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Last Updated : बुधवार, 20 जनवरी 2021 (00:28 IST)

Corona से जंग में भारत बनाएगा एक और 'हथियार', Nasal वैक्सीन के ट्रायल को मंजूरी

Corona से जंग में भारत बनाएगा एक और 'हथियार', Nasal वैक्सीन के ट्रायल को मंजूरी - Expert Panel Recommends Phase 1 Trial of Nasal COVID-19 Vaccine
नई दिल्ली। भारत के औषधि नियामक सीडीएससीओ के विशेषज्ञ पैनल ने भारत बायोटेक द्वारा विकसित कोविड-19 के इंट्रानेजल टीके के क्लीनिकल ट्रायल के पहले चरण को मंजूरी देने की मंगलवार को सिफारिश की है।
सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि अगर नाक से दिया जाने वाला यह टीका कामयाब रहता है तो कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में यह बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
 
भारत बायोटेक ने भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) को अर्जी देकर अपने इंट्रानेजल टीके के पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति मांगी है। सीडीएससीओ की विशेषज्ञ समिति ने मंगलवार को आवेदन पर विचार करने के बाद पहले चरण के परीक्षण की अनुमति देने की सिफारिश की है।
 
पहचान गुप्त रखने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि क्लीनिकल ट्रायल के पहले चरण के सुरक्षा और प्रभाव से जुड़े डेटा के आधार पर कंपनी को दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति दी जाएगी।
 
बीमारी के खिलाफ नेजल टीके के प्रभाव के संबंध में आज दिन में सवाल करने पर नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने कहा कि नेजल टीके के लिए अभ्यर्थी की पहचान हो गई है। वह पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के लिए औषधि नियंत्रक के पास आई है।
 
भारत बायोटेक के अध्यक्ष कृष्णा एला ने पूर्व में कहा था कि इन्ट्रानेजल टीका देने में आसान है। इसके लिए सीरिंज, सुई आदि की जरूरत नहीं होती और यह टीकाकरण अभियान में किफायती भी साबित होगा। उन्होंने कहा कि टीके की एक बूंद नाक के दोनों छिद्र में डालना पर्याप्त है।
 
सीरम ने अदालत को दिया जवाब : सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने 'कोविशील्ड' नाम के उपयोग को लेकर दावा जताने संबंधी वाद के मामले में मंगलवार को पुणे की दीवानी अदालत में अपना जवाब दाखिल किया।
 
साथ ही एसआईआई ने दावा किया कि वाद दायर करने वाली दवा कंपनी और उनकी कंपनी दोनों ही बिल्कुल अलग उत्पाद में काराबोर करती हैं, ऐसे में 'ट्रेडमार्क' को लेकर किसी प्रकार के भ्रम की स्थिति नहीं होगी।
 
मध्य महाराष्ट्र के नांदेड़ की दवा उत्पादक एवं विक्रेता कंपनी 'क्यूटिस बायोटेक' ने 4 जनवरी को वाद दायर कर 'कोविशील्ड' ट्रेडमार्क पर अपना दावा जताया था। साथ ही सीरम द्वारा इस ब्रांड के नाम के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मंगा की थी। पुणे की एसआईआई ने अपने वकील के जरिए इस वाद के संबंध में लिखित जवाब दाखिल किया है।
 
उल्लेखनीय है कि एसआईआई कोविड-19 टीका 'कोविशील्ड' का उत्पादन कर रही है। इस मामले में अब 22 जनवरी को बहस की जाएगी।
 
एसआईआई की ओर से पेश वकील एसके जैन ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एवी रोटे के समक्ष पेश होकर कंपनी का जवाब दाखिल किया। जैन ने बताया कि हमने कोविशील्ड ट्रेडमार्क के उपयोग पर रोक को लेकर दायर वाद के संबंध में अदालत में जवाब दाखिल किया है और मैं अदालत में शुक्रवार को इस मामले में दलीलें पेश करूंगा। (भाषा)