NEET Exam Paper Leak Scam: मेडिकल में प्रवेश के लिए होने वाली NEET यानी national eligibility cum entrance test में पेपर लीक के चलते एक बार फिर से देश की शिक्षण प्रणाली में होने वाली ये धांधली सुर्खियों में है। दिलचस्प बात यह है कि बेहद सुरक्षित और गोपनीय परीक्षा प्रणाली में हर बार ये लीकेज कहां से कैसे हो जाता है और कैसे हजारों- लाखों छात्र-छात्राओं के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लग जाता है यह सवाल आज भी किसी अनसुलझे रहस्य की तरह है।
साल 2016 की बात है। आपको रूबी नाम की छात्रा याद होगी। बिहार बोर्ड परीक्षा में पास हुई रूबी जब मीडिया से मुखातिब हुई तो वो पॉलिटिकल साइंस का उच्चारण प्लोटिकल साइंस कर रही थी। ये बिहार बोर्ड की मोहतरमा टॉपर थीं। यहां तक कि रूबी को अपने सब्जेक्ट के नाम तक नहीं पता थे। जो बाद में सोशल मीडिया में जमकर ट्रोल हुई थी। ठीक इसी तरह साल 2016 में ही एक संगीत के छात्र को बेहद बेसिक सुरों तक की समझ नहीं थी, ये छात्र भी एक्जाम टॉपर था। दरअसल, देश में आए दिन होने वाले एक्जाम के पेपर लीक (Paper leak) के ये दुष्परिणाम आते रहे हैं। इतना ही नहीं, लाखों छात्र- छात्राओं के भविष्य पर भी खतरा मंडरा रहा है।
ये है Paper leak की हकीकत: दुखद बात यह है कि मध्यप्रदेश से लेकर बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश,उत्तरांखड, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा और जम्मू कश्मीर तक में पेपर लीक का ये भूत जिंदा है। एक रिपोर्ट बताती है कि पिछले 5 साल में देश के 15 राज्यों में हुई 45 परीक्षाएं पेपर लीक का शिकार हुईं जिसके बाद करीब 1.4 करोड़ परीक्षार्थी के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया। यह सिर्फ एक मोटा-मोटा आंकड़ा है, अगर पेपर लीक के इस बेहद गहरे दलदल में उतरेंगे शायद इसकी भयावह हकीकत पर किसी को यकीन नहीं होगा। जानते हैं पिछले कुछ सालों में कैसे स्कूल से लेकर तमाम तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक ने देश के एजुकेशन सिस्टम में सड़ांध लगा दी है। बावजूद इसके अब तक इस मामले में कोई बडी गिरफ्तारी नहीं हुई। आमतौर पर छोटे स्तर के कर्मचारियों पर आरोप लगाकर मामले को बरी कर दिया जाता है।
क्या है NEET Paper leak मामला : NEET 2024 का पेपर लीक होने के आरोप लगे हैं। रिजल्ट जारी करने में गड़बड़ करने के आरोप भी लगे हैं। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी कठघरे में हैं। पेपर लीक कराने वाले गिरोह पकड़े जा रहे हैं। 30-30 लाख लेकर पेपर बेचने के सुराग पुलिस के हाथ लगे हैं। 67 बच्चों के 720 में से 720 नंबर देखकर सवाल उठाए गए। पेपर रद्द करने और मामले की जांच करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में न्याय की गुहार लगाई गई है। मामले में स्टूडेंट ने NTA को शक के घेरे में लिया है।
पेपर लीकेज में राजस्थान सबसे आगे : मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राजस्थान में 2019 के बाद से हर साल औसतन 3 पेपर लीक हुए हैं। इससे लगभग 40 लाख छात्र प्रभावित हुए हैं। जांच के दौरान पाया कि लीक हुए पेपर 5 से 15 लाख रुपए में बिके हैं। राज्य में 2011 से 2022 के बीच पेपर लीक के करीब 26 मामले दर्ज किए गए हैं, उनमें से 14 पिछले चार वर्षों में रिपोर्ट किए गए हैं। पेपर लीक के कारण रद्द की गई परीक्षाओं में ग्रेड-3 लाइब्रेरियन के लिए भर्ती परीक्षा है। इसे दिसंबर 2019 में लीक हुए प्रश्न पत्र के कारण रद्द कर दिया गया था। इसने लगभग 55 हजार युवाओं को प्रभावित किया, जिन्होंने 700 रिक्त पदों के लिए आवेदन किया था। वहीं सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र सितंबर 2021 में लीक हुआ था और बीकानेर पुलिस ने मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया था।
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) : बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा सबसे ताजा मामाला बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा का है। इसकी 67वीं प्रारंभिक परीक्षा पेपर लीक होने के चलते स्थगित करनी पड़ी है। इस परीक्षा के लिए 6 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने आवेदन किया है, लेकिन परीक्षा शुरू होने से ठीक पहले पेपर लीक होने ने अभ्यर्थियों को मायूस कर दिया। आयोग ने पेपर लीक होने की सूचना मिलते ही एक कमेटी गठित करके जांच के आदेश दिए। साथ ही परीक्षा भी रद्द कर दी।
यूपी पुलिस भर्ती पेपर लीक : उत्तर प्रदेश पुलिस के आरक्षक (सिपाही) के 60 हजार से अधिक पदों के लिए 17 और 18 फरवरी को राज्य के सभी 75 जिलों में परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें करीब 48 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। परीक्षा के दौरान करीब 244 सॉल्वर और परीक्षा में सेंध लगाने के प्रयास में जुटे गिरोह के कई लोग पकड़े गए थे। इस मामले में कई जगह प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई थी। पेपर लीक होने के आरोपों के बाद यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा-2023 को रद्द कर दिया गया है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बिना किसी गड़बड़ी के 6 महीने के अंदर यह परीक्षा फिर से कराई जाएगी। अभ्यर्थियों को एग्जाम सेंटर तक रोडवेज बसों से मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलेगी। यूपी में सिपाही के 60,244 पदों पर भर्ती के लिए 17 और 18 फरवरी को हुई लिखित परीक्षा में पेपर लीक होने की जांच कराई जाएगी। आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच STF से कराने का आदेश दिया गया है। परीक्षा दोबारा कराने की मांग पर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने इस आदेश पर खुशी जताई। यूपी लोक सेवा आयोग की 11 फरवरी को हुई समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) परीक्षा- 2023 से जुड़ी शिकायतों की भी जांच कराने का निर्णय लिया गया है।
ISRO भर्ती परीक्षा भी शक के घेरे में : पिछले साल विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र ने इसरो भर्ती परीक्षा 2023 को कैंसल कर दिया था। परीक्षा के दौरान नकल करने पर दोनों कैंडिडेट्स की गिरफ्तारी के बाद अंतरिक्ष केंद्र ने परीक्षा रद्द की। इस परीक्षा का आयोजन तकनीकी स्टाफ पदों पर भर्तियों के लिए किया जा रहा था। केरल में परीक्षा के समय यह खुलासा हुआ था। इस परीक्षा के जरिए तकनीशियन-बी, ड्राफ्ट्समैन-बी और रेडियोग्राफर-ए के खाली पदों को भरा जाना था। केरल में एक परीक्षा केंद्र पर नकल करते दो युवाओं के पकड़े जाने के बाद इसरो भर्ती परीक्षा को रद्द कर दिया गया है। एग्जाम का आयोजन विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र की ओर से किया गया था।
