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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : सोमवार, 14 जून 2021 (14:59 IST)

स्कूल बंद होने से बच्चे कुंठित और परेशान, बोले शिवराज, ‘वेबदुनिया’ ने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का उठाया था मुद्दा

शिक्षा के साथ ऑनलाइन के अन्य विकल्पों पर भी हो मंथन: शिवराज

स्कूल बंद होने से बच्चे कुंठित और परेशान, बोले शिवराज, ‘वेबदुनिया’ ने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का उठाया था मुद्दा - Children getting frustrated and upset due to school closure: Shivraj Singh Chouhan
भोपाल। कोरोना संक्रमण के चलते लंबे समय से बंद स्कूल और कॉलेजों को किस तरह से फिर से खोला जा सके इसको लेकर शिवराज सरकार ने अब मंथन शुरु कर दिया है। आज सीहोर में मंत्रियों को संबोधित करते हुए खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि "शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण विषय है। कोरोना के चलते स्कूल-कॉलेज नहीं खुलने के चलते बच्चे बहुत दिन से स्कूल नहीं गए है। स्कूल बंद होने से बच्चे कुठिंत और परेशान हो रहे है। ऐसे में क्या टेक्नॉलाजी के माध्यम के साथ शिक्षा देने के साथ और क्या तरीका हो सकता है इस पर भी मंथन करना होगा"।
 
गौरतलब है कि कोरोना काल में बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे को ‘वेबदुनिया’ लगातार प्रमुखता से उठा रहा है। ‘वेबदुनिया’ ने 4 जून को ‘कोरोनाकाल में अब बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के मोर्चे पर परीक्षा की घड़ी’ शीर्षक से खबर में बताया था कि कोरोनाकाल में स्कूल,कॉलेज बंद होने से बच्चे अवसाद और डिप्रेशन में नजर आ रहे है।
(नीचे दिए लिंक में पढ़ें 'वेबदुनिया' की वह खबर जिसमें स्कूलों के बंद होने और ऑनलाइन शिक्षा के नकारात्मक असर के मुद्दे को उठाया गया था)
‘वेबदुनिया’ से बातचीत में मनोचिकित्सक और काउंसलर डॉक्टर सत्यकांत त्रिवेदी ने कहा था कि कोरोना काल में सामान्य तौर पर बच्चे पहले से ही किसी न किसी तरह एक डिप्रेशन के वातावरण से घिरे हुए है। ऐसे में पैरेटेंस की जिम्मेदारी बहुत बढ़ जाती है और उनको बच्चों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। 
 
बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर ‘वेबदुनिया’ की चिंता और लोगों को लगातार जागरुक करने की पहल की तारीफ करते हुए डॉक्टर सत्यकांत ने साफ तौर पर कहा था कि अब सरकारों को स्कूल,कॉलेज को कैसे शुरु करे इस पर मंथन करना होगा क्यों कि ऑनलाइन शिक्षा से शिक्षा की गुणवत्ता तो प्रभावित हुई है वहीं बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इसके लिए सरकार को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कुछ स्कूलों को खोलने पर विचार करना चाहिए।