Hydroxychloroquine से प्रभावित हो सकती है हृदय की धड़कन
ह्यूस्टन। अनुसंधानकर्ताओं ने ऑप्टिकल मैपिंग प्रणाली का इस्तेमाल यह दर्शाने में किया है कि किस तरह मलेरिया की दवा ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ (Hydroxychloroquine) हृदय की धड़कन को नियंत्रित करने वाले विद्युत संकेतों में गंभीर गड़बड़ी पैदा करती है। इस दवा का प्रचार कोविड-19 के संभावित उपचार के तौर पर किया गया।
अमेरिका के जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों समेत अन्य अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि यह अध्ययन इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे यह दवा हृदय की धड़कन को गंभीर रूप से प्रभावित करती है। ‘हार्ट रिदम’ जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में यह पाया गया कि यह दवा आश्यचर्यजनक रूप से हृदय की धड़कन में अनियमितता पैदा करती है।
अध्ययन में, वैज्ञानिकों ने दो प्रकार के जानवरों के दिलों पर दवा के प्रभावों का आकलन किया और पाया कि यह हृदय की धड़कन को नियंत्रित करने वाली विद्युत तरंगों के समय को बदल देती है।
हालांकि जरूरी नहीं है कि जानवरों पर किया गया अध्ययन मनुष्यों पर भी लागू ही हो। वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने जो वीडियो बनाए हैं उसमें यह स्पष्ट दिखता है कि कैसे यह दवा हृदय में विद्युत तरंगों में गड़बड़ी पैदा कर सकती है।
जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के भौतिकी के प्रोफेसर और इस अध्ययन के सह-लेखक फ्लेवियो फेंटन ने कहा कि उन्होंने इस प्रयोग के लिए ऑप्टिकल मैपिंग का सहारा लिया। इससे उन्हें यह देखने में मिली कि हृदय की तरंगें किस तरह से बदलती हैं।
वहीं, इमोरी विश्वविद्यालय अस्पताल के प्रोफेसर और सह-लेखक शहरयार इरावनियन ने कहा कि कोविड-19 को लेकर इस दवाई का परीक्षण क्लिनिकल ट्रायल तक ही रखा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि रूमेटाइड आर्थराइटिस और ल्यूपस जैसी बीमारियों के इलाज में भी इस दवाई का इस्तेमाल होता है और ऐसे मरीज विरले ही हृदय की धड़कन में अनियमितता का सामना करते हैं क्योंकि जितनी खुराक में कोविड-19 मरीजों के लिए दवाइयों की सिफारिश की जा रही है उसकी तुलना में इन्हें काफी कम दिया जाता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार कोविड-19 के मरीज अलग होते हैं और वे इस दवाई से उत्पन्न होने वाली हृदय की धड़कन अनियमितता को लेकर ज्यादा खतरे में हैं।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 मरीजों के लिए इसकी खुराक सामान्य की अपेक्षा दो-तीन गुणा ज्यादा है। कोविड-19 हृदय को प्रभावित करता है और पोटेशियम का स्तर कम करता है। इससे हृदय की धड़कन में अनियमितता का खतरा बढ़ता है। (भाषा)