MP Nursing College Scam: नर्सिंग फर्जीवाड़े की शुरुआत करीब 4 साल पहले 2020 में हुई। 2019 तक प्रदेश में 450 नर्सिंग कॉलेज रजिस्टर थे। 2020 में कोरोना के समय 2020 से 2022 तक 200 नए नर्सिंग कॉलेज रजिस्टर्ड हुए। इसके बाद कॉलेज शक के घेरे में आए। सभी कॉलजों की अपने स्तर पर जांच की गई। इस जांच के बाद उन्होंने साक्ष्य जुटाकर अदालत में याचिकाएं दायर कर दीं। जबलपुर में वकील विशाल बघेल और ग्वालियर में वकील दिलीप शर्मा ने कोर्ट में ये याचिकाएं लगाईं। इन याचिकाओं को सुनने के बाद कोर्ट ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को दे दी। सीबीआई ने पहले चरण में प्रदेश के 700 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेजों में से करीब 308 कॉलेजों की जांच की। इसमें सीबीआई ने 169 नर्सिंग कॉलेजों को सूटेबल, 66 कॉलेजों को अनसूटेबल यानी अपूर्ण कैटेगरी में रखा। जबकि 73 कॉलेजों को अनुपयुक्त बता दिया। इन सभी कॉलेजों में एक लाख से ज्यादा छात्रों ने एडमिशन लिया था।
मध्यप्रदेश व्यापमं घोटाला : मध्यप्रदेश में अप्रैल में पेपर लीक होने के चलते व्यापमं ने तीन परीक्षाओं को निरस्त किया गया है। इसके तहत वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी और स्टॉफ नर्स चयन परीक्षा निरस्त कर दी गई है।
महाराष्ट्र : पेपर लीक और आत्महत्या : 2022 और 2023 के अगस्त और सितंबर में महाराष्ट्र सरकार ने राज्य भर में ग्राम लेखाकारों की भर्ती के लिए एक निजी सॉफ्टवेयर कंपनी की मदद से परीक्षा आयोजित की थी। मात्र 4,600 पदों के लिए 10 लाख से अधिक लोगों ने आवेदन किया और 8,50,000 से अधिक लोगों ने परीक्षा दी। राज्य प्रत्येक आवेदक से 1,000 रुपए लेता है। यह पैसा नॉन रिफंडेबल होता है। इसका मतलब है कि राज्य सरकार उन लोगों से 1 अरब रुपए कमा लेती है जो मूल रूप से बहुत गरीब परिवारों से आते हैं। 2023 में महाराष्ट्र के कम से कम सात जिलों नासिक, अहमदनगर, वर्धा, अमरावती, सांगली, लातूर और औरंगाबाद से पेपर लीक और धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं। तकरीबन हर जिले में पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई गई है। एफआईआर का मतलब है कि पुलिस ने माना है कि अपराध हुआ है। महाराष्ट्र के तमाम सुखाग्रस्त इलाकों में खेती से बाहर निकलने और सरकारी नौकरी पाने की लालसा में कई नौजवान सरकारी परीक्षाएं देते हैं, लेकिन पेपर लीक में उनका भविष्य बर्बाद हो जाता है और वे आत्महत्या कर लेते हैं। महाराष्ट्र में सुसाइड के ऐसे कई मामले हैं।
UKSSSC Paper Leak : सितंबर 2022 में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (
