोज बॉल स्टेडियम में डब्ल्यूटीसी फाइनल के तीसरे दिन भारतीय फैंस कप्तान विराट कोहली से शतक की आस लगाए बैठे थे, लेकिन ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला और कोहली बीते दिन के स्कोर में बिना कोई इजाफा किए ही पवेलियन लौट गए।
विराट कोहली को न्यूजीलैंड के युवा तेज गेंदबाज काइल जैमिसन ने बेहतरीन इन स्विंग पर अपने जाल में फंसाया। भारतीय कप्तान ने 132 गेंदों का सामना करते हुए एक चौके की मदद से 44 रन बनाए। वैसे जानकारी के लिए बता दें कि, पिछले दो सालों और 45 पारियों से विराट के बल्ले से एक भी अंतरराष्ट्रीय शतक देखने को नहीं मिला है।
ICC के फाइनल्स में नहीं चलता बल्लाइस बात में संदेह नहीं है कि विराट आज के वक्त में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में गिने जाते हैं। तीनों फॉर्मेट में बल्लेबाज के रिकॉर्ड्स सराहनीय हैं। 32 वर्षीय कोहली ने साल 2008 में अपने करियर का आगाज किया था और अब तक टीम इंडिया के लिए कुल 5 आईसीसी फाइनल मैच खेले हैं। हैरान करने वाली बात यह है की इन पांच में से सिर्फ एक बार उनके बल्ले से 50 या उससे अधिक का स्कोर देखने को मिला है।
सीधे-सीधे शब्दों में कहा जाए तो, आईसीसी के फाइनल्स में विराट का बल्ला हमेशा शांत नजर आता है। विराट ने आईसीसी फाइनल्स की पांच पारियों में कुल मिलाकर 204 रन बनाए हैं, जो उनके कद को सूट नहीं करता।
आईसीसी फाइनल्स में विराट कोहली के स्कोर
टूर्नामेंट |
बनाम |
रन |
गेंद |
साल |
वनडे वर्ल्ड कप |
श्रीलंका |
35 |
49 |
2011 |
चैंपियंस ट्रॉफी |
इंग्लैंड |
43 |
34 |
2013 |
T-20 वर्ल्ड कप |
श्रीलंका |
77 |
58 |
2014 |
चैंपियंस ट्रॉफी |
पाकिस्तान |
5 |
9 |
2017 |
WTC फाइनल * |
न्यूजीलैंड |
44 |
132 |
2021 |
कप्तान कोहली के आंकड़े ये साफ़ दर्शाते हैं कि फाइनल जैसे, करो या मरो वाले मुकाबले में विराट शुरुआत तो अच्छी कर लेते हैं, लेकिन वह बड़ी पारी खेलने में सफल नहीं हो पाते।
वैसे फाइनल्स का एक आंकड़ा यह भी दर्शाता है कि विराट द्वारा खेले गए इन सभी 5 मैचों में टीम इंडिया ने 2011 का वनडे वर्ल्ड कप और 2013 के चैंपियंस ट्रॉफी में खिताबी जीत का स्वाद चखा है।
ख़ैर अभी टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेला जा रहा है और सभी आशा करेंगे कि दूसरी पारी में वह न सिर्फ एक बढ़िया स्कोर बनाएंगे बल्कि भारतीय टीम ट्रॉफी उठाने में भी कामयाब होगी।