क्या है केरल का वैक्सीनेशन मॉडल? जिसके मुरीद हुए मोदी
देशभर में जारी वैक्सीनेशन के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केरल सरकार की तारीफ की है। दरअसल, मोदी ने केरल की इसलिए तारीफ की है क्योंकि वहां वैक्सीन बर्बाद नहीं हुई हैं, जबकि कई अन्य राज्यों में इसकी संख्या काफी ज्यादा है। पीएम मोदी ने केरल के स्वास्थ्यकर्मियों की भी तारीफ की है।
यह है तारीफ का कारण : दरअसल, केरल कोरोना वैक्सीन की बर्बादी बिलकुल भी नहीं हुई है। यहां तक कि वेस्टेज के रूप में भेजी गईं वैक्सीन का भी यहां सदुपयोग किया गया है। यह संभव हुआ है कि स्वास्थ्यकर्मियों की कुशलता और अपने काम के प्रति समर्पण के कारण।
केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने ट्वीट कर जानकारी दी कि केरल को केंद्र सरकार से 73 लाख 38 हजार 806 वैक्सीन की डोज़ मिली हैं, जबकि हमने 74 लाख 26 हजार 164 डोज का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि हमने हर वायल में वेस्टेज के हिसाब से मिली अतिरिक्त डोज का भी सही इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि हमारे स्वास्थ्यकर्मी खासकर नर्सें पूरी तरह कुशल हैं और इसके लिए वे बधाई की पात्र हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों वैक्सीन वेस्टेज की जारी सूची में तेलंगाना सबसे ऊपर था, जहां 17.6 फीसदी वैक्सीन बर्बाद हुईं, जबकि 11.6 फीसदी के साथ दूसरी स्थान पर है। जबकि वेस्टेज का पूरे देश का औसत 6.5 फीसदी है।
दूसरी ओर वैक्सीन वेस्टेज पर प्रधानमंत्री मोदी कई बार राज्य सरकारों और एक्सपर्ट्स से अपील भी कर चुके हैं। उनका कहना है कि हमारा फोकस इस बात पर होना चाहिए कि वैक्सीन का वेस्टेज कम से कम हो।