UKSSSC) ने स्नातक स्तर के 916 पदों के विज्ञापन निकालकर 4 और पांच दिसंबर को परीक्षा आयोजित की थी। तीन पालियों में आयोजित इस परीक्षा में तकरीबन 1 लाख 90 हजार अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था और 916 परीक्षार्थी सफल हुए थे। बाद में परीक्षा को लेकर पेपर लीक की शिकायतें सामने आने लगीं। कई प्रतियोगी छात्रों ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से मुलाकात कर परीक्षा में अनियमितताओं की जांच की मांग की। शिकायतकर्ताओं ने कुछ वॉट्सऐप स्क्रीनशॉट और कई अन्य सबूत भी सीएम के सामने रखे और मामले में तत्काल कार्रवाई करने की अपील की।
HSSC: हरियाणा में 28 बार पेपर लीक हुए: हरियाणा की मनोहरलाल खट्टर सरकार भी भ्रष्टाचार मामले में ज़ीरो टॉलरेंस का दावा तो करती है, लेकिन यहां भी आए दिन भर्तियों के घोटाले की खबरें कुछ और ही कहानी बयां करती हैं। साल 2021 में
HSSC ने पुरुष कॉन्स्टेबल के 7,298 पदों के लिए भर्ती निकाली थी। इसके लिए 7 और 8 अगस्त को दो पारियों में परीक्षा होनी थी। 7 तारीख को दोनों पारियों की परीक्षा हुई भी लेकिन इसे निरस्त कर दिया गया और 8 तारीख को होने वाली परीक्षा को स्थगित कर दिया गया। ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि हरियाणा पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पता किया जिसने एचएसएससी की इस भर्ती के पेपर को लीक कर दिया था। लाखों में इस पेपर को बेचा जा रहा था। हरियाणा पुलिस ने इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है। इसके अलावा पुलिस ने सात ऐसे लोगों को भी गिरफ्तार किया है जिन्होंने आंसर की खरीदी थी। ये वो लोग थे जिन्होंने कॉन्स्टेबल भर्ती में पास होने के लिए पेपर और आंसर्स के बदले पैसे दिए थे।
कांग्रेस का आरोप था कि बीजेपी सरकार के आने के बाद से अभी तक 28 बार अलग-अलग तरह के पेपर लीक हो चुके हैं। बार-बार परीक्षाओं के रद्द होने, पेपर लीक होने से सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक 3 साल के बाद कॉन्स्टेबल परीक्षा आयोजित कराई गई थी और वो भी पेपर लीक के कारण रद्द हो गई।
REET Paper leak 2023: यूपी के अलावा जिस स्टेट में सबसे बड़ी परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं, उनमें राजस्थान का नाम आता है। नंबर ऑफ कैंडिडेट्स के मामले में यूपी के बाद राजस्थान में पेपर लीक की घटनाएं हुई हैं, जिन्होंने लाखों कैंडिडेट्स को प्रभावित किया। राजस्थान सबऑर्डिनेट एंड मिनिस्ट्रियल सर्विसेस सेलेक्शन बोर्ड ने 25 फरवरी 2023 के दिन परीक्षा का आयोजन किया था। इसी दिन पेपर लीक की खबर भी आ गई। पहले सत्र की परीक्षा का पेपर लीक हुआ था।
UPTET Paper leak 2021: यूपी में साल 2021 में उत्तर प्रदेश टीचर एलिजबिलिटी टेस्ट (
UPTET) का परीक्षा लीक हुआ था। 28 नवंबर को एग्जाम आयोजित होने के पहले ही पेपर लीक हो गया था। व्हॉट्सअप ग्रुप पर पेपर लीक हुआ था। कुछ दिन बाद परीक्षा रद्द हुई और बाद में दोबारा इसका आयोजन किया गया।
NEET 2021: नेशनल एलिजबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट 2021 का पर्चा भी लीक हो गया था। एग्जाम के आधे घंटे पहले परीक्षा का पेपर सोशल मीडिया पर दिख गया था। हालांकि इसके बाद भी 21 सितंबर 2021 के दिन सभी कॉन्ट्रोवर्सीज के बीच परीक्षा का आयोजन किया गया था।
