हैदराबाद के नेहरू जूलोजिकल पार्क के 8 एशियाई शेरों कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमित होने के बाद लोगों के मन का डर और बढ़ गया है। चूंकि कोरोना संक्रमण न तो जानवरों से इंसानों में फैलता है न ही इंसानों से जानवरों में, ऐसे में डरने की बिलकुल भी जरूरत नहीं है।
वरिष्ठ वेटरनरी सर्जन डॉ. प्रशांत तिवारी ने बताया कि जानवरों की दो श्रेणियां होती हैं। इनमें एक कैनाइल होते
हैं, जबकि दूसरे फैलाइन। कैनाइल में कुत्ते, भेड़िए आते हैं, जबकि फैलाइन में शेर, बिल्ली आते हैं। जानवरों में भी कोरोना होता है, लेकिन इंसान और जानवरों का कोरोना अलग-अलग होता है। जानवरों में अल्फा टाइप का
कोरोना होता है, जबकि इंसानों में बीटा टाइप का। तिवारी ने कहा कि अभी तक इंसानों से जानवरों में और
जानवरों में कोरोना संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है।
डॉ. तिवारी कहते हैं कि पिछले साल बिल्लियों में कोरोना संक्रमण का मामला सामने आया था, लेकिन शेरों में
संक्रमण का यह पहला मामला है। हालांकि जांच से पहले यह कहना मुश्किल है कि इन शेरों में संक्रमण का
सोर्स क्या था। उन्होंने कहा कि अभी यह भी जांच का विषय है कि शेरों में मिले कोरोना का स्ट्रेन ह्यूमन है
या फिर एनिमल।
वे कहते हैं कि जब तक जांच किसी निष्कर्ष तक न पहुंचे तब तक पैनिक होने की जरूरत है। हालांकि वे यह जरूर कहते हैं कि चूंकि शेर बिल्ली प्रजाति का ही होता है, अत: घरों में जो लोग बिल्ली पालते हैं थोड़ी सावधानी तो बरत ही सकते हैं। यदि इस तरह के कोई भी लक्षण नजर आएं तो वे चिकित्सक की सलाह ले सकते हैं।
कितना तैयार है इंदौर का प्राणी संग्रहालय : इंदौर जू के प्रभारी डॉ. उत्तम यादव ने बताया कि हमने तैयारी
पूरी कर रखी है। एंटीवायरल दवाओं का स्प्रे नियमित रूप से किया जा रहा है। किसी भी अन्य व्यक्ति को
टाइगर जोन में नहीं जाने दिया जा रहा है। कोविड-19 को लेकर जो भी प्रोटोकॉल सेट किया हुआ है, उसका
पालन किया जा रहा है। मेडिसिन के रूप में इम्यूनाल मिलाकर दिया जा रहा है ताकि वह सिस्टम शरीर में
इम्यूनिटी को बनाए रखे।