हर्षवर्धन पर कांग्रेस का पलटवार, कहा- स्वास्थ्य मंत्री ने राजनीतिक ओछापन दिखाया
नई दिल्ली। कांग्रेस ने कोरोना महामारी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधे जाने के बाद सोमवार को उन पर पलटवार किया और आरोप लगाया कि एक विफल मंत्री ने राजनीतिक ओछेपन और उदासीनता का परिचय दिया है। पार्टी ने यह भी कहा कि हर्षवर्धन को इस राजनीतिक अपरिपक्वता के लिए माफी मांगनी चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के साथ डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री को पत्र लिखा गया था तो उसका जवाब हर्षवर्धन द्वारा दिए जाने का कोई मतलब नहीं है। इस पत्र में हर्षवर्धन ने सिर्फ दोषारोपण किया है। यह उनकी राजनीतिक अपरिपक्वता, ओछेपन और उदासीनता को दिखाता है।
सुप्रिया ने रेलमंत्री पीयूष गोयल के एक बयान का हवाला देते हुए दावा किया कि ऑक्सीजन की मांग को लेकर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने जिस तरह का बयान दिया है, वह बहुत असंवेदनशील है। यह हाल है इस सरकार का। चव्हाण ने कहा कि कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। सबको मिलकर इस बीमारी से लड़ने का प्रयास होना चाहिए।
उन्होंने हर्षवर्धन पर पलटवार करते हुए कहा कि मनमोहन सिंह ने सकारात्मक सुझाव दिए तो उस पर अमल करना चाहिए। लेकिन एक विफल मंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री को बहुत अशोभनीय जवाब दिया है। इस तरह का जवाब नहीं देना चाहिए था। उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
गौरतलब है कि मनमोहन सिंह पर पलटवार करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने सोमवार को आरोप लगाया कि वैश्विक महामारी की दूसरी लहर के लिए कांग्रेस शासित राज्य जिम्मेदार हैं, जो कथित रूप से लोगों के टीकाकरण के बजाए टीकों पर संदेह जताने में व्यस्त थे।
उल्लेखनीय है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश में कोविड-19 के हालात से निपटने के लिए रविवार को 5 उपाय सुझाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा था और इस बात पर जोर दिया था कि महामारी से मुकाबले के लिए टीकाकरण तथा दवाओं की आपूर्ति बढ़ाना महत्वपूर्ण होगा।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए हर्षवर्धन ने दावा किया कि मनमोहन सिंह के पत्र को तैयार करने वाले लोगों ने उनकी साख को नुकसान पहुंचाया है। हर्षवर्धन ने मनमोहन सिंह को लिखे जवाबी पत्र में दावा किया कि डॉ. मनमोहन सिंहजी, अगर आपकी सकारात्मक सहयोग की पेशकश और मूल्यवान सलाह को ऐसे कठिन समय में आपके कांग्रेस के नेता ही मान लें तो इतिहास आपका आभारी होगा। (भाषा)