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मुझे डर था कि सनी देओल का ढाई किलो का हाथ न पड़ जाए: श्रेयस तलपदे

मुझे डर था कि सनी देओल का ढाई किलो का हाथ न पड़ जाए: श्रेयस तलपदे - Sunny Deol, Poster Boys, Shreyas Talpade
'मेरे लिए पहले-पहले बड़ी मुश्किल हुई कि मैं दोनों करूं। अभिनय भी करूं और निर्देशन भी करूं। मेरे साथ तो ये हुआ कि जैसे ही मेरा शॉट शुरू होने वाला होता था, मैं अपने ही डायलॉग भूल जाता था। फिर एक बार मेरे साथ काम करने वाले एक शख्स ने कहा कि अगर इसी तरह मैं काम करता रहा और डायलॉग भूलता रहा तो मैं ही अपनी फिल्म को खराब कर डालूंगा। उसके बाद मैंने अपने काम पर फोकस करना शुरू कर दिया। वैसे भी ये कोई लाइव मीडिया तो है नहीं कि आपने एक बार किया और हो गया। आप काम करके या शॉट देकर फिर से चेक तो कर ही सकते हैं ना, लेकिन फिर भी शॉट शुरू होने के बाद मेरी सारी चिंता ये होती थी कि सबने अपने संवाद बोल लिए हैं? फिर मैंने भी बतौर एक्टर ही शॉट्स दिए और सनी पाजी ने भी कभी नहीं कहा कि इतने टैक्स क्यों ले रहा है लेकिन 2-3 दिन में वो समय लगा फिर सब ठीक रहा।' श्रेयस तलपदे द्वारा निर्देशित 'पोस्टर बॉयज़' हाल ही में प्रदर्शित हुई है। पेश है उनसे सवाल-जवाब। 
 
'पोस्टर बॉइज' पहले मराठी में बनी और अब हिन्दी में ला रहे हैं। क्या बदलाव किए हैं?
कहानी में तो कोई अंतर नहीं किया है मैंने। वैसे भी ये तो कोई सही नहीं होगा कि जो चीज मराठी में चली सबने पसंद किया, उसे मैं हिन्दी में सिर्फ एक एक्सपेरिमेंट के तौर पर बदल दूं। हां लेकिन हमने ट्रीटमेंट पर काम किया। मराठी 'पोस्टर बॉइज' महाराष्ट्र में बनी फिल्म थी और हिन्दी में हमने इसे उत्तर भारत की कहानी बताया है या थोड़े से कैरेक्टर बदले हैं लेकिन आत्मा हमने समान रखी है, बस उसके कपड़े जरा बदल दिए हैं।
 
सनी और बॉबी दोनों ने ही मराठी 'पोस्टर बॉइज' नहीं देखी, कोई खास कारण?
हां, लेकिन मुझे उनका न देखना ज्यादा ठीक लगा, क्योंकि कई बार आप जब ओरिजिनल फिल्म देख लेते हैं तो आप उससे प्रभावित होकर एक्टिंग कर सकते हैं। दोनों ने कहा कि हम इसे फ्रेश तरीके से दिखाना चाहते हैं तो अगर तुम्हें आपत्ति न हो तो हम दोनों मराठी 'पोस्टर बॉइज' नहीं देखना चाहेंगे। फिर मैंने कह दिया ये आपका मन है। आपको इच्छा नहीं है तो मत देखिए। मेरे लिए तो ये काम कर गया, क्योंकि दोनों ने अपने फ्लेवर के साथ काम किया है।
 
आपने तो कॉलेज में थिएटर किया है?
हां, मैंने कॉलेज में बहुत सारे नाटक किए हैं, नाटक के हर पहलू से लगभग वाकिफ भी रहा हूं। मैं नाटकों में डायलॉग या कहानी लिख लेता था, कभी भी निर्देशन नहीं किया है मैंने। जब मैंने कुछ साल पहले फिल्म निर्माण शुरू किया, तब कहीं लगा कि मेरे पास भी कुछ कहानियां हैं, जो मैं अपने तरीके से कहना चाहूंगा। तो मैंने सोचा तो था लेकिन ऐसे काम शुरू हो जाएगा ये नहीं सोचा।
 
