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Last Modified: शनिवार, 3 जुलाई 2021 (19:49 IST)

जूस और सॉफ्ट ड्रिंक्‍स से कोरोना जांच रिपोर्ट को बदल रहे खुराफाती बच्‍चे, सोशल मीडिया पर वीडियो हो रहे वायरल

जूस और सॉफ्ट ड्रिंक्‍स से कोरोना जांच रिपोर्ट को बदल रहे खुराफाती बच्‍चे, सोशल मीडिया पर वीडियो हो रहे वायरल - Children changing the corona test report with juice and soft drinks
हल (ब्रिटेन)। बच्चे अक्सर स्कूल से बंक मारने के शातिर तरीके ढूंढते हैं और अब कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 के संबंध में उन्होंने एक नया तरीका ढूंढ निकाला है। बच्चे कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि के लिए शीतल पेय का इस्तेमाल कर फर्जी लैटरल फ्लो टेस्ट (एलएफटी) कर रहे हैं।

तो... फलों के जूस, कोला और शरारती शातिर बच्चों का जांच को धता बताने का यह तरीका कैसा है। या फिर क्या यह असल व्यक्ति की फर्जी पुष्टि बताने का तरीका तो नहीं? हल विश्वविद्यालय में संचार विज्ञान और रसायन शास्त्र के प्रोफेसर मार्क लॉर्च ने इन्हीं बातों की पड़ताल करने की कोशिश की है।

लॉर्च ने बताया कि पहले तो उन्होंने सोचा कि इन दावों की पड़ताल की जाए। इसलिए उन्होंने कोला और संतरे के जूस का बोतल खोला और उनकी कुछ बूंदें सीधे एलएफटी पर गिराईं। हैरानी की बात यह थी कि हर जांच में कुछ मिनट में उस पर लाइनें आ गईं, जो संक्रमण की पुष्टि का इशारा करती हैं। ये जांच कैसे काम करती हैं, इसे समझना होगा।

अगर आप एलएफटी उपकरण खोलते हैं तो आपको एक पेपर जैसी सामग्री मिलेगी, जिसे नाइट्रोसेल्यूलोज कहते हैं। साथ ही इसमें एक छोटा लाल पैड होता है जो टी-लाइन के नीचे एक प्लास्टिक केस में छिपा होता है। लाल पैड जिसे सोख लेता है वो एंटीबॉडी होते हैं, जो कोविड-19 वायरस का संकेत हैं।

ये उपकरण सोने के सूक्ष्म कणों से भी जुड़े होते हैं जिनकी मदद से हम देख पाते हैं कि ये एंटीबॉडी उपकरण में कहां हैं। जब आप यह परीक्षण करते हैं तो आपको अपना नमूना एक विशेष प्रकार के घोल के साथ पट्टी पर गिराना होता है। यह घोल नाइट्रोसेल्यूलोज पट्टी पर फैलता है और स्वर्ण एवं एंटीबॉडी को चिह्नित करता है। यह घोल कोविड-19 से संबंधित वायरस की भी पहचान कर सकता है।

लेकिन ये एंटीबॉडी नाइट्रोसेल्यूलोज से चिपके रहते हैं। जैसे ही सोने के लेबल वाले एंटीबॉडी का लाल धब्बा एंटीबॉडी के इस दूसरे सेट से गुजरता है, ये भी वायरस को पकड़ लेते हैं। वायरस तब सोना सहित सब कुछ छोड़कर, उपकरण पर टी के बगल में एक लाइन पर स्थिर हो जाता है जो एक सकारात्मक परीक्षण का संकेत है।
अम्ल परीक्षण शीतल पेय कैसे लाल टी-लाइन पर सकारात्मक का संकेत देते हैं? एक संभावना यह है कि इन पेय पदार्थों में कुछ ऐसा होता है जो एंटीबॉडी से मिलते-जुलते होते हैं और जिन्हें यह घोल पहचान नहीं पाता। आपके नाक और मुंह से लिए गए स्वैब में एंटीबॉडी प्रोटीन अन्य वायरस समेत सभी प्रकार की चीजें होती हैं।
आपने क्या भोजन किया है, उसके अवशेषों की गड़बड़ी को पूरी तरह से अनदेखा करते हैं, इसलिए वे शीतल पेय की सामग्री पर प्रतिक्रिया नहीं करने जा रहे हैं। फलों के जूस, कोला और शीतल पेय में एक चीज आम होती है- वह यह कि ये सभी अत्यधिक अम्लीय होते हैं जो एंटीबॉडी के लिए बेहद कठिन स्थिति होती है।
तो... क्या नकली सकारात्मक परीक्षण का पता लगाने का कोई तरीका है? एंटीबॉडी एक प्रकार के प्रोटीन होते हैं जो एमीनो एसिड बिल्डिंग ब्लॉक से बने होते हैं जो एक-दूसरे से मिलकर एक लंबी रेखीय चेन बनाते हैं। एंटीबॉडी (अधिकांश प्रोटीन की तरह) अधिक अनुकूल परिस्थितियों में वापस आने पर अपने कार्य को वापस करने और पुनः प्राप्त करने में सक्षम होते हैं।

इसलिए मैंने कोला से किए गए एक परीक्षण किट को धोने की कोशिश की। फिर से सही परीक्षण करने पर उस पर स्थिर एंटीबॉडी ने सामान्य कार्य किया और सोने के कणों को छोड़ दिया, जिसने परीक्षण पर सही नकारात्मक परिणाम प्रकट किया।(भाषा) 
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