Corona Effect : सस्ते हो सकते हैं मकान, कीमतों में आ सकती है 20 प्रतिशत तक की गिरावट
मुंबई। एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने मंगलवार को कहा कि उनके अनुमान में तैयार खड़े मकानों के भाव 20 प्रतिशत तक कम हो सकते हैं। उन्होंने नकद धन की समस्या से निपटने के लिए आवास विकास कंपनियों को तैयार मकानों को जल्द से जल्द बेचने के प्रयास करने का सुझाव दिया।
इसी बीच रियल एस्टेट से जुड़े विभिन्न संगठनों से सरकार से सोशल डिस्टेंसिंग की शर्तों के साथ निर्माण गतिविधियां शुरू करने की अनुमति मांगी है। साथ ही नकदी की समस्या से निपटने के लिए सरकार से राहत पैकेज देने की भी मांग की। हालांकि संगठनों ने लॉकडाउन (सार्वजनिक पाबंदी) को 3 मई तक बढ़ाए जाने का स्वागत किया है।
एचडीएफसी के पारेख ने डेवलपरों को सुझाव दिया कि वे बहुत ज्यादा लाभ कमाने के चक्कर में न रहें, यह दीर्घावधि में उनके कारोबार को प्रभावित करेगा।
रियल एस्टेट क्षेत्र के प्रतिनिधियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि रियल एस्टेट की कीमतें 20 प्रतिशत नीचे आनी चाहिए और यह आएंगी। मेरे हिसाब से नारेडको का अनुमान 10 से 15 प्रतिशत के बीच है जबकि मेरा मत है कि हमें 20 प्रतिशत तक कीमतें नीचे आने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले से तैयार फ्लैटों के दाम में भी कमी आएगी, लेकिन डेवलपर बाद में दाम बढ़ने के इंतजार में इन्हें बिना बेचे हुए बैठे हैं।
पारेख ने कहा कि समझौता, समझौता और समझौता, हमें समझौता करना होगा। अपने ऊपर से बिना बिके फ्लैटों का बोझ घटाना होगा, फिर चाहे कोई भी कीमत मिले। आपको नकदी चाहिए। उन्होंने रियल एस्टेट क्षेत्र में मांग सुधरने में कम से कम 6 माह का वक्त लगने का अनुमान जताया।
इस बीच दिल्ली से रियल एस्टेट क्षेत्र के संगठन क्रेडाई के राष्ट्रीय चेयरमैन जक्षय शाह ने बयान में कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सार्वजनिक पाबंदी की अवधि बढ़ाने के फैसले के साथ हैं। हमें सरकार के 20 अप्रैल के बाद की योजना का इंतजार है। हमने सरकार से सीमित निर्माण गतिविधियों के लिए अनुमति देने का भी आग्रह किया है। इससे रियल एस्टेट क्षेत्र को गति देने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि आवास क्षेत्र इस समय नकदी की चुनौती का सामना कर रहा है। समय की नजाकत को देखते हुए रिजर्व बैंक को इसके लिए आर्थिक राहत पैकेज जारी करना चाहिए।
पुरवांकारा लिमिटेड के प्रबंध निदेशक आशीष आर. पुरवांकारा ने कहा कि देशवासियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए सार्वजनिक पाबंदी को बढ़ाया जाना प्राथमिकता है। उद्योग क्षेत्रों को पाबंदी हटने के बाद हालातों के साथ समायोजन में कुछ समय लगेगा। हमें 20 अप्रैल के बाद प्रत्एक राज्य के परामर्श जारी करने का इंतजार है।
हाउसिंग डॉट कॉम, मकान डॉट कॉम और प्रॉप टाइगर डॉट कॉमके समूह मुख्य कार्यकारी अधिकारी ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि कोरोना वायरस के फैलने का जोखिम अभी भी ऊंचा बना हुआ है। ऐसे में सरकार का सार्वजनिक पाबंदी को बढ़ाना एक सही निर्णय है। महागुन समूह के निदेशक धीरज जैन ने कहा कि वे प्रधानमंत्री के इस फैसले के साथ मजबूती से खड़े हैं। हालांकि सरकार को क्षेत्र की मदद के लिए कुछ कदम उठाने चाहिए।
गुलशन होम्ज के निदेशक दीपक कपूर ने कहा कि डेवलपरों की नकदी समस्या से निपटने के लिए बैंकों को उनके ऋणों का एकबारगी पुनर्गठन करना चाहिए। (भाषा)