शुक्रवार, 22 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. चंद्रयान-3
  4. How Pakistani reacted to Chandryaan-3s success
Written By
Last Modified: इस्लामाबाद , शनिवार, 26 अगस्त 2023 (17:18 IST)

Pakistan Reaction Over Chandrayaan-3 : पहले उड़ाया था मजाक, अब ISRO के आगे नतमस्तक हुआ पाकिस्तान, क्या बोले फवाद चौधरी

chandrayaan 3 photo
Pakistan Reaction Over Chandrayaan-3 :  भारत के चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3)  मिशन की सफलता को "महान वैज्ञानिक उपलब्धि" बताते हुए पाकिस्तान ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिकों की सराहना की। भारत ने 2019 में चंद्रयान-2 मिशन लॉन्च किया था, जो सतह पर उतरने से पहले ही फेल हो गया था। तब पाकिस्तान की आम अवाम के साथ-साथ पाकिस्तान के राजनेताओं ने भी मजाक बनाया था, लेकिन अब पाकिस्तान ने भी इसरो के वैज्ञानिकों का लोहा माना है। पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने भी भारत की इस उपलब्धि की सराहना की।
 
तब पाकिस्तान के आईटी मंत्री फवाद चौधरी ने कहा था कि जो काम नहीं आता उसे भारत क्यों कर रहा है। लेकिन भारत ने अपने विरोधियों की आलोचनाओं की परवाह नहीं की और चार साल बाद उसने कामयाबी हासिल कर ली है।
 
पाकिस्तान के प्रमुख दैनिक समाचार-पत्रों ने अमीर देशों की तुलना में कम बजट में इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए भारत की तारीफ की।
विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच से शुक्रवार को दैनिक संवाददाता सम्मेलन के दौरान चंद्रयान-3 लैंडर मॉड्यूल की सफल सॉफ्ट-लैंडिंग पर प्रतिक्रिया देने के लिए कहा गया था।
 
उन्होंने अपनी संक्षिप्त प्रतिक्रिया में कहा कि मैं केवल यह कह सकती हूं कि यह एक महान वैज्ञानिक उपलब्धि है। इसके लिए इसरो के वैज्ञानिक सराहना के पात्र हैं।”
 
पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर अब तक भारत की ऐतिहासिक सफलता को नजरअंदाज किया था। हालांकि, पाकिस्तानी समाचार पत्रों ने इस ऐतिहासिक क्षण को पहले पन्ने पर स्थान दिया।
 
समाचार पत्र ‘डॉन’ ने अपने संपादकीय 'भारत की अंतरिक्ष खोज' में चंद्रयान-3 मिशन की सफलता को ऐतिहासिक बताया। उसने कहा कि भारत इस विशेष उपलब्धि के लिए सराहना का पात्र है, क्योंकि उसने कम बजट में वह हासिल किया, जो अमीर देशों ने बड़ी रकम खर्च करके हासिल किया था।
 
समाचार पत्र ने अपने संपादकीय में कहा कि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की सफलता की कुंजी शायद सरकार से लगातार मिलने वाला समर्थन है। इसके अलावा, इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की गुणवत्ता और समर्पण भी, जिन्होंने इस कठिन मिशन को संभव बनाने में मदद की।
 
इसमें कहा गया है कि तुलनाएं वास्तव में घृणित हैं, लेकिन पाकिस्तान के पास भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की सफलता से सीखने के लिए बहुत कुछ हो सकता है। पाकिस्तान का अंतरिक्ष कार्यक्रम भारत से पहले शुरू किया गया था, लेकिन उसे मामूली सफलता मिली।”
 
समाचार पत्र ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने 'इंडियाज लूनर लॉरेल' शीर्षक से प्रकाशित संपादकीय में कहा कि भारत की महत्वाकांक्षी उड़ान ने वास्तव में कुछ ऐसा हासिल किया है, जिसे पाने में अमेरिका, सोवियत-संघ और चीन के अंतरिक्ष कार्यक्रम विफल रहे।  एजेंसियां  Edited By : Sudhir Sharma
ये भी पढ़ें
बुलंदशहर में मोटर सुधारने कुएं में उतरे 3 किसानों की मौत