• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. कोरोना वायरस
  4. Kanpur district judge became the victim of dislocations in the private hospital
Last Updated : बुधवार, 21 अप्रैल 2021 (21:54 IST)

कानपुर : कोविड प्राइवेट हॉस्पिटल की अव्यवस्था के शिकार हुए जिला जज, चिकित्सा अधिकारी से बोले प्रबंधक- मुझे जेल भेज दो...

कानपुर : कोविड प्राइवेट हॉस्पिटल की अव्यवस्था के शिकार हुए जिला जज, चिकित्सा अधिकारी से बोले प्रबंधक- मुझे जेल भेज दो... - Kanpur district judge became the victim of dislocations in the private hospital
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में जिला प्रशासन की तरफ से बनाए गए कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 प्राइवेट हॉस्पिटल के क्या हाल हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब कानपुर कोर्ट के जिला जज ही प्राइवेट अस्पताल की अव्यवस्थाओं के शिकार हो गए। अस्पताल में भर्ती होने के लिए उन्हें परेशानी का सामना उठाना पड़ा, वह भी उस समय जब उन्हें भर्ती कराने के लिए खुद उनके साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी पहुंचे थे। जब अस्पताल में हो रही समस्याओं को लेकर प्राइवेट अस्पताल के प्रबंधक को मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने फोन से अवगत कराया तो प्रबंधक का पारा इतना चढ़ गया कि उसने यहां तक कह डाला 'जो करना है वह करो जाओ' मेरा अस्पताल सीज करा दो, मुझे जेल भेज दो।

इसके बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ पनकी थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। लेकिन आप जरा सोचिए जब ये हालात स्वास्थ्य व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाल रहे मुख्य चिकित्सा अधिकारी के साथ है तो प्राइवेट अस्पताल आम आदमी के साथ क्या सलूक करते होंगे।

अव्यवस्थाओं के शिकार हुए जिला जज : मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को कानपुर के जिला जज आरपी सिंह कोरोना संक्रमित पाए गए थे। इसके बाद जिला जज के स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें पनकी स्थित कोविड प्राइवेट हॉस्पिटल नारायणा में भर्ती कराने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने सारी कागजी कार्य पूरे करते हुए नारायणा हॉस्पिटल पहुंचे थे और लिफ्ट से प्रथम तल पर जा रहे थे।

इसी दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी और जिला जज दोनों ही अस्पताल की लिफ्ट में फंस गए। लगभग 15 से 20 मिनट फंसे रहने के बाद किसी तरह लिफ्ट से बाहर निकले। इस दौरान जहां पर जिला जज को भर्ती होना था वहां न तो कोई डॉक्टर था और न ही जिला जज को अटेंड करने के लिए कोई कर्मचारी। यह देख मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अस्पताल प्रबंधन से संपर्क किया लेकिन इस दौरान वहां पर पहले से मौजूद मरीजों ने अस्पताल के अंदर फैली हुई अवस्थाओं के बारे में बयां कर दिया और उनमें से तो कुछ रोने लगे।

भिजवा दो जेल : मरीजों की समस्या सुनने के बाद जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अस्पताल प्रबंधन से कहा तो उन्हें कोई सीधा जवाब नहीं मिला। इस पर उन्होंने अस्पताल के मालिक अमित नारायण से फोन पर संपर्क किया और अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं के बारे में बताया तो अमित नारायण ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर ही नाराज होने लगे और कहने लगे मेरा अस्पताल सीज करा दो और मुझे जेल भेज दो।

नारायणा के मालिक के ये शब्द सुनने के बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी बेहद नाराज हुए और वे सीधे पनकी थाने पहुंचे। यहां पर उन्होंने लिखित रूप से नारायणा अस्पताल के प्रबंधक और अस्पताल में तैनात डॉक्टरों व कर्मचारियों के खिलाफ तहरीर दी।

क्या बोले डीसीपी वेस्ट : पूरे मामले को लेकर डीसीपी वेस्ट संजीव त्यागी ने बताया कि आज पनकी थाने में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कानपुर की तरफ से एक लिखित तहरीर प्राप्त हुई है जिस तहरीर के आधार पर नारायणा अस्पताल के प्रबंधक अमित नारायण और अस्पताल के डॉक्टरों व कर्मचारियों के खिलाफ धारा-166 बी, 269, 270, 188, 506 और महामारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया।