गुरुवार, 28 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. मनोरंजन
  2. बॉलीवुड
  3. मुलाकात
  4. dibyendu bhattacharya talks about his news web Series Aar Yaa Paar and ott platforms
Last Updated : बुधवार, 4 जनवरी 2023 (11:35 IST)

बॉलीवुड का ही क्यों, नेताओं या भ्रष्ट लोगों का भी बायकॉट कीजिए: दिब्येंदु भट्टाचार्य

बॉलीवुड का ही क्यों, नेताओं या भ्रष्ट लोगों का भी बायकॉट कीजिए: दिब्येंदु भट्टाचार्य | dibyendu bhattacharya talks about his news web Series Aar Yaa Paar and ott platforms
नई सीरिज 'आर या पार' आ रही है जिसमें दिब्येंदु भट्टाचार्य ने भी अहम किरदार निभाया है। वे ऐसे कलाकार हैं जो संवेदनशील हैं, अपनी जिम्मेदारियों को समझते हैं और अपने काम के प्रति समर्पित हैं। अपने विचारों को व्यक्त करने से हिचकिचाते नहीं हैं। पेश है दिब्येंदु भट्टाचार्य से बातचीत के मुख्य अंश: 
 
ओटीटी प्लेटफॉर्म पर हर सप्ताह नई सीरिज, शो और फिल्में आ रही हैं। क्या यह अति नहीं हो रहा है? 
ओटीटी प्लेटफॉर्म बूम पर है और इसमें कोई बुराई नहीं है। फिल्म इंडस्ट्री में गिने-चुने ऐसे लोग होते हैं जिनके पास खूब काम होता है, लेकिन कई ऐसे लोग हैं जो रोज काम कर कमाते हैं। उनके लिए यह अच्छी बात है। वैसे भी फिल्में कम बन रही है। टीवी पर रूढ़िवादी कंटेंट है, ऐसे में ओटीटी प्लेटफॉर्म दर्शकों के लिए अच्छा विकल्प है। जिस तरह कार बनाने वाली कई कंपनियां हैं। अलग-अलग रेस्तरां हैं। लोग अपने हिसाब से कार या भोजन चुनते हैं। वैसे ही अपनी चॉइस के अनुसार कंटेंट देखना पसंद करते हैं। माना कि हर सीरिज देखने लायक नहीं होती है, लेकिन इससे फिल्म इंडस्ट्री का भला हो रहा है। यहां पर ऐसे विषय दिखाए जा रहे हैं जिन पर कभी फिल्म भी नहीं बन सकती थी। फिल्मों में पेड़ के इर्दगिर्द डांस कर गाना या बाप का बदला लेने वाले एक्शन पर बरसों तक फिल्में बनती रहीं। फिल्मों का सही इस्तेमाल मेकर्स ने नहीं किया, लेकिन ओटीटी पर यह हो रहा है।  
 
जिस तरह से फिल्मों में स्टार सिस्टम ने आकर अपना एकाधिकार जमाया। वैसा एकाधिकार ओटीटी पर भी हो सकता है? 
जरूर हो सकता है। लेकिन यह धीरे-धीरे होगा। फिल्में बनना कम हो रही है तो ये लोग ओटीटी पर ही आएंगे। ये प्रोड्यूसर और डायरेक्टर पर निर्भर है कि वे इन एक्टर्स को भी मौका देते रहे जिन्होंने अपने कंधों पर सीरिज को चलाया है। 

 
ओटीटी पर क्राइम आधारित शोज़ को इतना पसंद क्यों किया जाता है? 
दर्शकों को क्राइम आधारित शो देखना पसंद है। टेलीविजन को ही लीजिए, क्राइम पेट्रोल खूब देखा जाता है। ऐसा नहीं है कि भारत में ही, बल्कि पूरी दुनिया में क्राइम बेस्ड मूवीज और शो खूब पसंद किए जाते हैं। भारत में भेड़चाल ज्यादा है। मिर्जापुर हिट हुआ तो कई मिलती-जुलती सीरिज आ गई। किसी में 50 गालियां रखी गईं तो दूसरे ने 100 गालियां शो में रख ली। यही हाल बोल्ड सीन का भी है। इस भेड़चाल से उबरना होगा। 
 
आपकी आने वाली सीरिज 'आर या पार' की क्या खासियत है? 
कहानी। यह अनोखी और दिलचस्प है। इस तरह की कोई भी भारतीय सीरिज आपको ओटीटी पर नहीं मिलेगी। दिखाया गया है कि इंसान का लालच कितना भयंकर हो सकता है। वो खुद के अलावा गांव और कौम को भी नुकसान पहुंचा सकता है। इस सीरिज से बेहतरीन कलाकार जुड़े हुए हैं। क्रिएटिव पर्सन जुड़े हुए हैं। अच्छा प्लेटफॉर्म और बड़ा कैनवास है। मुझे विश्वास है कि यह सीरिज पसंद की जाएगी। 
 
आखिरी सवाल। बॉलीवुड के प्रति लोगों में इतना गुस्सा क्यों है? क्यों लोग नाराज है? 
यह सब सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद शुरू हुआ। मैं इस बात का समर्थन नहीं करता। क्यों कोई उन नेताओं का बॉयकॉट नहीं करता जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। क्यों कोई उनका बॉयकॉट नहीं करता जो पैसे लेकर भाग गए है? क्यों कोई उस डिपार्टमेंट में काम करने वालों का बॉयकॉट नहीं करता जो ठीक से काम नहीं करते? इनका बहिष्कार कीजिए। कलाकार सॉफ्ट टारगेट हैं इसलिए हर बार उन पर ही निशाना लगाया जाता है। 
ये भी पढ़ें
महज 14 साल की उम्र में तुनिषा शर्मा ने रखा था एक्टिंग की दुनिया में कदम