सांसों का संकट : ओडिशा बना मददगार, जरूरतमंद राज्यों को भेजी 510 मीट्रिक टन ऑक्सीजन
भुवनेश्वर। ओडिशा ने पिछले 48 घंटों में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और अन्य जरूरतमंद राज्यों के लिए पुलिस के सुरक्षा घेरे में करीब 510 मीट्रिक टन चिकित्सीय ऑक्सीजन के साथ कम से कम 29 टैंकर रवाना किए हैं।
पुलिस ने बनाया कॉरिडोर : ओडिशा पुलिस द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इसके अलावा शनिवार तक ढेंकनाल, राउरकेला और अंगुल से 15 और टैंकरों को रवाना किया गया। राज्य पुलिस ने टैंकरों को जल्दी पहुंचाने के लिए एक गलियारा (कॉरिडोर) बनाया है ताकि विभिन्न राज्यों में हजारों जरूरतमंद मरीजों को बिना देरी के ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके।
एडीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) वाई के जेठवाइस के नेतृत्व में गठित किया गया विशेष प्रकोष्ठ ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे राज्यों को इसकी आपूर्ति कर रहा है।
आवश्यकता 23.78 टन, 129.68 टन उत्पादन : आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ओडिशा में मरीजों के लिए रोज 23.78 टन मेडिकल ऑक्सीजन की आवश्यकता है जबकि राज्य में सिलेंडर ऑक्सीजन का रोज 129.68 टन उत्पादन है। इसके अलावा तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन (एलएमओ) का रोज 60 टन उत्पादन किया जा रहा है।
बरहामपुर में एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में 10 मई तक एक एलएमओ संयंत्र शुरू किया जाएगा जबकि 15 कोविड अस्पतालों में भी एलएमओ संयंत्र लगाने की योजना है।
पहले राज्य की जरूरत पर ध्यान : अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पी के मोहपात्र ने कहा कि ओडिशा अपनी आवश्यकताएं पूरी करने के बाद अन्य जरूरतमंद राज्यों को ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहा है। राज्य की जरूरतों को नजरअंदाज करते हुए दूसरे राज्यों को ऑक्सीजन देने का सवाल ही नहीं उठता।
इस बीच भाजपा के प्रदेश महासचिव पृथ्वीराज हरिचंदन ने आरोप लगाया कि बरहामपुर में एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ऑक्सीजन का भंडार खत्म हो गया है और शुक्रवार रात को ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीजों की मौत हुई। बहरहाल गंजम जिला प्रशासन ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। (भाषा)