गुरुवार, 21 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. दिवस विशेष
  3. जयंती
  4. Sarojini naidu jyanati 2024
Written By WD Feature Desk

13 फरवरी : सरोजिनी नायडू की जयंती, जानें 15 अनसुनी बातें

13 फरवरी : सरोजिनी नायडू की जयंती, जानें 15 अनसुनी बातें - Sarojini naidu jyanati 2024
Sarojini naidu birth anniversary
HIGHLIGHTS
* सरोजिनी नायडू देश की पहली महिला राज्यपाल थीं। 
* उनका निधन 2 मार्च 1949 को हार्ट अटैक से लखनऊ में हुआ था।
* सरोजिनी नायडू द नाइटिंगेल ऑफ इंडिया के नाम से प्रसिद्ध रहीं। 
 
Sarojini Naidu: देश की पहली महिला राज्यपाल रहीं सरोजिनी नायडू का 13 फरवरी 1879 में हैदराबाद में जन्‍म हुआ था। बचपन से ही वे पढ़ाई-लिखाई में अव्‍वल थी। अपनी आगे की पढ़ाई के लिए वह इंग्‍लैंड चली गई थीं। किंग्‍स कॉलेज से पढ़ाई की और इसके बाद कैम्बिज के गिरटन कॉलेज में अध्ययन करने का अवसर मिला। 
 
आइए जानते हैं उनके बारे में 12 रोचक बातें....
 
1. सरोजिनी नायडू कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष थीं।
 
2.19 साल की उम्र में पिता अघोरनाथ चट्टोपाध्याय ने गोविंदराजुलू नायडू से विवाह कर दिया।  पिता जी एक वैज्ञानिक और शिक्षाशास्त्र थे। और मां वरदा सुंदरी कवयित्री थीं वे बंगाली भाषा में कविताएं लिखती थीं।  
 
3. सरोजिनी नायडू का साहित्‍य के क्षेत्र में खास योगदान रहा। बचपन से ही कविताएं लिखने का खूब शौक था। 1905 में उनकी पहली कविताओं का संग्रह 'द गोल्डन थ्रेसहोल्ड' प्रकाशित हुआ था।  
 
4. सरोजिनी नायडू बृह भाषाविद थी वह क्षेत्रानुसार भाषण देती थी। उनकी अंग्रेजी, हिंदी, बंगला और गुजराती पर बहुत अच्छी पकड़ थी। सरोजिनी ने लंदन में अंग्रेजी में बोलकर वहां मौजूद लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया था।  
 
5.इडमंड ने सरोजिनी को भारतीय विषयों को ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी थी। सरोजिनी को भारत, पर्वत, नदियों, और मंदिरों अपनी कविता में जगह देने के लिए प्रेरित किया था।  
 
6.बचपन से ही होनहार सरोजिनी नायडू ने मात्र 13 वर्ष की उम्र में 1300 पदों की झील की रानी  नामक  लंबी कविता लिखी थी और करीब 2000 पंक्तियों का एक नाटक भी लिखा था। यह नाटक उन्‍होंने अंग्रेजी में लिखा था।  
7. सरोजिनी नायडू अधिक ज्ञान अर्जित करने के लिए इंग्‍लैंड गई थीं। लेकिन वहां का मौसम अनुकूल नहीं होने के कारण वह वहां से लौट आई थीं।  
 
8.गांधी जी से मिलने के बाद जैसे उनका जीवन ही बदल गया था। देश को आजाद कराने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहीं। भारतीय समाज में जातिवाद और लिंग-भेद को मिटाने के लिए भी उन्‍होंने कई सारे कार्य किए।  
 
9.महान कवियत्री सरोजिनी नायडू ने महिलाओं के लिए अपनी आवाज बुलंद की थी। जिस कारण सरोजिनी नायडू के जन्मदिन के अवसर पर पूरे भारत में 13 फरवरी को राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है।  
 
10. महात्मा गांधी खुद सरोजिनी नायडू से इतने प्रभावित हुए थे, कि सरोजिनी नायडू को 'भारत की कोकिला' कहने लगें।
 
11. 1914 में उनकी गांधी जी से मुलाकात हुई। वह उनके विचारों से काफी प्रभावित हुई और अपना संपूर्ण जीवन देश की सेवा में लगा दिया। 
 
12. आगे चलकर सरोजिनी नायडू ने कई सत्याग्रह में भाग लिया। और भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जेल भी गई। 
 
13. सरोजिनी नायडू देश की आजादी के बाद गवर्नर बनने वाली  पहली महिला थीं। उन्‍होंने  उत्तर प्रदेश में पदभार ग्रहण किया था। 
 
14. 2 मार्च 1949 को 70 वर्ष की उम्र में सरोजिनी नायडू का निधन हुआ था, उस दौरान वह ऑफिस में काम कर रही थी और काम करते-करते उन्हें हार्ट अटैक आ गया था और दुनिया को अलविदा कह दिया। 
 
15. सरोजिनी नायडू एक कवयित्री होने के साथ-साथ, स्‍वतंत्रता सेनानी भी थीं। 'द नाइटिंगेल ऑफ इंडिया' के नाम से लोकप्रिय हुई थीं। 

ये भी पढ़ें
इस वसंत पंचमी पर देवी सरस्वती को चढ़ाएं यह खास भोग, नोट करें रेसिपी