Omicron : महाराष्ट्र में हाई रिस्क वाले देशों से लौटे 6 लोग Corona संक्रमित, जांच के लिए भेजे गए सैंपल्स
मुंबई। कोरोनावायरस (coronavirus) के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से दुनियाभर में हड़कंप में मचा हुआ है। हालांकि भारत में अभी तक इसका एक भी मामला नहीं आया है।
इस बीच दक्षिण अफ्रीका और अन्य उच्च जोखिम वाले देशों से महाराष्ट्र पहुंचे 6 यात्री कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए हैं और उनके नमूने जीनोम अनुक्रमण के लिए भेज दिए गए हैं।
कड़े नियम लागू : अंतरराष्ट्रीय यात्रियों, खासतौर पर जोखिम वाले देशों से आने वालों के लिए आज से कड़े नियम लागू हो गए हैं। कोविड-19 के नए स्वरूप ओमिक्रॉन के सामने आने को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच प्राधिकारी प्रभावी निगरानी के लिए सतर्कता बढ़ा रहे हैं। भारत में ओमिक्रॉन का एक भी मामला अब तक सामने नहीं आया है। हालांकि केंद्र सरकार ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से जोखिम वाले देशों से यात्रियों के आगमन के प्रथम दिन आरटी-पीसीआर जांच सुनश्चित करने तथा आठवें दिन फिर से जांच करने को कहा है।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका और अन्य देशों से आए ये व्यक्ति मुंबई महानगर पालिका, कल्याण-डोंबिवली, मीरा-भयंदर और पुणे नगर निगम सीमाओं में मिले हैं। नाइजीरिया से पहुंचे 2 यात्री पुणे से सटे पिंपरी-चिंचवड़ निगम क्षेत्र में मिले हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि वर्तमान में 6 यात्री हैं जो दक्षिण अफ्रीका या अन्य उच्च जोखिम वाले देशों से राज्य में आए हैं जो जांच में संक्रमित पाए गए हैं। इन सभी के नमूने जिनोम अनुक्रमण के लिए भेजे गए हैं और उनके सम्पर्क में आए व्यक्तियों का पता लगाने की कवायद चल रही है। ये सभी यात्री हालांकि जांच में कोविड-19 में संक्रमित पाए गए हैं, लेकिन ये सभी या तो बिना लक्षण वाले हैं या इनमें लक्षण हल्के हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 26 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका और कुछ अन्य देशों में सामने आए कोरोनावायरस के नये स्वरूप को ओमिक्रॉन नाम दिया था। विभाग ने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने ओमीक्रोन स्वरूप को 'चिंता वाला स्वरूप' घोषित किया है। एक्सपर्ट्स ने आशंका जताई है कि वायरस में आनुवंशिक परिवर्तन के कारण, इसमें कुछ विशिष्ट विशेषताएं हो सकती हैं।
हालांकि इस नए स्वरूप के चलते संक्रमण में वृद्धि की आशंका बढ़ गई है, लेकिन अभी भी इस बात पर पर्याप्त स्पष्टता नहीं है कि यह गंभीर बीमारी का कारण बनेगा या नहीं और क्या यह प्रतिरक्षा से बच सकता है। इस बारे में अगले दो सप्ताह में और अधिक जानकारी मिलने की उम्मीद है।
विभाग ने कहा कि इसके अतिरिक्त जिन यात्रियों की आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट निगेटिव आई हैं, उन्हें भी फिर से जांच से पहले 7 दिनों के लिए पृथकवास में रखा जाएगा। स्वास्थ्य बुलेटिन में कहा गया है कि अगर वे इस बार भी संक्रमित पाए पाए जाते हैं, तो उनके नमूने भी जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजे जाएंगे।
केंद्र के दिशा-निर्देशों के अनुसार सूचीबद्ध देशों के अलावा अन्य देशों से आने वाले 5 प्रतिशत यात्रियों की आरटी-पीसीआर जांच बिना क्रम के की जाएगी और संक्रमित पाए गए व्यक्तियों के नमूने जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजे जाएंगे।