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Written By BBC Hindi
Last Modified: शनिवार, 6 जनवरी 2024 (11:01 IST)

भारतीय नौसेना ने सोमालिया के पास फंसे जहाज से 15 भारतीयों को कैसे बचाया?

Cargo ship Leela Norfolk
Indian navy rescue operation : भारतीय नौसेना ने शुक्रवार शाम जानकारी दी है कि उसके कमांडो दस्ते ने सोमालिया के क़रीब फंसे मालवाहक जहाज़ में मौजूद 15 भारतीय समेत 21 सदस्यीय चालक दल को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है।
 
नौसेना ने बताया है कि इस मालवाहक जहाज़ (एमवी लीला नॉरफ़ॉक) पर चलाए गए सेनिटेशन अभियान के दौरान उन्हें कोई भी अपहरणकर्ता नहीं मिला है। नेवी ने इस बारे में स्पष्ट रूप से जानकारी दी है।
 
नेवी ने तीन वीडियोज़ भी जारी किए हैं जिनमें भारतीय कमांडो मालवाहक जहाज़ पर बचाव अभियान को अंजाम देते नज़र आ रहे हैं।
 
कब आई जहाज़ अग़वा होने की ख़बर
ब्राज़ील से बहरीन जा रहे लाइबेरियाई झंडे वाले मालवाहक जहाज़ एमवी लीला नॉरफ़ॉक के अग़वा होने से जुड़ी पहली ख़बर गुरुवार शाम आई।
 
जहाज़ में मौजूद चालक दल के सदस्यों की ओर से गुरुवार को यूके मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशन्स को एक संदेश भेजा गया।
 
यूके मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशन्स ब्रिटिश सेना का संगठन है जो रणनीतिक समुद्री मार्गों पर अलग-अलग जहाजों की चाल को ट्रैक करता है। चालक दल की ओर से भेजे गए संदेश में बताया गया कि जहाज़ पर पांच से छह हथियारबंद लोग चढ़ आए हैं।
 
इसके बाद गुरुवार को ही ये ख़बर भारतीय नौसेना को दी गयी जिसके बाद शिप और इसमें फंसे चालकदल के सदस्यों को सुरक्षित बाहर निकालने की दिशा में प्रयास शुरू किए गए।
 
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि इस घटना की जानकारी मिलते ही सेना की ओर से स्थापित किए गए प्लेटफॉर्मों ने त्वरित प्रतिक्रिया दी है। इसके बाद शुक्रवार दोपहर तक भारतीय नौसेना की कार्रवाई से जुड़ी ख़बरें आना शुरू हो गयीं।
 
Cargo ship Leela Norfolk
जहाज़ की ओर रवाना हुआ आईएनएस चेन्नई
इस दिशा में सबसे बड़ा और अहम कदम आईएनएस चेन्नई को सोमालिया के क़रीब फंसे इस जहाज़ के पास भेजा जाना रहा।
 
भारतीय नौसेना ने बताया है कि आईएनएस चेन्नई एंटी-पायरेसी गश्त पर तैनात था। लेकिन ये ख़बर आने के बाद इस युद्धपोत को मालवाहक जहाज़ की ओर रवाना किया गया।
 
इसके साथ ही भारतीय नौसेना ने अपने एक पेट्रोल एयरक्राफ़्ट को भी इस दिशा में भेजा जो मालवाहक जहाज़ के ऊपर से उड़कर गया। इस विमान ने मालवाहक जहाज़ के साथ संबंध भी स्थापित किया।
 
ड्रोन से रखी जा रही थी नज़र
भारतीय नौसेना ने बताया है कि आईएनएस चेन्नई ने पांच जनवरी दोपहर 3:15 मिनट पर एमवी लीला नॉरफ़ॉक को इंटरसेप्ट कर लिया था। इसके बाद इस जहाज़ पर प्रीडेटर एमक्यू9बी ड्रोन और इंटीग्रल हीलोज़ के ज़रिए लगातार नज़र रखी गयी।
 
इसके कुछ देर बाद आईएनएस चैन्नई पर मौजूद कमांडो दस्ते ने मालवाहक जहाज़ पर जांच प्रक्रिया शुरू की। मालवाहक जहाज़ नॉरफ़ॉक के रेस्क्यू मिशन को भारतीय नेवी के मुख्यालय में लाइव देखा जा रहा था।
 
नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी प्रिडेटर ड्रोन से आ रही फीड देख रहे थे। बताया गया है कि गुरुवार शाम जैसे ही हाईजैकिंग की ख़बर आई थी वैसे ही नेवी ने अपने ड्रोन्स को नॉरफॉक की निगरानी पर लगा दिया था।
 
सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने एएनआई को बताया कि ड्रोन संबंधित अधिकारियों को लाइव फुटेज भेज रहे थे। नेवी ने जो वीडियोज़ जारी किए हैं, उनमें कमांडोज़ एक-एक करके शिप के हिस्सों की जांच करते दिख रहे हैं। इन वीडियोज़ में कमांडोज़ को शिप पर चढ़ते हुए भी देखा जा सकता है।
 
नहीं मिले अपहरणकर्ता
भारतीय नौसेना ने कहा है कि उन्हें मालवाहक जहाज़ (एमवी लीला नॉरफ़ॉक) पर कोई अपहरणकर्ता नहीं मिला है। नेवी का आकलन है कि उनकी चेतावनी के बाद समुद्री डाकुओं ने अपना इरादा बदल लिया होगा।
 
भारतीय नौसेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "मरीन कमांडोज़ को मालवाहक जहाज़ की तलाशी के दौरान कोई समुद्री डाकू नहीं मिला। ऐसा लगता है कि भारतीय नौसेना की चेतावनी के बाद हाईजैक करने वालों ने अपना इरादा बदल लिया। "
 
जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद नेवी की ओर से जहाज में कामकाज को सामान्य ढंग से शुरू कराने की दिशा में ज़रूरी सहयोग उपलब्ध कराया जा रहा है।
 
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