नई दिल्ली। New covid variant : AIIMS के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया (Dr. Randeep Guleria) ने कहा कि कोरोनावायरस (Coronavirus) का नया वेरिएंट XBB.1.16 इस समय संक्रमण के मामलों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार हो सकता है। हालांकि इससे घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इससे गंभीर बीमारी या जान का खतरा नहीं है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोनावायरस का नया वैरिएंट एक्सबीबी. 1.16 (XBB.1.16) इस समय संक्रमण के मामलों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार हो सकता है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि इससे गंभीर बीमारी या मृत्यु का खतरा नहीं है। उन्होंने पीटीआई से कहा कि नए वैरिएंट आते रहेंगे क्योंकि समय के साथ वायरस का उत्परिवर्तन होता रहता है और एक्सबीबी.1.16 एक तरह से इस समूह का नया सदस्य है। इधर केरल में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों ने चिंताओं को बढ़ा दिया है।
राष्ट्रीय कोविड कार्यबल के सदस्य रहे गुलेरिया ने कहा कि जब तक वायरस के इन स्वरूपों से गंभीर बीमारी, अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति और मृत्यु का खतरा नहीं है, तब तक ठीक है क्योंकि आबादी को हल्की बीमारी से कुछ हद तक प्रतिरोधक क्षमता मिलती है।
जाने-माने चिकित्सक गुलेरिया ने यह बात ऐसे समय में की है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोविड के हालात की समीक्षा के लिए हाईलेवल मीटिंग बुलाई थी।
भारत में कोरोनावायरस के 1,134 नए मामले सामने आए जो पिछले 138 दिन में सर्वाधिक हैं, वहीं उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 7,026 हो गई।
डॉ. गुलेरिया के अनुसार वायरस समय के साथ बदलता है और यह कोविड तथा इन्फ्लुएंजा दोनों के साथ ही होता है। उन्होंने कहा कि हम याद करें कि जब कोविड का प्रकोप शुरू हुआ था तो यह अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा और ओमीक्रोन स्वरूपों के साथ हुआ था।
गुलेरिया ने कहा कि इस तरह वायरस बदलता गया। सौभाग्य से, हम पिछले एक साल पर नजर डालें तो ऐसे वैरिएंट सामने आए जो ओमीक्रॉन के ही उप-स्वरूप हैं। इसलिए लगता है कि वायरस कुछ हद तक स्थिर हो गया है और अतीत की तरह तेजी से नहीं बदल रहा।
क्या आएगी नई लहर? : क्या नए स्वरूप एक्सबीबी.1.16 में अगले कुछ दिन में कोविड के मामलों की नई लहर लाने की क्षमता है, इस प्रश्न पर गुलेरिया ने कहा, आप मामलों में वृद्धि देख सकते हैं। लेकिन हो सकता है कि ये सामने ही नहीं आएं क्योंकि शुरू में लोग बहुत सतर्क थे और खुद जाकर जांच कराते थे।
जांच में सामने आ रही है लापरवाही : उन्होंने कहा कि अब बुखार-सर्दी-खांसी के लक्षणों के बाद भी अधिकतर लोग जांच नहीं करा रहे। कुछ लोग रैपिड एंटीजन जांच करा लेते हैं और संक्रमण की पुष्टि होने के बाद भी वे इसके बारे में नहीं बताते।
डॉ. गुलेरिया ने सलाह दी है कि जांच में पॉजिटिव आने वाले लोगों को जानकारी देनी चाहिए जिससे नीति निर्माताओं और सरकार को मामलों की वास्तविक संख्या जानने में और उस हिसाब से रणनीति बनाने में मदद मिलती है।
उन्होंने कहा कि इसलिए अगर हम मामलों में बढ़ोतरी देखें, तब भी चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि जब तक अस्पताल में भर्ती कराने की स्थिति तथा मृत्यु की आशंका का जोखिम नहीं है, तब तक सही है।
Genome Sequencing में लाए तेजी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूदा हालात तथा जन स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा करने के लिए बुधवार को हाईलेवल मीटिंग की। पीएम मोदी को इन्फ्लूएंजा की स्थिति से अवगत कराया गया. उन्हें विशेष रूप से पिछले कुछ महीनों में एच1एन1 और एच3एन2 के मामलों की अधिक संख्या के संबंध में जानकारी दी गई।
पीएम मोदी ने प्रयोगशाला निगरानी बढ़ाने, गंभीर घातक श्वसन संक्रमण (SARI) के सभी मामलों की जांच करने और जीनोम अनुक्रमण (Genome Sequencing) को तेज करने की अपील की।
केरल में मामलों में बढ़ोतरी : केरल में कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। राज्य सरकार ने बुधवार को सभी जिलों को सतर्क रहने का निर्देश दिया।
स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने यहां जारी बयान में कहा कि कोविड-19 संक्रमितों की संख्या में मामूली वृद्धि हुई है और मंगलवार को संक्रमण के 172 नए मामले सामने आए।
उन्होंने बताया कि तिरुवनंतपुरम और एर्णाकुलम जिले में उपचाराधीन मरीजों की संख्या अपेक्षाकृत ज्यादा है।
मंत्री ने बताया कि राज्य में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 1,026 है, जिनमें से 111 का इलाज अस्पतालों में किया जा रहा है। सभी जिलों को सतर्क कर दिया गया है।
हाईलेवल मीटिंग : जॉर्ज की अध्यक्षता में एक हाईलेवल मीटिंग भी आयोजित की गई है, जिसमें राज्य में कोविड-19 के हालात की समीक्षा की गई।
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से एहतियाती कदम उठाने की अपील की है और संक्रमण से बचने के लिए मास्क लगाने की सलाह दी है।
जॉर्ज ने कहा कि अन्य बीमारियों से ग्रस्त लोग, बुजुर्ग, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को विशेष एहतियात बरतनी चाहिए। उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना चाहिए। अस्पताल आने वाले भी मास्क अवश्य पहनें।
मंत्री ने बताया कि सभी जिलों को निगरानी व्यवस्था को मजबूत करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग दैनिक आधार पर कोविड-19 मामलों की समीक्षा कर रहा है।
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि राज्य में अब तक कोई भी स्थान कोविड-19 संक्रमितों के केंद्र के रूप में सामने नहीं आया है, इसके बावजूद जिलों और अस्पतालों को बढ़ते मामलों से निपटने के लिए योजना बनाने का निर्देश दिया गया है। भाषा Edited By : Sudhir Sharma