Free Vaccination पर स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन का स्पष्टीकरण, अभी सिर्फ 3 करोड़ कोरोना वॉरियर्स को लगेगा मुफ्त टीका
नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण अभियान के पहले चरण में देशभर में 3 करोड़ लोगों को नि:शुल्क टीका लगाया जाएगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शनिवार को कहा कि पहले चरण के दौरान पूरे देश में 1 करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर डटे 2 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन का टीका नि:शुल्क लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी जुलाई तक शेष 27 करोड़ लाभार्थियों को कैसे टीका लगाया जायेगा, इसके बारे में अभी अंतिम निर्णय करना बाकी है।
टीके को मंजूरी में नहीं किया जाएगा कोई समझौता : डॉ. हर्षवर्धन ने कोरोनावायरस के टीका के सुरक्षित होने और इसकी प्रभाव क्षमता के बारे में अफवाहोंऔर भ्रामक सूचना अभियानों से लोगों को गुमराह नहीं होने की शनिवार को अपील की। साथ ही उन्होंने कहा कि इसे मंजूरी देने से पहले किसी भी प्रोटोकॉल के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर 27 करोड़ लोगों को जुलाई तक किस तरह से टीका लगाया जाएगा है, इस बारे में ब्योरे को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इन लाभार्थियों में 50 वर्ष से अधिक आयु के लोग और पहले से किसी बीमारी से ग्रसित इससे कम उम्र के लोग शामिल हैं।
मंत्री ने व्यापक स्तर पर टीकाकरण अभियान की देश की क्षमता पर संदेहों को खारिज कर दिया और बताया कि किस तरह से भारत में टीकाकरण अभियान और दुनिया के इस तरह के सबसे बड़े कार्यक्रम को चलाने की अद्भुत क्षमता है।
टीके के बुरे प्रभाव को लेकर सोशल मीडिया पर चल रहे विभिन्न पोस्ट को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि मैं लोगों से अपील करता हूं कि कोविड-19 टीके की सुरक्षा और इसके प्रभाव को लेकर चल रही अफवाहों से गुमराह नहीं हों।
टीके को मंजूरी देने से पहले हम किसी तरह के प्रोटोकॉल से समझौता नहीं करेंगे। हर्षवर्धन ने कहा कि जब पोलियो उन्मूलन के लिए देश में अभियान चलाया गया तब भी उसके टीके को लेकर दुविधा की स्थिति थी, लेकिन हमें इसकी सफलता को याद रखना चाहिए।
मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने मीडिया से अपील की कि इस तरह की किसी भी रिपोर्ट को प्रकाशित या प्रसारित करने से पहले सावधानी बरतें, जवाबदेही निभाएं और सभी तथ्यों की जांच कर लें। हर्षवर्द्धन ने मीडिया से कहा कि 1994 के पोलियो उन्मूलन अभियान से मुझे निजी अनुभव है कि किस तरह देश के लोगों ने टीके के विज्ञान पर भरोसा किया न कि अफवाह फैलाने वालों की झूठी बातों में आए।
सुदूर इलाकों तक टीका पहुंचाना सुनिश्चित करने के बारे में हर्षवर्धन ने कहा कि देश में शीत श्रृंखला संरचना को काफी उन्नत किया गया है ताकि अंतिम स्थान तक टीके की आपूर्ति की जा सके और पर्याप्त संख्या में सीरिंज और अन्य साजो-सामान भी मुहैया कराए गए हैं।