नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 के नए 'ओमिक्रॉन' स्वरूप के संक्रमण के भारत में 2 मामले सामने आए हैं तथा खतरे की श्रेणी वाले देशों (एट रिस्क) से आए 16 हजार यात्रियों की आरटी-पीसीआर जांच में 18 लोग कोरोनावायरस संक्रमित पाए गए हैं, जिनके जीनोम सीक्वेंसिंग से यह पता लगाया जा रहा है कि इनमें से कितने इस नए स्वरूप से संक्रमित हैं।
मंत्री ने कहा कि केंद्र ने राज्य सरकार को सभी सावधानियां बरतने को कहा है तथा हवाई अड्डे सहित अन्य स्थानों पर संक्रमण की जांच के लिए सभी एजेंसियों एवं प्रदेश सरकारों के साथ समन्वय बनाकर काम किया जा रहा है।
लोकसभा में कोविड-19 महामारी से उत्पन्न स्थिति पर बृहस्पतिवार को हुई चर्चा का शुक्रवार को जवाब देते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कोविड-19 वायरस के नए स्वरूप का जिक्र किया और कहा कि दक्षिण अफ्रीका से दुबई होते हुए भारत आने वाले दो यात्री-19 साल की एक लड़की और 67 साल के एक पुरुष बेंगलुरु हवाई अड्डे पर कोविड संक्रमित पाए गए।
उन्होंने बताया कि 19 वर्षीय महिला में ओमिक्रॉन वायरस की पुष्टि नहीं हुई जबकि बुजुर्ग के नमूने में ओमिक्रॉन वायरस की पुष्टि हुई। मांडविया ने कहा कि बुजुर्ग के नमूने की जीनोम अनुक्रमण की रिपोर्ट आने से पहले उनकी दूसरी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी थी और वह दक्षिण अफ्रीका वापस लौट चुके थे तथा उनके संपर्क में आए लोगों में कोई संक्रमित नहीं मिला।
मांडविया ने बताया कि बेंगलुरु के 46 साल के एक पुरुष की 22 नवंबर को हुई आरटी-पीसीआर जांच में संक्रमण का पता चला। उन्होंने कहा कि इनका जीनोम अनुक्रमण 28 नवंबर को हुआ जिसमें ओमिक्रॉन स्वरूप का पता चला और इनके संपर्क में आए तीन परिवार के सदस्यों और 160 लोगों की जांच में पांच लोग संक्रमित मिले जिनके नमूनों का आगे जीनोम अनुक्रमण परीक्षण चल रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इसके अलावा विभिन्न अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से भारत आने वाले लोगों की भी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि खतरे की श्रेणी वाले देशों (एट रिस्क) से आए 16 हजार यात्रियों की आरटी-पीसीआर जांच में 18 लोग कोविड-19 संक्रमित आए गए हैं और यह पता लगाया जा रहा है कि इनमें से कितने नए स्वरूप ओमिक्रॉन से संक्रमित हैं।
मांडविया ने कहा, केंद्र ने राज्य सरकार को सभी सावधानियां बरतने को कहा है और उनके साथ समन्वय बनाकर काम किया जा रहा है। जोखिम भरे अंतरराष्ट्रीय स्थानों से आने वाले सभी यात्रियों की आरटी-पीसीआर जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि अब तक विश्व के 29 देशों में सार्स-सीओवी-2 के ओमिक्रॉन स्वरूप के 373 मामले सामने आए हैं।
मंत्री ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका ने 25 नवंबर को इस वायरस के नए स्वरूप का पहला मामला आने की घोषणा की थी और उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बैठक की। उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने सभी राज्यों के साथ बैठक की और इसके बाद संशोधित पारमर्श जारी किया गया।
देशवासियों को कोविड टीके की बूस्टर या तीसरी अतिरिक्त खुराक तथा 18 साल से कम उम्र के बच्चों को टीके लगाए जाने को लेकर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक सहित विभिन्न दलों के सदस्यों के सवाल पर मांडविया ने कहा कि हमारे पास दो ही विकल्प हैं जिसमें से एक राजनीतिक और दूसरा वैज्ञानिक है।
उन्होंने कहा कि वायरस के संक्रमण को लेकर दो विशेषज्ञ समूह अनुसंधान कर रहे हैं जिन्होंने टीका अनुसंधान में सहयोग दिया है और इस विषय पर भी विशेषज्ञ विचार कर रहे हैं। मंत्री ने कहा, वैज्ञानिक गहन विचार कर रहे हैं और जब वैज्ञानिक एवं विशेषज्ञ तय करेंगे और जैसा तय करेंगे उनके मार्गदर्शन के आधार पर सरकार आगे चलेगी।
कोरोनावायरस के खिलाफ सामूहिक लड़ाई की जरूरत को रेखांकित करते हुए मांडविया ने आरोप लगाया कि इस गंभीर आपदा के काल में कुछ राजनीतिक दलों ने टीके पर संशय फैलाने का प्रयास करके, टीकाकरण अभियान पर सवाल उठाकर एवं प्रधानमंत्री पर आरोप लगाकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करने प्रयास किया।(भाषा)