सनी पाजी या उनके ढाई किलो के हाथ से डर नहीं लगा कि कहीं निर्देशक पर अभिनेता हावी न हो जाए?
शुरुआती दौर में मुझे जरूर लगा, क्योंकि आप उनकी फिल्में देखकर बड़े हुए हैं। फिर डर भी लगा कि कहीं मुझे उनका ढाई किलो का हाथ पड़ न जाए। मुझे लगा कि बहुत गुस्से वाले होंगे। डांट देते होंगे लेकिन था उल्टा। वे एकदम शांत रहते थे। सेट पर ज्यादा बोलते नहीं थे। शायद इसीलिए वे बड़े अप्रत्याशित से लगने लगते हैं कि अभी कुछ बोलें या चुप रहना बेहतर होगा। लेकिन उन्होंने मेरी सोच को कभी रोका नहीं बल्कि उसे और भी संवारने में मेरी मदद ही की है। मुझे याद है वे आते थे और कहते थे कि मैंने न सीन का कुछ सोचा है, तू सुन ले न, अच्छा लगा लगे तो बदलाव कर लेना।
 
धर्मेन्द्र ने भी कहानी सुनी थी न?
हां, उन्होंने मुझे बुलाया और कहानी सुनाने को कहा। मैंने बताया कि कैसे तीन बेचारे से बंदों की फोटो नसबंदी के पोस्टर में छप जाती है। फिर बोले ये कहानी तुम सनी और बॉबी के साथ करने वाले हो, तो मैंने हां कह दिया। धरमजी बोले कि अच्छी है कहानी। वैसे भी तुम नए बच्चे नई कहानी लेकर आते हो। मेरे लिए भी लाओ कोई कहानी लेकिन ये नसबंदी या दारूबंदी जैसी कहानी मैं नहीं कर सकता।
 
कभी आपके साथ ऐसा हुआ है कि आपका कोई फोटो आपकी जानकारी के बाहर छप गया हो?
मेरे साथ 'गोलमाल' की शूटिंग के दौरान हुआ था। किसी कपड़े की दुकान के बाहर मेरा फोटो छपा था और फिर किसी ने मुझे वहां की फोटो भी भेजी थी। उन्होंने पूछा कि ऊटी में कब शूट करने लगे। मैंने एक बार वीजू खोटे के बारे में ऐसा सुना था कि एक देसी दारू के दुकान पर उनका फोटो लगाया हुआ था लेकिन ऐसा होता रहता है।
 
आप एक बेहतरीन मिमिक्री आर्टिस्ट हैं। सेट पर कभी सनी या बॉबी के सामने कुछ किया है?
इस फिल्म में हमने सनी पाजी के कुछ फेमस डायलॉग्स यूज किए हैं जिसमें डायलॉग तो कोई और कहता है लेकिन वो सनी पाजी के अंदाज में कहता है। तो मैं नरेट करता ऑफिस में तो मैं उनके डायलॉग उनकी आवाज में ही मिमिक्री करते हुए बोलता था। एक बार मेरे ऑफिस में जब मैं नरेशन में था तो मैंने उसी तरीके को अपनाया और फिर बाद में अपने को-राइटर बंटी को देखा तो उसकी आंखें कुछ इशारा कर रही थीं। फिर मैंने सामने देखा तो सनी पाजी बैठे हुए थे। मैं तो एकदम शर्मसार हो गया और कहा, 'सॉरी'। मैं बस ऐसे ही कर रहा था। तो फिर सनी पाजी बोले, कोई बात नहीं करते रहो।
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