भारतीय दल की सबसे छोटी खिलाड़ी, 14 वर्षीय स्कवैश खिलाड़ी अनहत सिंह ने जीता पहला मैच (Video)
बर्मिंघम: भारत की युवा स्क्वॉश सनसनी अनहत सिंह ने शुक्रवार को अपने राष्ट्रमंडल खेल अभियान की शुरुआत जीत से करते हुए सेंट विंसेंट और ग्रेनेडिंस की जाडा रॉस को मात दी।स्क्वॉश के सबसे ऊंचे मंच राष्ट्रमंडल खेलों में पहली बार अपना हुनर आजमाने उतरी 14 साल की अनहत ने जाडा को 11-5, 11-2, 11-0 से शिकस्त दी।
चौदह वर्षीय अनहत पहली बार वरिष्ठ स्तर पर खेल रही हैं।इससे पहले वह राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी जूनियर लेवल पर ही भाग लेती आई हैं। इस जीत के साथ अनहत ने स्क्वॉश महिला एकल प्रतियोगिता के शीर्ष 32 में प्रवेश कर लिया है।
बैडमिंटन खेलने के लिए पकड़ा था स्कवैश रैकेटभारत की युवा स्क्वाश सनसनी अनहत सिंह 50 से ज्यादा खिताब जीत चुकी हैं, और अब वह स्क्वाश के सबसे बड़े मंच राष्ट्रमंडल खेल में अपना हुनर आज़माने को तैयार हैं।
14 वर्षीय अनहत यूएस जूनियर ओपन, ब्रिटश, जर्मन और डच जूनियर ओपन के साथ-साथ एशियाई चैंपियनशिप का खिताब भी जीत चुकी हैं, लेकिन उन्होंने पहली बार रैकेट स्क्वाश खेलने के लिये नहीं थामा था। अनहत पहले बैडमिंटन खेला करती थीं, लेकिन अपनी बड़ी बहन अमीरा को देखकर उन्होंने भी स्क्वाश खेलना शुरू कर दिया। अब उनका सपना है कि वह राष्ट्रमंडल खेल और विश्व खिताब जीतें।
उन्होंने स्क्वाश के साथ अपने प्रेम के बारे में कहा, "मैंने पहले-पहल स्क्वाश खेलना शुरू किया क्योंकि मुझे दीवार से गेंद के लगने की आवाज़ पसंद थी। मुझे अलग-अलग खेल अनुभव करना पसंद है लेकिन स्क्वाश सबसे ज्यादा पसंद है। मैं कोर्ट में काफी तेजी से खेल सकती हूं और हार नहीं मानती, भले ही मेरा स्कोर पीछे ही क्यों न हो।"
14 वर्षीय अनहत बर्मिंघम 2022 में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली और स्क्वाश में हिस्सा लेने वाली सबसे युवा खिलाड़ी हैं। भारत के राष्ट्रीय कोच साइरस पोंचा का मानना है कि अगले 12 दिनों तक युवा अनहत पर कोई दबाव नहीं होगा। कोच उम्मीद करते हैं कि अनहत अपने अनुभवी साथियों, सौरव घोषाल और जोशना चिनप्पा से कुछ सीख सकेंगी, जो 2018 गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में युगल रजत जीते थे।
उन्होंने कहा, "यह खेल अनहत के लिये महत्वपूर्ण होने वाले हैं। उसके पास बहुत प्रतिभा है और साथ काम करना भी आसान है। अनहत की सबसे बड़ी क्षमता उसकी रफ्तार है और वह दूसरे युवा खिलाड़ियों के विपरीत गेंद को सीधा मारती है। यहां बर्मिंघम आना और सौरव घोषाल और जोशना चिनप्पा जैसे अनुभवी खिलाड़ियों के साथ समय बिताना एक शानदार सीखने का अनुभव होगा।"
(वार्ता)