• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. कोरोना वायरस
  4. UP Panchayat Elections: चुनाव ड्यूटी पर कर्मचारियों की मौत पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- क्यों न चले आयोग पर अभियोग
Written By
Last Updated : बुधवार, 28 अप्रैल 2021 (00:07 IST)

UP Panchayat Elections: चुनाव ड्यूटी पर कर्मचारियों की मौत पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- क्यों न चले आयोग पर अभियोग

Allahabad High Court | UP Panchayat Elections: चुनाव ड्यूटी पर कर्मचारियों की मौत पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- क्यों न चले आयोग पर अभियोग
प्रयागराज (यूपी‍)। उत्तरप्रदेश में पंचायत चुनावों के दौरान ड्यूटी पर तैनात सरकारी कर्मचारियों की मौत से जुड़ी खबरों को संज्ञान में लेते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य निर्वाचन आयोग से पूछा कि उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए।
 
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजित कुमार की पीठ ने उत्तरप्रदेश में कोरोनावायरस फैलने और क्वारंटाइन केंद्रों की स्थिति को लेकर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह सवाल किया। पीठ ने कहा कि खबरों में लोगों ने आरोप लगाया है कि हाल में पंचायत चुनावों में कोविड-19 संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया गया।

 
उसने कहा कि ऐसा लगता है कि चुनावी ड्यूटी पर तैनात कर्मियों को इस घातक संक्रमण से बचाने के लिए न तो पुलिस और न ही चुनाव आयोग ने कुछ किया। अदालत ने लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, आगरा, कानपुर नगर और गोरखपुर में स्थिति सामान्य करने के लिए सरकार को तत्काल कदम उठाने को कहा।
 
अदालत ने निर्देश दिया कि इन शहरों के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में दिन में 2 बार स्वास्थ्य संबंधी बुलेटिन जारी करने की प्रणाली लागू की जानी चाहिए, ताकि लोग मरीजों के स्वास्थ्य की स्थिति जान सकें और तीमारदार अस्पताल जाने से बच सकें। उसने कहा कि ये अस्पताल मरीजों संबंधी जानकारी देने के लिए बड़ी स्क्रीन का उपयोग कर सकते हैं।

 
अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि सरकार इन शहरों के अपने जिला पोर्टल पर सभी अस्पतालों में कोविड-19 वार्ड और आईसीयू में भरे हुए और खाली बिस्तरों की स्थिति बताए। अदालत ने कहा कि केवल एंटिजन जांच रिपोर्ट में व्यक्ति के संक्रमणमुक्त होने की पुष्टि ही किसी मरीज को अस्पताल से छुट्टी देने का आधार नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इस तरह के मरीज दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं। उसने कहा कि उन्हें कम से कम एक सप्ताह के लिए गैर कोविड-19 वार्ड में भर्ती रखा जाना चाहिए।
 
अदालत ने निर्देश दिया कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि प्रत्येक जिले में सभी सरकारी कोविड-19 अस्पतालों और संक्रमण के इलाज के लिए निर्धारित निजी अस्पतालों एवं कोविड-19 केंद्रों में प्रत्एक व्यक्ति की मौत की सूचना एक न्यायिक अधिकारी को दी जाए जिसकी नियुक्ति जिला न्यायाधीश द्वारा की जाएगी।

 
अदालत ने लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर नगर, आगरा, गोरखपुर, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर और झांसी के जिला न्यायाधीशों से एक-एक न्यायिक अधिकारी नामित करने का अनुरोध किया, जो अपने-अपने जिलों में नोडल अधिकारी के तौर पर काम करेंगे और हर सप्ताहांत महानिबंधक को रिपोर्ट करेंगे और इस रिपोर्ट को सुनवाई की अगली तारीख 3 मई, 2021 को अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा। (भाषा)
ये भी पढ़ें
भारत की मदद को भूली नहीं हैं विदेशी शक्तियां, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस सहित कई देश आए आगे