GSSSB हेड क्लर्क एग्जाम: गुजरात सबऑर्डिनेट सर्विसेस सेलेक्शन बोर्ड (
GSSSB) की लिखित परीक्षा 186 हेड क्लर्क पदों के लिए 12 दिसंबर 2021 के दिन आयोजित हुई थी जिसमें करीब 88 हजार कैंडिडेट्स ने भाग लिया था! गुजरात पुलिस ने पेपर लीक मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया था।
महाराष्ट्र HSC- तेलांगना HSC पेपर लीक : साल 2023 में तेलांगना का सेकेंडरी स्कूल सर्टिफिकेट एग्जाम का हिंदी का प्रश्न-पत्र लीक हुआ था। जल्दी ही लीक पेपर सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो गया था। इसी तरह पिछले साल महाराष्ट्र हायर सेकेंडरी सर्टिफिकेट का मैथ्स का पेपर लीक हुआ था और एक प्राइवेट कॉलेज का नाम इसमें आया था। परीक्षा से एक घंटे पहले पेपर लीक हुआ था, लेकिन मामला सामने आने के बाद पुलिस ने दोषियों को दबोच लिया था और परीक्षा कैंसल हो गई थी।
क्या कहते हैं स्टूडेंट : नीट की एक्जाम देने वाली
हंसिका जारवाल ने बताया कि उनका यह पहला अटैम्प्ट था। उन्हें 300 मार्क्स मिले है। वे कहती हैं कि हां यह सच बात है कि अगर फिर से एक्जाम होती है तो उन्हें दूसरा मौका मिल जाएगा, लेकिन जिन्हें अच्छे मार्क्स मिले हैं, उनकी मेहनत तो पानी में चली जाएगी। परीक्षाओं में इस तरह की बार बार होने वाली धांधलियों से छात्रों का मनोबल गिरता है। ऐसा नहीं होना चाहिए, सरकार को इस बारे में कुछ ठोस सोचना चाहिए। ठीक इसी तरह से नीट परीक्षार्थी
धीरज पटेल को नीट एक्जाम में 500 नंबर मिले हैं, लेकिन उनका कहना है कि पेपर लीक की वजह से छात्रों का परीक्षा प्रणाली से भरोसा ही उठ रहा है। दुखद यह है कि यह बार बार हो रहा है।
क्या कहते हैं एक्जाम एक्सपर्ट : शिक्षाविद डॉ अवनीश पांडेय ने बताया कि इस तरह के पेपर लीक से एनटीए की विश्वसनीयता भंग हुई है। यह देशहित में नहीं है। दूसरी तरफ एनटीए को सोचना चाहिए कि इतना सरल पर्चा नहीं हो कि बच्चों की लॉजिकल और रीजनल थिंकिंग ही खत्म हो जाए। परीक्षा को कुछ कठिन बनाया जाना चाहिए। इसमें ये हो रहा है कि हर बच्चे की परीक्षा अच्छी जा रही है, लेकिन उसे 720 पर भी एडमिशन नहीं मिल रहा है। सवाल तो यह है कि नीट एक्जाम सिलेक्शन के लिए नहीं है, बल्कि रिजेक्शन के लिए है। 24 लाख छात्रों में से आपको 23 लाख को तो बाहर करना है। सिर्फ एक लाख छात्रों को चुनना है। इसके साथ ही एम्स की एक्जाम भी अलग होना चाहिए। कुल मिलाकर इन तकनीकी खामियों को दूर किया जाना चाहिए
छात्रों में कुंठा और हीनभावना आ रही : भोपाल में प्रसिद्ध
मनोचिकित्सक डॉ सत्यकांत त्रिवेदी ने बताया कि जिनके नंबर अच्छे आए थे, लेकिन उन्हें रैंक नहीं मिलने से एक हतोत्साहित का माहौल है। फिर ऊपर से इस तरह के पेपर लीक होते हैं तो लोग इस विषय को लेने से कतरा रहे हैं। मेरे पास कई केस आए हैं, जिनमे में बच्चों में हीन भावना, कुंठा हो रही है, वे सोच रहे हैं कि अब कुछ कर ही नहीं पाएंगे। यह पेपर लीक के दुष्परिणाम हैं।
सवाल यह है कि इतने परीक्षा घोटलों के बाद भी देश में कभी किसी उच्च स्तर के अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, हर बार संबंधित विभाग के छोटे कर्मचारी को कठघरे में खड़ा कर के जिम्मेदारियों से इतिश्री कर लिया गया।